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इंटेलिजेंस में तबादलों के लिए हो रही जोर आजमाइश, प्रकिया को लेकर खड़े हो रहे सवाल

पुलिस विभाग और इंटेलिजेंस में तबादलों को लेकर जोर आजमाइश कुछ कम नहीं है. खासकर इंटेलिजेंस में आने के लिए तो नागरिक पुलिस के जवान प्रक्रिया को भी दरकिनार कर सीधे इंटेलिजेंस मुख्यालय को ही ट्रांसफर के लिए आवेदन भेज रहे हैं.

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Published : Aug 22, 2019, 5:02 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 5:17 PM IST

इंटेलिजेंस में तबादलों के लिए हो रही जोर आजमाइश

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस में तबादलों को लेकर लगातार मारामारी देखने को मिल रही है. यहां पहाड़ों से उतरकर मैदानों में आने की चाहत अनुशासित बल के जवानों को भी नियमों से इतर जाने से नहीं रोक पा रही है.

शहरों में कानून, यातायात आदि व्यवस्था से लेकर पुलिस की भूमिका खासी अहम होती है, वहीं इंटेलिजेंस का भी इसमें अपना खास महत्व है. शायद यही कारण है कि इंटेलिजेंस में रखे जाने वाले कर्मियों को खासतौर पर परख कर चयनित किया जाता है. ऐसे में इंटेलिजेंस में तबादलों के दौरान किसी सिफारिश या पिक एंड चूज जैसी बातों के लिए कोई जगह नहीं होती.

इंटेलिजेंस में तबादलों के लिए हो रही जोर आजमाइश

पढ़ें-बरगद का वह पेड़, जिसे गांधी ने खुद लखनऊ में रोपा था

पुलिस विभाग और इंटेलिजेंस में तबादलों को लेकर जोर आजमाइश कुछ कम नहीं है. खासकर इंटेलिजेंस में आने के लिए तो नागरिक, पुलिस के जवान प्रक्रिया को भी दरकिनार कर सीधे इंटेलिजेंस मुख्यालय को ही ट्रांसफर के लिए आवेदन भेज रहे हैं. जबकि तय प्रक्रिया के तहत एसएसपी कार्यालय या पुलिस मुख्यालय को ही आवेदन भेजें जा सकते हैं.

पढ़ें-सरकार ने कराई होती केबल मार्किंग तो नहीं होता इतना बड़ा हादसा, पायलट के दोस्तों ने बताई यह बात

नागरिक पुलिस के इन कर्मियों के आवेदनों से खुद इंटेलिजेंस मुख्यालय भी परेशान है. शायद इसीलिए एसपी अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने जिलों के एसपी और एसएसपी को पत्र लिखकर कर्मियों द्वारा आवेदन भेजे जाने पर चिंता जाहिर की है. हालांकि डीजी अशोक कुमार इस मामले को सामान्य बताकर स्थितियों से मुंह मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें-उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर क्रैश: कैप्टन रंजीत लाल को मिला था 'हिल रत्न' अवॉर्ड, जानिए क्यों ?

मामले में चिंता की बात यह है कि हाल ही में पुलिस मुख्यालय स्तर पर 44 लोगों को चिह्नित कर इंटेलिजेंस मुख्यालय को इनके ट्रांसफर की लिस्ट सौंपी गई थी. 44 लोगों के चयन पर जब ईटीवी भारत ने अधिकारियों से सवाल किया तो पुलिस मुख्यालय समेत इंटेलिजेंस मुख्यालय तक ये मामला गरमा गया था. जिसके बाद एक बार फिर से जिलों से इंटेलिजेंस में जाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. हालांकि इससे पूर्व में अपनायी गयी तबादले की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस में तबादलों को लेकर लगातार मारामारी देखने को मिल रही है. यहां पहाड़ों से उतरकर मैदानों में आने की चाहत अनुशासित बल के जवानों को भी नियमों से इतर जाने से नहीं रोक पा रही है.

शहरों में कानून, यातायात आदि व्यवस्था से लेकर पुलिस की भूमिका खासी अहम होती है, वहीं इंटेलिजेंस का भी इसमें अपना खास महत्व है. शायद यही कारण है कि इंटेलिजेंस में रखे जाने वाले कर्मियों को खासतौर पर परख कर चयनित किया जाता है. ऐसे में इंटेलिजेंस में तबादलों के दौरान किसी सिफारिश या पिक एंड चूज जैसी बातों के लिए कोई जगह नहीं होती.

