देहरादून: बीते कुछ दिनों पहले एक शख्स ने किन्नर नेता रजनी रावत पर गंभीर आरोप लगाये थे. अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. पूर्व राज्य मंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने वाला शख्स अपने लगाये गये आरोपों से मुकर गया है. साथ ही रजनी रावत गुट से समझौता कर मुकदमों को वापस ले लिया है. वहीं, इस मामले में अन्य गुट का कहना है कि शिकायतकर्ता ने दबाब में आकर केस वापस लिया है.
देहरादून में पिछले दिनों चर्चा में आये एक हाईप्रोफाइल संगीन आपराधिक मामले में पूर्व राज्यमंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत को राहत मिली है. रजनी रावत पर आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता ने मामले में मुकदमा वापस ले लिया है. साथ ही शिकायतकर्ता ने इस मामले में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से भी इनकार किया है. इतना ही नहीं कुछ दिन पहले तक अपने साथ अमानवीय तरीके से ज़ुल्म की कहानी बताने वाला शिकायतकर्ता अब समझौते की बात कर रहा है.
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बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर किन्नरों की मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. मारपीट के इस मामले में एक ट्रांसजेंडर ने आरोप लगाया गया कि किन्नर नेता रजनी रावत गुट के लोग उसे अपने साथ उठाकर ले गये थे. जहां उन्होंने उसके साथ जानवरों से अमानवीय व्यवहार और मारपीट की. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पीड़ित ट्रांसजेंडर ने मीडिया के सामने आकर पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद से रजनी रावत गुट पर कानून की तलवार लटक रही थी.
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वहीं, अब शिकायतकर्ता ट्रांसजेंडर ने इस मामले में अपना मुकदमा वापस लेते हुए सभी आरोपों से इनकार किया है. रजनी रावत गुट को मिली राहत पर बोलते हुए एक अन्य किन्नर गुट का कहना है कि शिकायतकर्ता बिलाल ने किसी दबाव में आकर मुकदमा वापस लिया है. किन्नर गुट ने इस मामले में जांच की बात कही है.
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बहरहाल, मुकदमा वापस लेकर रजनी रावत गुट से समझौता करने वाला ट्रांसजेंडर बिलाल किस दबाव में आकर बयानों से मुकर रहा है यह तो जांच का विषय है, लेकिन जिस तरह से वह अपने साथ हुए ज़ुल्म भरी कहानी को रजनी रावत के विरोधियों पर थोप रहा है यह दावा हजम होने वाला नहीं है.
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बिलाल और रजनी गुट के लोगों का भी ये मानना है कि मारपीट का वीडियो रजनी रावत के घर के बरामदे का है. बावजूद इसके रजनी रावत गुट के लोग दूसरे गुट के लोगों पर ही मारपीट का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरा किन्नर गुट रजनी रावत के घर में घुसकर कैसे मारपीट कर सकता है, जबकि रजनी रावत का घर किले की तरह अभेद है. ऐसे में साफ तौर पर पता चलता है कि शिकायतकर्ता बिलाल किसी दबाव में आकर झूठ बोल रहा है.