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पुलवामा हादसे के बाद IMA की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल, आतंकी छात्रों को लेकर सुरक्षा तंत्र भी सकते में? - देहरादून आईएमए

प्रेमनगर नंदा की चौकी से सटे कई गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के आतंकी समर्थक होने की जानकारियां सामने आने पर सुरक्षा तंत्र सवालों के घेरे में है.

भारतीय सैन्य अकादमी (फाइल फोटो)
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Published : Feb 18, 2019, 10:31 PM IST

देहरादून: पुलवामा आतंकी हमले के बाद राजधानी देहरादून में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. देहरादून के सभी गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नजर रखी जा रही है. वहीं भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) जैसे संवेदनशील संस्थान की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं.

14 फरवरी को पुलवामा में हुए देश के सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद देहरादून के एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्र ने पाकिस्तान का समर्थन किया था. जिसके बाद सुरक्षा बलों ने छात्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है.

पढे़ं- अमर हुये मेजर चित्रेश, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों में दिखा गुस्सा

वहीं प्रेमनगर नंदा की चौकी से सटे कई गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के आतंकी समर्थक होने की जानकारियां सामने आने पर सुरक्षा तंत्र भी सवालों के घेरे में है.

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इसमें सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि भारतीय सैन्य अकादमी जैसे संवेदनशील संस्थान के ठीक पीछे नंदा की चौकी वह इलाका है, जहां तमाम निजी शिक्षण संस्थानों में कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं. इन छात्रों के एक के बाद एक आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों का संरक्षण मिलने की बात सामने आ रही है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में हैं.

अशोक कुमार, पुलिस महा निदेशक, उत्तराखंड
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बता दें कि, शनिवार को नंदा की चौकी इलाके में अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी किए थे. देश विरोधी पोस्ट जारी करने के बाद पुलिस और एसटीएफ ने ऐसे छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट करने वाले सभी कश्मीरी छात्रों को संस्थान से निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही देश विरोधी पोस्ट करने वाले कश्मीरी छात्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही नंदा की चौकी स्थित एक शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाली कश्मीरी छात्रा ने भी उसी कॉलेज में पढ़ चुके आतंकी शोएब अहमद लोन को समर्थन देने का पोस्ट शनिवार को सामने आया था. जिसके बाद संस्थान के बाहर लोगों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया था.

उधर, इसी संस्थान के चेयरमैन से जब देश विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में 136 कश्मीरी मूल के छात्र पढ़ रहे हैं. उनकी मानसिकता कैसी है यह अनुमान लगाना मुश्किल है? उन्होंने बताया कि वो किसी को भी एडमिशन देने से पहले लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस के माध्यम से सभी कश्मीरी मूल के छात्रों के जरूरी दस्तावेज का सत्यापन कराया जाता है.

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कश्मीरी छात्रों द्वारा विवादित पोस्ट जारी करने के मामले में देहरादून के कई इलाकों में तनावपूर्ण माहौल है. तमाम इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. साथ ही अलग-अलग घटनास्थल वाले इलाकों में भी पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है.

सड़कों पर दिखा जनता का आक्रोश

उधर, प्रेम नगर इलाके के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के आपत्तिजनक पोस्ट्स जारी करने की सिलसिलेवार घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते बीते शनिवार को देहरादून के अलग-अलग इलाके में प्रदर्शन रैलियां निकालीं गईं.

देहरादून: पुलवामा आतंकी हमले के बाद राजधानी देहरादून में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. देहरादून के सभी गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नजर रखी जा रही है. वहीं भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) जैसे संवेदनशील संस्थान की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं.

14 फरवरी को पुलवामा में हुए देश के सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद देहरादून के एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्र ने पाकिस्तान का समर्थन किया था. जिसके बाद सुरक्षा बलों ने छात्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है.

पढे़ं- अमर हुये मेजर चित्रेश, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों में दिखा गुस्सा

वहीं प्रेमनगर नंदा की चौकी से सटे कई गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के आतंकी समर्थक होने की जानकारियां सामने आने पर सुरक्षा तंत्र भी सवालों के घेरे में है.

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इसमें सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि भारतीय सैन्य अकादमी जैसे संवेदनशील संस्थान के ठीक पीछे नंदा की चौकी वह इलाका है, जहां तमाम निजी शिक्षण संस्थानों में कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं. इन छात्रों के एक के बाद एक आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों का संरक्षण मिलने की बात सामने आ रही है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में हैं.

अशोक कुमार, पुलिस महा निदेशक, उत्तराखंड
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बता दें कि, शनिवार को नंदा की चौकी इलाके में अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी किए थे. देश विरोधी पोस्ट जारी करने के बाद पुलिस और एसटीएफ ने ऐसे छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट करने वाले सभी कश्मीरी छात्रों को संस्थान से निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही देश विरोधी पोस्ट करने वाले कश्मीरी छात्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही नंदा की चौकी स्थित एक शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाली कश्मीरी छात्रा ने भी उसी कॉलेज में पढ़ चुके आतंकी शोएब अहमद लोन को समर्थन देने का पोस्ट शनिवार को सामने आया था. जिसके बाद संस्थान के बाहर लोगों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया था.

