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किन्नर मारपीट मामला: रजनी रावत गुट को मिली राहत, शिकायतकर्ता ने वापस लिया मुकदमा

पिछले कुछ दिनों पहले रजनी रावत पर आरोप लगाने वाल शख्स ने अपना मुकदमा वापस ले लिया है. साथ ही शिकायतकर्ता ने मामले में किसी भी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया है.

किन्नर मारपीट मामला.
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Published : Aug 10, 2019, 8:14 PM IST

Updated : Aug 10, 2019, 9:04 PM IST

देहरादून: बीते कुछ दिनों पहले एक शख्स ने किन्नर नेता रजनी रावत पर गंभीर आरोप लगाये थे. अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. पूर्व राज्य मंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने वाला शख्स अपने लगाये गये आरोपों से मुकर गया है. साथ ही रजनी रावत गुट से समझौता कर मुकदमों को वापस ले लिया है. वहीं, इस मामले में अन्य गुट का कहना है कि शिकायतकर्ता ने दबाब में आकर केस वापस लिया है.

किन्नर मारपीट मामला.

देहरादून में पिछले दिनों चर्चा में आये एक हाईप्रोफाइल संगीन आपराधिक मामले में पूर्व राज्यमंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत को राहत मिली है. रजनी रावत पर आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता ने मामले में मुकदमा वापस ले लिया है. साथ ही शिकायतकर्ता ने इस मामले में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से भी इनकार किया है. इतना ही नहीं कुछ दिन पहले तक अपने साथ अमानवीय तरीके से ज़ुल्म की कहानी बताने वाला शिकायतकर्ता अब समझौते की बात कर रहा है.

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बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर किन्नरों की मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. मारपीट के इस मामले में एक ट्रांसजेंडर ने आरोप लगाया गया कि किन्नर नेता रजनी रावत गुट के लोग उसे अपने साथ उठाकर ले गये थे. जहां उन्होंने उसके साथ जानवरों से अमानवीय व्यवहार और मारपीट की. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पीड़ित ट्रांसजेंडर ने मीडिया के सामने आकर पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद से रजनी रावत गुट पर कानून की तलवार लटक रही थी.

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वहीं, अब शिकायतकर्ता ट्रांसजेंडर ने इस मामले में अपना मुकदमा वापस लेते हुए सभी आरोपों से इनकार किया है. रजनी रावत गुट को मिली राहत पर बोलते हुए एक अन्य किन्नर गुट का कहना है कि शिकायतकर्ता बिलाल ने किसी दबाव में आकर मुकदमा वापस लिया है. किन्नर गुट ने इस मामले में जांच की बात कही है.

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बहरहाल, मुकदमा वापस लेकर रजनी रावत गुट से समझौता करने वाला ट्रांसजेंडर बिलाल किस दबाव में आकर बयानों से मुकर रहा है यह तो जांच का विषय है, लेकिन जिस तरह से वह अपने साथ हुए ज़ुल्म भरी कहानी को रजनी रावत के विरोधियों पर थोप रहा है यह दावा हजम होने वाला नहीं है.

पढ़ें-उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों की सैटेलाइट से होगी मॉनिटरिंग, नदियों के पास बनेगा वैकल्पिक मार्ग

बिलाल और रजनी गुट के लोगों का भी ये मानना है कि मारपीट का वीडियो रजनी रावत के घर के बरामदे का है. बावजूद इसके रजनी रावत गुट के लोग दूसरे गुट के लोगों पर ही मारपीट का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरा किन्नर गुट रजनी रावत के घर में घुसकर कैसे मारपीट कर सकता है, जबकि रजनी रावत का घर किले की तरह अभेद है. ऐसे में साफ तौर पर पता चलता है कि शिकायतकर्ता बिलाल किसी दबाव में आकर झूठ बोल रहा है.

