ETV Bharat / city

CAA के खिलाफ राजधानी में किया गया धरना प्रदर्शन,  विभिन्न समुदाय के लोगों ने जताई आपत्ति - protest against CAA

सीएए को लेकर परेड ग्राउंड में विभिन्न समुदाय के लोगों ने जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान इन लोगों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार देश को जाति और धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रही है.

protest-against-caa-in-dehradun
CAA के खिलाफ राजधानी में किया गया धरना प्रदर्शन
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 5:53 AM IST

देहरादून: हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को लागू किया है. जिसे लेकर देश के भर में विरोध के स्वर बुलंद हैं. इसी कड़ी में प्रदेश की राजधानी देहरादून में भी विभिन्न समुदाय के लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाई है. देहरादून के धरना स्थल पर विभिन्न समुदाय से जुड़े लोगों ने जमा होकर धरना प्रदर्शन करते हुए इस कानून का पुरजोर विरोध किया.

CAA के खिलाफ राजधानी में किया गया धरना प्रदर्शन
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में 3 पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू सहित छह धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. जिन छह धर्मों के यहां बात हो रही है उसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शामिल हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में धरने पर बैठे लोगों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो मौके पर मौजूद समाजसेवी सरदार खान ने कहा सरकार इस कानून के माध्यम से देश को जातिवाद और धर्म के नाम पर बांट रही है, जोकि बिल्कुल सही नहीं है.

पढ़ें-कांग्रेस में उठे बवाल पर अजय भट्ट की चुटकी, कहा- विवाद तो उनकी पार्टी की संस्कृति

उन्होंने कहा वे इस कानून के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कानून में संशोधन की जरूरत बताई. उन्होंने कहा जिस तरह इस कानून में पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रहने वाले 6 धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, उसी तरह इस कानून में इन देशों में रहने वाले मुस्लिम धर्म के लोगों को भी नागरिकता देने का प्रावधान होना चाहिए.

देहरादून: हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को लागू किया है. जिसे लेकर देश के भर में विरोध के स्वर बुलंद हैं. इसी कड़ी में प्रदेश की राजधानी देहरादून में भी विभिन्न समुदाय के लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाई है. देहरादून के धरना स्थल पर विभिन्न समुदाय से जुड़े लोगों ने जमा होकर धरना प्रदर्शन करते हुए इस कानून का पुरजोर विरोध किया.

CAA के खिलाफ राजधानी में किया गया धरना प्रदर्शन
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में 3 पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू सहित छह धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. जिन छह धर्मों के यहां बात हो रही है उसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शामिल हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में धरने पर बैठे लोगों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो मौके पर मौजूद समाजसेवी सरदार खान ने कहा सरकार इस कानून के माध्यम से देश को जातिवाद और धर्म के नाम पर बांट रही है, जोकि बिल्कुल सही नहीं है.

पढ़ें-कांग्रेस में उठे बवाल पर अजय भट्ट की चुटकी, कहा- विवाद तो उनकी पार्टी की संस्कृति

उन्होंने कहा वे इस कानून के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कानून में संशोधन की जरूरत बताई. उन्होंने कहा जिस तरह इस कानून में पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रहने वाले 6 धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, उसी तरह इस कानून में इन देशों में रहने वाले मुस्लिम धर्म के लोगों को भी नागरिकता देने का प्रावधान होना चाहिए.

Intro:देहरादून- केंद्र की मोदी सरकार की ओर से हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून लाया गया है । जिसे लेकर देश के भर में विरोध के स्वर बुलंद है । इसी कड़ी में आज प्रदेश की राजधानी देहरादून में भी विभिन्न समुदाय के लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाई।

बता दे कि राजधानी देहरादून के धरना स्थल पर आज विभिन्न समुदाय से जुड़े लोग एकत्रित हुए और धरने के माध्यम से इन सभी लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का पुरजोर विरोध किया ।

ए ।


Body:गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में 3 पड़ोसी देशों बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान रहने वाले हिंदू सहित छह धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है । जिन छह धर्मों के यहां बात हो रही है उसमें हिंदू सिख बौद्ध जैन ईसाई और पारसी शामिल हैं।

नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में धरने पर बैठे लोगों से जब ईटीवी भारत में बात की तो मौके पर मौजूद समाजसेवी सरदार खान का नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर कहना था कि केंद्र सरकार को इस कानून के माध्यम से देश को जातिवाद और धर्म के नाम पर नहीं बैठना चाहिए । वह नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में नहीं हैं । लेकिन इस कानून में संशोधन करने की जरूरत है । जिस तरह इस कानून के तहत पड़ोसी देशों बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रहने वाले 6 धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है । उसी तरह इस कानून में इन देशों में रहने वाले मुसलमान धर्म के लोगों को भी नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया जाना चाहि


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.