उधर, इसी संस्थान के चेयरमैन से जब देश विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में 136 कश्मीरी मूल के छात्र पढ़ रहे हैं. उनकी मानसिकता कैसी है यह अनुमान लगाना मुश्किल है? उन्होंने बताया कि वो किसी को भी एडमिशन देने से पहले लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस के माध्यम से सभी कश्मीरी मूल के छात्रों के जरूरी दस्तावेज का सत्यापन कराया जाता है.

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कश्मीरी छात्रों द्वारा विवादित पोस्ट जारी करने के मामले में देहरादून के कई इलाकों में तनावपूर्ण माहौल है. तमाम इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. साथ ही अलग-अलग घटनास्थल वाले इलाकों में भी पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है.

सड़कों पर दिखा जनता का आक्रोश

उधर, प्रेम नगर इलाके के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के आपत्तिजनक पोस्ट्स जारी करने की सिलसिलेवार घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते बीते शनिवार को देहरादून के अलग-अलग इलाके में प्रदर्शन रैलियां निकालीं गईं.

Intro: पुलवामा आतंकी घटना को समर्थन देने वाले 2 छात्रों को पुलिस ने लिया हिरासत में! एक को भेजा जेल

कश्मीर के पुलवामा में हुए सबसे बड़े आतंकी घटना के बाद देहरादून प्रेमनगर नंदा चौकी से सटे कई गैरसरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र छात्राओं द्वारा एक के बाद एक आतंकी समर्थक होने की जानकारियां सामने आने से सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं । सबसे अहम यह हैं कि, देश की सर्वोच्च भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) जैसे संवेदनशील संस्थान के ठीक पीछे नंदाकी चौकी का वह इलाका हैं जहाँ तमाम निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र द्वारा एक के बाद एक देश विरोधी गतिविधियों आतंकी बनने वाले युवकों जैसे मामलें सामने आने के बाद लोकल इंटेलिजेंस का फेलियर भी अब सामने आ रहा हैं। शनिवार एक के बाद एक प्रेम नगर क्षेत्र से स्टेप नंदा चौकी सुद्दोवाला भावाला इलाके में अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों द्वारा एक बार फिर पुलवामा में हुए आतंकी घटना के समर्थन में कश्मीरी छात्रों द्वारा सोशल मीडिया में पोस्ट जारी किए गए। देश विरोधी पोस्ट जारी करने की सूचना और शिकायत मिलने के आधार पर पुलिस और एसटीएफ द्वारा दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी हैं। हालांकि पुलिस इस मामले में पूरी तरह से किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं कर रही है। उधर आतंकियों को समर्थन देने वाले सोशल मीडिया पोस्ट जारी करने वाले कश्मीरी युवकों को उनके कॉलेज से भी निलबिंत कर संस्थान से निकाल दिया गया है। उधर देर शाम सुभारती मेडिकल कॉलेज मव पढ़ने वाले कश्मीरी मूल के छात्र केसर राशिद को शुक्रवार पुलवामा आतंकी घटना के समर्थन व शहीदों के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पोस्ट जारी करने के आरोप में पुलिस शनिवार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैं

उधर नंदा की चौकी स्थित एक संस्थान में पढ़ने वाली कश्मीरी छात्रा द्वारा भी उसी कॉलेज में पढ़ चुके आतंकी शोएब अहमद लोन को समर्थन देने का पोस्ट शनिवार सामने आने के बाद शनिवार संस्थान के बाहर भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया गया। उधर इसी संस्थान के चेयरमैन से जब इस तरह की देश विरोधी गतिविधियों के बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि उनके संस्थान में 136 कश्मीरी मूल के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं किस की मानसिकता किस प्रकार की है यह अनुमान लगाना मुश्किल है। उनकी तरफ से एडमिशन देने से पहले लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस के माध्यम से सभी कश्मीरी मूल के छात्र-छात्राओं का सत्यापन वह जरूरी दस्तावेज कार्यवाही पूरी की जाती है ।हालांकि लगातार जिस इस तरह की अब संवेदनशील घटनाएं सामने आ रही हैं उसके चलते कॉलेज में मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंध है लगा दिया गया है, साथी कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले छात्राओं पर नजर बनाकर पुलिस प्रशासन को हर बात की सूचना देकर उनके द्वारा दिए गए सुरक्षा आदेश का पालन संस्थान किया जा रहा हैं। प्रशासन द्वारा आगे जिस तरह का निर्देश दिया जाएगा उसी आधार पर संस्थान आगे अपनी कार्रवाई करेगा।

बाईट-चेयरमैन ,अल्पाइन इंस्टीट्यूट

रैली व प्रदर्शनों के माध्यम से सड़को पर दिखा जनता का आक्रोश!

