देहरादून: शिक्षा विभाग की ओर से लगातार उत्तराखंड में सरकारी शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. जिससे कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की शिक्षा का स्तर सुधारने के साथ ही समय की बचत भी हो सके. इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड बोर्ड के 10 वीं कक्षा के परिणाम आने से पहले ही वह ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं. बता दें कि इससे पूर्व प्राइवेट स्कूलों में यह औपबंधिक व्यवस्था लागू थी. अब शिक्षा विभाग की और से सरकारी विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है, जिससे कि छात्र-छात्राओं का समय भी बच सके.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड बोर्ड की 10 और 12 वीं की परीक्षाएं सपन्न हो चुकी हैं. इसके साथ ही अभी परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चल रहा है. 9 मई को मूल्यांकन सम्पन्न होने के बाद बोर्ड की ओर से परीक्षा परिणाम तैयार किया जाएगा. जिसमें अभी काफी समय लग सकता है. इसलिए छात्रों के समय की बचत को देखते हुए निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों को 11 वीं कक्षा में औपबंधिक प्रवेश दिया जाए. वहीं 10 वीं कक्षा के परिणाम आने के बाद परीक्षा में पास होने वाले छात्र-छात्राओं का प्रवेश नियमित रहेगा और फेल होने पर प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: 'हरिद्वार ने विकास के नए आयाम स्थापित किए, उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रगति'
इसके साथ ही जो छात्र और छात्रा अपना विद्यालय भी बदलना चाहते हैं तो वह भी अपने पुराने स्कूल के प्रधानाचार्य से बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का प्रमाणपत्र निर्गत कर उसके बाद अन्य स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं. बता दें कि शिक्षा विभाग लगातार सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में प्रवेशोत्सव मनाया गया था. शिक्षा मंत्री के अनुसार 11 वीं कक्षा को छोड़कर 1 लाख 21 हजार छात्र सरकारी विद्यालय में प्रवेश ले चुके हैं तो अब इस नए प्रयोग से भी शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि 11 वीं कक्षा में अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं प्रवेश लेंगे.