इंटेलिजेंस में तबादलों के लिए हो रही जोर आजमाइश

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पुलिस विभाग और इंटेलिजेंस में तबादलों को लेकर जोर आजमाइश कुछ कम नहीं है. खासकर इंटेलिजेंस में आने के लिए तो नागरिक, पुलिस के जवान प्रक्रिया को भी दरकिनार कर सीधे इंटेलिजेंस मुख्यालय को ही ट्रांसफर के लिए आवेदन भेज रहे हैं. जबकि तय प्रक्रिया के तहत एसएसपी कार्यालय या पुलिस मुख्यालय को ही आवेदन भेजें जा सकते हैं.

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नागरिक पुलिस के इन कर्मियों के आवेदनों से खुद इंटेलिजेंस मुख्यालय भी परेशान है. शायद इसीलिए एसपी अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने जिलों के एसपी और एसएसपी को पत्र लिखकर कर्मियों द्वारा आवेदन भेजे जाने पर चिंता जाहिर की है. हालांकि डीजी अशोक कुमार इस मामले को सामान्य बताकर स्थितियों से मुंह मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

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मामले में चिंता की बात यह है कि हाल ही में पुलिस मुख्यालय स्तर पर 44 लोगों को चिह्नित कर इंटेलिजेंस मुख्यालय को इनके ट्रांसफर की लिस्ट सौंपी गई थी. 44 लोगों के चयन पर जब ईटीवी भारत ने अधिकारियों से सवाल किया तो पुलिस मुख्यालय समेत इंटेलिजेंस मुख्यालय तक ये मामला गरमा गया था. जिसके बाद एक बार फिर से जिलों से इंटेलिजेंस में जाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. हालांकि इससे पूर्व में अपनायी गयी तबादले की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Intro:exclusive report......

summary-उत्तराखंड पुलिस में तबादलों को लेकर मारामारी कुछ कम नही है...यहां पहाड़ों से उतरकर👌 मैदानों में आने की चाहत अनुशासित बल के जवानों को भी नियमों से इतर जाने से नही रोक पाती...देखिये इंटेलिजेंस में तबादले को लेकर चल रही जोरआजमाइश पर ये रिपोर्ट....

शहरों में पुलिस की भूमिका कानून व्यवस्था से लेकर यातायात तक मे खासी अहम होती है..तो इंटेलिजेंस का भी अपना खास महत्व है..शायद यही कारण है कि इंटेलिजेंस में रखे जाने वाले कर्मियों को खासतौर पर परख कर चयनित किया जाता है...ऐसे में इंटेलिजेंस में तबादले के दौरान किसी सिफारिश या पिक एंड चूज जैसी बातों के लिए कोई जगह नही होती।


Body:पुलिस विभाग में भी तबादलों को लेकर जोर आजमाइश कुछ कम नहीं है...खासकर इंटेलिजेंस में आने के लिए तो नागरिक पुलिस के जवान प्रक्रिया को भी दरकिनार कर सीधे इंटेलिजेंस मुख्यालय को ही ट्रांसफर के लिए आवेदन भेज रहे हैं..जबकि तय प्रक्रिया के तहत वो एसएसपी कार्यालय या पुलिस मुख्यालय को ही आवेदन भेज सकते हैं। नागरिक पुलिस के इन कर्मियों के आवेदनों से खुद इंटेलिजेंस मुख्यालय भी परेशान है... शायद इसीलिए एसपी अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने जिलों के एसपी और एसएसपी को पत्र लिखकर कर्मियों द्वारा आवेदन भेजे जाने पर चिंता जाहिर की है। हालांकि डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार इस मामले को सामान्य बताकर स्थितियों से मुंह मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। 


बाईट अशोक कुमार डीजी कानून व्यवस्था


मामले में चिंता की बात यह है कि हाल ही में पुलिस मुख्यालय के स्तर पर 44 लोगों को चिन्हित कर इंटेलिजेंस मुख्यालय को इनके ट्रांसफर को लेकर लिस्ट सौंपी गई थी। इस मामले पर ईटीवी भारत ने जब 44 लोगों को ही क्यों चिन्हित किया गया इस सवाल पर अधिकारियों से बात करनी चाही तो पुलिस मुख्यालय समेत इंटेलिजेंस मुख्यालय तक ये मामला गरमा गया...आनन-फानन में एक बार फिर जिलों से इंटेलिजेंस में जाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं... हालांकि इससे पूर्व में अपनायी गयी तबादले की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं ।




Conclusion:ऐसा नही की पुलिस में तबादलों पर अधिकारियों का नियंत्रण नही...राज्य का पुलिस महकमा इस प्रक्रिया को अच्छी तरह से पूरा करता है...ऐसे में जरूरत है कि महकमा ऐसे कोई भी सवाल न खड़े होने दे जिसका पुलिस बल पर गलत असर पड़े।

पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
Last Updated : Aug 22, 2019, 5:17 PM IST
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