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उत्तराखंड में अब बांस से बनेंगे स्कूली भवन, शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव को दी मंजूरी - bamboo will stop loss of land

अब आपदा के नजरिए से बेहद संवेदनशील 5,041 सरकारी विद्यालयों और वन भूमि में भवन विहीन 76 विद्यालयों के भवनों का निर्माण बांस से किया जाएगा. जिससे आने वाले समय में भूंकप और आपदा से कम से कम नुकसान होगा.

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उत्तराखंड में बांस से बनेंगे स्कूलों के भवन
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Published : Dec 14, 2019, 5:08 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यहां भूकंप और आपदा जैसे हालात बनना आम बात हैं. ऐसे में राज्य के बेहद संवेदनशील 5,041 सरकारी स्कूलों और वन भूमि में बिना भवन के 76 स्कूलों के भवनों का निर्माण बांस के किया जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड शासन ने बांस एवं रेशा परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में आने वाले उत्तराखंड में अगर बांस से भवन बनाये जाते हैं तो ऐसे में भूकंप आने पर इन भवनों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम रहती है. इसके साथ ही इससे बेहद कम जान-माल की हानि होती है. यही नहीं बांस से भवन बनाने में कम खर्चा आता है.

उत्तराखंड में बांस से बनेंगे स्कूलों के भवन.

पढ़ें-बर्फबारी के बीच शोभा को ब्याहने के लिए निकली राजेंद्र की बारात, VIDEO VIRAL

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना है. यही वजह है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में बने स्कूलों को जोन 4 और जोन 5 में बांटते हुए विद्यालयों के पुनर्निर्माण की जरूरत बताई गई है. आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के 528 स्कूलों को जोन-चार में और 4513 स्कूलों को जोन-पांच में शामिल किया है. लिहाजा, इन स्कूलों में भवन का निर्माण बांस से किया जाएगा. इस संबंध में बैंबू बोर्ड द्वारा शिक्षा विभाग को भेजे गए प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है.

पढ़ें-रुद्रप्रयाग: अराजक तत्वों ने वाहनों में की तोड़फोड़, 'खाकी' की सुस्त चाल से व्यापारियों में रोष

ऐसे में अब आपदा के नजरिए से बेहद संवेदनशील 5,041 सरकारी विद्यालयों और वन भूमि में भवन विहीन 76 विद्यालयों के भवनों का निर्माण बांस से किया जाएगा. जिससे आने वाले समय में भूंकप और आपदा से कम से कम नुकसान होगा.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते यहां भूकंप और आपदा जैसे हालात बनना आम बात हैं. ऐसे में राज्य के बेहद संवेदनशील 5,041 सरकारी स्कूलों और वन भूमि में बिना भवन के 76 स्कूलों के भवनों का निर्माण बांस के किया जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड शासन ने बांस एवं रेशा परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में आने वाले उत्तराखंड में अगर बांस से भवन बनाये जाते हैं तो ऐसे में भूकंप आने पर इन भवनों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम रहती है. इसके साथ ही इससे बेहद कम जान-माल की हानि होती है. यही नहीं बांस से भवन बनाने में कम खर्चा आता है.

उत्तराखंड में बांस से बनेंगे स्कूलों के भवन.

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उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना है. यही वजह है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में बने स्कूलों को जोन 4 और जोन 5 में बांटते हुए विद्यालयों के पुनर्निर्माण की जरूरत बताई गई है. आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के 528 स्कूलों को जोन-चार में और 4513 स्कूलों को जोन-पांच में शामिल किया है. लिहाजा, इन स्कूलों में भवन का निर्माण बांस से किया जाएगा. इस संबंध में बैंबू बोर्ड द्वारा शिक्षा विभाग को भेजे गए प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है.

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ऐसे में अब आपदा के नजरिए से बेहद संवेदनशील 5,041 सरकारी विद्यालयों और वन भूमि में भवन विहीन 76 विद्यालयों के भवनों का निर्माण बांस से किया जाएगा. जिससे आने वाले समय में भूंकप और आपदा से कम से कम नुकसान होगा.

Intro:उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते भूकंप आना और आपदा जैसे हालात बनना आम बात है। ऐसे में उत्तराखंड राज्य के बेहद संवेदनशील 5,041 सरकारी स्कूलों और वन भूमि में बिना भवन के 76 स्कूलों के भवनों का निर्माण बॉस के किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड शासन ने बांस एवं रेशा परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।





Body:भूकंप के लिहाज से जोन चार और पांच में आने वाले उत्तराखंड में अगर बास से भवन निर्मित किए जाते हैं तो ऐसे में भूकंप आने पर इन भवनों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम रहती है। इसके साथ ही बेहद कम जान- माल की हानि होती है। यही नहीं बांस से भवन निर्मित करने में खर्चा कम आता है।


उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना है यही वजह है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में बने स्कूलों को जोन 4 और जोन 5 में बांटते हुए विद्यालयों के पुनर्निर्माण की जरूरत बताई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के 528 स्कूलो को जोन-चार में और 4513 स्कूलो को जोन-पांच में शामिल किया हैं। लिहाजा इन स्कूलों का निर्माण बांस से किया जाएगा। इस संबंध में बैंबू बोर्ड द्वारा शिक्षा विभाग को भेजे गए प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है।





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