देहरादून: बीते कुछ दिनों पहले एक शख्स ने किन्नर नेता रजनी रावत पर गंभीर आरोप लगाये थे. अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. पूर्व राज्य मंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने वाला शख्स अपने लगाये गये आरोपों से मुकर गया है. साथ ही रजनी रावत गुट से समझौता कर मुकदमों को वापस ले लिया है. वहीं, इस मामले में अन्य गुट का कहना है कि शिकायतकर्ता ने दबाब में आकर केस वापस लिया है.

किन्नर मारपीट मामला.

देहरादून में पिछले दिनों चर्चा में आये एक हाईप्रोफाइल संगीन आपराधिक मामले में पूर्व राज्यमंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत को राहत मिली है. रजनी रावत पर आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता ने मामले में मुकदमा वापस ले लिया है. साथ ही शिकायतकर्ता ने इस मामले में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से भी इनकार किया है. इतना ही नहीं कुछ दिन पहले तक अपने साथ अमानवीय तरीके से ज़ुल्म की कहानी बताने वाला शिकायतकर्ता अब समझौते की बात कर रहा है.

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बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर किन्नरों की मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. मारपीट के इस मामले में एक ट्रांसजेंडर ने आरोप लगाया गया कि किन्नर नेता रजनी रावत गुट के लोग उसे अपने साथ उठाकर ले गये थे. जहां उन्होंने उसके साथ जानवरों से अमानवीय व्यवहार और मारपीट की. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पीड़ित ट्रांसजेंडर ने मीडिया के सामने आकर पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. जिसके बाद से रजनी रावत गुट पर कानून की तलवार लटक रही थी.

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वहीं, अब शिकायतकर्ता ट्रांसजेंडर ने इस मामले में अपना मुकदमा वापस लेते हुए सभी आरोपों से इनकार किया है. रजनी रावत गुट को मिली राहत पर बोलते हुए एक अन्य किन्नर गुट का कहना है कि शिकायतकर्ता बिलाल ने किसी दबाव में आकर मुकदमा वापस लिया है. किन्नर गुट ने इस मामले में जांच की बात कही है.

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बहरहाल, मुकदमा वापस लेकर रजनी रावत गुट से समझौता करने वाला ट्रांसजेंडर बिलाल किस दबाव में आकर बयानों से मुकर रहा है यह तो जांच का विषय है, लेकिन जिस तरह से वह अपने साथ हुए ज़ुल्म भरी कहानी को रजनी रावत के विरोधियों पर थोप रहा है यह दावा हजम होने वाला नहीं है.

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बिलाल और रजनी गुट के लोगों का भी ये मानना है कि मारपीट का वीडियो रजनी रावत के घर के बरामदे का है. बावजूद इसके रजनी रावत गुट के लोग दूसरे गुट के लोगों पर ही मारपीट का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरा किन्नर गुट रजनी रावत के घर में घुसकर कैसे मारपीट कर सकता है, जबकि रजनी रावत का घर किले की तरह अभेद है. ऐसे में साफ तौर पर पता चलता है कि शिकायतकर्ता बिलाल किसी दबाव में आकर झूठ बोल रहा है.

Intro:summary-पूर्व राज्य मंत्री- किन्नर नेता रजनी रावत पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने वाला शिकायतकर्ता आरोपों से मुकरा,रजनी गुट से समझौता कर मुकदमा वापस लिया-कहा दूसरे गुट के दबाव में आकर किया था मुकदमा। तालिबानी तर्ज पर जुल्मों सितम करने मामलें में आरोपी रजनी गुट खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।


जब किसी मामलें पर पीड़ित व्यक्ति ही ज़ुल्म करने वालों के दबाव में आकर आरोपियों ने समझौता कर बैठे.. तो ऐसे में क़ानून क्या कर सकता हैं। जिहाँ ही देहरादून में पिछले दिनों चर्चा में आये एक हाईप्रोफाइल संगीन आपराधिक मामलें ऐसा ही कुछ देखने को मिला हैं पूर्व राज्यमंत्री और किन्नर नेता रजनी रावत पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने वाले व्यक्ति ने आरोपों से मुकरते हुए रजनी पर दर्ज कराए मुकदमें को वापस लेते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई से इंकार किया हैं। इतना ही नहीं.. कुछ दिन पहले तक अपने साथ अमानवीय तरीके से ज़ुल्म की इंतहा वाली कहानी बताने वाला शिकायतकर्ता मामलें पर समझौता कर अब रजनी रावत किन्नर गुट में शामिल हो का दावा कर रहा हैं।