उधर प्रेम नगर इलाके के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र छात्राओं द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट्स जारी करने की सिलसिलेवार घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों और जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है जिसके चलते शनिवार देहरादून के अलग-अलग इलाके में प्रदर्शन रैली के द्वारा आरोपी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सड़कों पर आक्रोष दिखा।

कश्मीरी छात्रों को उनके आवास से बाहर का रास्ता दिखा किराये के मकान खाली कराए गए ,

उधर कश्मीरी छात्रों की इस विवादित पोस्ट जारी करने वाली करतूत के चलते प्रेम नगर सुद्दोवाला सहित देहरादून के कई इलाकों में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए तमाम इलाकों में भारी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है साथी अलग अलग घटनास्थल वाले इलाकों में पेट्रोलियम बुक गश्त बढ़ा दी गई है सेना के खिलाफ अभद्र टिप्पणी व आतंकियों के समर्थन देने जैसी घटनाओं के चलते कई संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र को उनके रहने आवास बाहर का रास्ता दिखा किराये के मकान खाली करा दिया गया है।

उधर लगातार इस तरह की गतिविधियों के मध्य नजर पुलिस मुख्यालय द्वारा आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील करने के साथ ही देश विरोधी गतिविधि पता चलने पर नजदीकी पुलिस को सूचना देने की अपील की गई है।


Body:आईएमए से सटे शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों पर स्थानीय लोगों को संदेह !!

वही स्थानीय लोगों की माने जिस तरह से आईएमए के समीप प्रेमनगर इलाके से सटे शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने वाले सैकड़ों कश्मीरी छात्र छात्राओं द्वारा कश्मीर आतंकी संगठनों को समय-समय पर समर्थन देने की जानकारी सामने आ रही है उससे यह भी साफ़ अंदेशा लगाना आसान है कि इनके द्वारा भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) जैसे संवेदनशील संस्थान के इर्द-गिर्द पढ़ने वाले कश्मीर विचारधारा से प्रभावित व मानसिक रूप से भटके हुए कुछ छात्र-छात्राएं आईएमए सैन्य संस्थान की हर गतिविधियों की जानकारी गलत हाथों तक पहुंचा सकते हैं !
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस संवेदनशील सवाल पर सुरक्षा तंत्र को ध्यान केंद्रित कर योजनाबद्ध तरीके से प्रभावी कारवाई करने की आवश्यकता है।


बाईट-रजत भाटिया,स्थानीय निवासी

मामला संवेदनशील है पुलिस तंत्र को पहले से ज्यादा सक्रिय कर दिया गया है :DG, LO

वह इस मामले में राज्य में अपराध हो कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक आईएमए से सटे इलाकों में समय-समय पर सघन अभियान चलाकर सत्यापन व अहम जानकारियां जुटा कर कार्रवाई की जाती रही है लेकिन पिछले कुछ सालों में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके ऐसा देखने में आया है कि थाना प्रेमनगर इलाके में रहने व शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कुछेक कश्मीरी छात्र आतंकी संगठनों से प्रभावित होकर देश विरोधी गतिविधि में शामिल हुए इस जानकारी के बाद पुलिस तंत्र पहले से अब सजग होकर एहतियातन जरूरी कार्रवाई करने में जुटा है ।
डीजी अशोक कुमार अनुसार कश्मीर पुलवामा में हाल ही में आतंकी घटनाओं के बाद जिस तरह से अभी प्रेम नगर सुद्दोवाला इलाके में कश्मीरी छात्र छात्राओं द्वारा कुछ विवादित पोस्ट व नारेबाजी जैसी घटनाएं सामने आ रही है उसके चलते पूरे सुरक्षा तंत्र को सक्रिय कर पैनी नजर से कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथी किसी तरह की अराजकता और दंगा फसाद ना हो इसके लिए पूरे इलाके में 24 घंटे भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है साथ ही कश्मीरी छात्र-छात्राओं को भी पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था


Conclusion:बहराल जिस तरह से कश्मीर के पुलवामा आतंकी घटना को लेकर देशभर में आक्रोश व्याप्त है उसी के तर्ज पर उत्तराखंड मूल के शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की शहादत को लेकर भी जहां आंखें नम है तो वहीं पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ गुस्सा सड़कों पर लगातार जारी है।

लगातार अतिसंवेदनशील घटनाओं को रोकने में पुलिस सुरक्षा तंत्र फेल !

देहरादून के प्रेम नगर क्षेत्र में जिस तरह से शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र छात्राओं द्वारा आतंकी संगठनों को समर्थन के सोशल मीडिया में संदेश जारी किए जा रहे हैं उससे कहीं ना कहीं सुरक्षा तंत्र व लोकन इंटेलिजेंस की नाकामी भी सामने आ रही है ऐसे में देखना होगा कि आगे इस अतिसंवेदनशील मामलें पर पुलिस सुरक्षा तंत्र किस तरह से इस से प्रभावी कार्रवाई कर इस सब पर अंकुश लगा पाती है।
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