देहरादून: विधानसभा के तीसरे दिन की कार्रवाई में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को विधायकों ने मुद्दों पर जमकर घेरा. जिसका असर सुबोध उनियाल पर भी साफ तौर से दिखाई दिया. सदन की कार्यवाही के आखिरी समय में सुबोध उनियाल की जुबान फिसल गई. जिससे पूरे सदन में हंगामा हो गया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनके बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया.
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन में उत्तराखंड के सेबों की ब्रांडिंग को लेकर चर्चा हो रही थी. तभी बीच सदन में माहौल तब अचानक से बिगड़ गया जब कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बोल उठे कि 'प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश तो अच्छे हो सकते हैं लेकिन नेताजी और गांधीजी कैसे अच्छे हो सकते हैं'
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इस बात पर विपक्ष ने सुबोध उनियाल पर महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अपमान का आरोप लगाया. हालांकि सुबोध उनियाल के इस बयान को विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल ही इस बयान को विधानसभा की कार्यवाही से हटा दिया.
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बात अगर सदन के तीसरे दिन मुद्दों की करें तो विपक्षी विधायक करन मेहरा ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से प्रदेश में जड़ी-बूटियों को लेकर सवाल पूछा. उन्होंने तथ्य देते हुए बताया कि प्रदेश में पतंजलि संस्थान अकेले सोलह सौ करोड़ का वार्षिक टर्नओवर कर रहा है लेकिन सरकार केवल 6 करोड़ का टर्नओवर ही कर रही है. उन्होंने सरकार की नियत पर सवाल उठाते गुए कहा कि मंत्री जी बताये गड़बड़ी कहां है?