बता दे कि,पिछले दिनों तालिबानी तर्ज पर होने वाले जुल्मों सितम की तरह का एक वीडियो वायरल किया गया जिसमें एक ट्रांसजेंडर ने आरोप लगाया गया कि,उसके साथ किन्नर नेता रजनी रावत के लोगों द्वारा अपने ठिकाने पर ले जाकर जुल्मों सितम की इंतहा पार कर जानवरों से बत्तर अमानवीय व्यवहार किया गया। मीडिया में वायरल वीडियो ख़बर के बाद पीड़ित ट्रांसजेंडर्स से प्रेसवार्ता कर पुलिस ने कानून कार्रवाई की मांग की..जिसके बाद इस मामलें पर लगातार दबाव के बाद रजनी रावत सहित उसके किन्नर साथियों पर शहर कोतवाली में संगीन धराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।


Body:पूर्व कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री रही किन्नर नेता रजनी रावत पर संगीन आरोप लगा मुकदमा दर्ज करने वाले शिकायतकर्ता का अब यह कहना है कि उसके साथ रजनी रावत के ठिकाने पर बेइंतहा तरीके से मारपीट जरूर हुई लेकिन यह सब रजनी रावत के विरोधी किन्नर गुट की तरफ से किया गया था। और उन्हीं के दबाव में आकर उसने रजनी रावत पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।


बाइट- बिलाल, ट्रांसजेंडर, रजनी रावत के ऊपर मुकदमा वापस लेने वाला


जुल्मो सितम वाले वीडियो वाले लोगों को लेकर शिकायतकर्ता बिलाल का दबाव में सफ़ेद झूठ

मुकदमा वापस लेकर रजनी रावत गुट से समझौता करने वाले ट्रांसजेंडर बिलाल किस दबाव में आकर अपने पहले के बयानों से मुकर रहा हैं यह तो जांच का विषय हैं, लेकिन जिस तरह से वह अपने साथ हुए ज़ुल्म भरी कहानी को रजनी रावत के विरोधियों पर थोप रहा हैं यह दावा कही से भी हज़म होने वाला विषय नहीं हैं, क्योंकि बिलाल और रजनी गुट के लोग यह तो मान रहे हैं कि अमान्य बिहार वाला मारपीट का वीडियो रजनी रावत के घर के बरामदे का है लेकिन यह हरकत रजनी के लोगों की नहीं बल्कि दूसरे गुट के लोगों की हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरा किन्नर गुट रजनी रावत के घर पर घुसकर कैसे के सब कर सकता हैं जबकि रजनी रावत का घर किले की तरह आलीशान हैं जहाँ उसके इज़ाज़त के बगैर परिंदा भी पर मार नहीं सकता हैं। ऐसे में यह साफ तौर पर नजर आता है कि किस तरह से शिकायतकर्ता बिलाल ट्रांसजेंडर दबाव में आकर सफेद झूठ बोल रहा है।


बाइट- बिलाल, ट्रांसजेंडर, रजनी रावत के ऊपर मुकदमा वापस लेने वाला


Conclusion:ट्रांसजेंडर बिलाल का झूठ जांच के दायरे

बहराल रजनी रावत किन्नर गुट पर मुकदमा वापस लेकर अपने बयानों से मुकरने वाले ट्रांसजेंडर बिलाल का बयान अभी सही हैं या इससे पहले सही था यह तो पुलिस जांच पड़ताल के विषय हैं, लेकिन देहरादून में किन्नर गुटों की खूंखार वर्चस्व वाली लड़ाई जल्दी से थमने के आसार नहीं नजर आते।
Last Updated : Aug 10, 2019, 9:04 PM IST
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