ETV Bharat / city

अपनी 'नन्ही कली' को छोड़ विदा हो गये पंत, अफसर बिटिया के नाम लिखी थी ये कविता

author img

By

Published : Jun 5, 2019, 8:09 PM IST

Updated : Jun 5, 2019, 8:24 PM IST

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बेहद सुलझे और सौम्य व्यक्तित्व के धनी इंसान भी थे.

बेटी के साथ प्रकाश पंत.

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बेहद सुलझे और सौम्य व्यक्तित्व के धनी इंसान भी थे. जितनी कुशल उनकी राजनीति में पकड़ थी उतनी ही कुशल उनकी लेखनी भी थी. अपने परिवार के लिए भी वो उतने ही समर्पित रहे. जब उनकी बिटिया नमिता आर्मी आफिसर बनीं तो उन्होंने बेटी के नाम एक भावनात्मक कविता लिखी थी.

prakash pant
बेटी के साथ प्रकाश पंत

नन्ही कली अब बड़ी हो गई,
माता पिता की आंखों का उजियाला हो गई।।
शिक्षित होकर जीवन में विजेता हो गई,
भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधने वाली बिटिया, आज देश की रक्षा के लिए तैयार हो गई।।
बिटिया आज माता पिता के लिए अभिमान हो गई।

9 सितंबर 2017, ये वो दिन था जब एक पिता ने अपनी अफसर बिटिया के कंधों पर स्टार सजाए थे. यही नहीं, उस दिन वो अपनी सैन्य अफसर बेटी नमिता पंत को सैल्यूट किए बिना भी नहीं रह सके थे. नमिता पंत ने चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में आर्मी अफसर की उपाधि ली थी.

मूल रूप से पिथौरागढ़ के खड़कोट निवासी प्रकाश पन्त की सबसे बड़ी बेटी नमिता पंत ने 2012 में एलएलबी की. इसके बाद 2016 में एलएलएम किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना को चुना. उन्होंने इंदौर में एसएसबी क्वालिफाई. वह पूरे देश से सिर्फ चार लड़कियों में शामिल थीं, जिन्होंने इस लेवल की परीक्षा पास की. उत्तराखंड से वह अकेली चयनित हुईं.

प्रकाश पंत द्वारा बेटी को सेना में भेजने के कदम को काफी सराहा गया था. पंत के इस कदम से जहां महिला सशक्तिकरण का संदेश देशभर में पहुंचा था वहीं बड़े घरों के युवाओं को एक नई भी मिली थी.

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बेहद सुलझे और सौम्य व्यक्तित्व के धनी इंसान भी थे. जितनी कुशल उनकी राजनीति में पकड़ थी उतनी ही कुशल उनकी लेखनी भी थी. अपने परिवार के लिए भी वो उतने ही समर्पित रहे. जब उनकी बिटिया नमिता आर्मी आफिसर बनीं तो उन्होंने बेटी के नाम एक भावनात्मक कविता लिखी थी.

prakash pant
बेटी के साथ प्रकाश पंत

नन्ही कली अब बड़ी हो गई,
माता पिता की आंखों का उजियाला हो गई।।
शिक्षित होकर जीवन में विजेता हो गई,
भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधने वाली बिटिया, आज देश की रक्षा के लिए तैयार हो गई।।
बिटिया आज माता पिता के लिए अभिमान हो गई।

9 सितंबर 2017, ये वो दिन था जब एक पिता ने अपनी अफसर बिटिया के कंधों पर स्टार सजाए थे. यही नहीं, उस दिन वो अपनी सैन्य अफसर बेटी नमिता पंत को सैल्यूट किए बिना भी नहीं रह सके थे. नमिता पंत ने चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में आर्मी अफसर की उपाधि ली थी.

मूल रूप से पिथौरागढ़ के खड़कोट निवासी प्रकाश पन्त की सबसे बड़ी बेटी नमिता पंत ने 2012 में एलएलबी की. इसके बाद 2016 में एलएलएम किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना को चुना. उन्होंने इंदौर में एसएसबी क्वालिफाई. वह पूरे देश से सिर्फ चार लड़कियों में शामिल थीं, जिन्होंने इस लेवल की परीक्षा पास की. उत्तराखंड से वह अकेली चयनित हुईं.

प्रकाश पंत द्वारा बेटी को सेना में भेजने के कदम को काफी सराहा गया था. पंत के इस कदम से जहां महिला सशक्तिकरण का संदेश देशभर में पहुंचा था वहीं बड़े घरों के युवाओं को एक नई भी मिली थी.

Intro:Body:

अपनी 'नन्ही कली' को छोड़ विदा हो गये पंत, अफसर बिटिया के नाम लिखी थी ये कविता

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बेहद सुलझे और सौम्य व्यक्तित्व के धनी इंसान भी थे. जितनी कुशल उनकी राजनीति में पकड़ थी उतनी ही कुशल उनकी लेखनी भी थी. अपने परिवार के लिए भी वो उतने ही समर्पित रहे. जब उनकी बिटिया नमिता आर्मी आफिसर बनीं तो उन्होंने बेटी के नाम एक भावनात्मक कविता लिखी थी.



नन्ही कली अब बड़ी हो गई,

माता पिता की आंखों का उजियाला हो गई।।

शिक्षित होकर जीवन में विजेता हो गई,

भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधने वाली बिटिया, आज देश की रक्षा के लिए तैयार हो गई।।

बिटिया आज माता पिता के लिए अभिमान हो गई।



9 सितंबर 2017, ये वो दिन था जब एक पिता ने अपनी अफसर बिटिया के कंधों पर स्टार सजाए थे. यही नहीं, उस दिन वो अपनी सैन्य अफसर बेटी नमिता पंत को सैल्यूट किए बिना भी नहीं रह सके थे. नमिता पंत ने चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में आर्मी अफसर की उपाधि ली थी.



मूल रूप से पिथौरागढ़ के खड़कोट निवासी प्रकाश पन्त की सबसे बड़ी बेटी नमिता पंत ने 2012 में एलएलबी की. इसके बाद 2016 में एलएलएम किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना को चुना. उन्होंने इंदौर में एसएसबी क्वालिफाई. वह पूरे देश से सिर्फ चार लड़कियों में शामिल थीं, जिन्होंने इस लेवल की परीक्षा पास की. उत्तराखंड से वह अकेली चयनित हुईं.



प्रकाश पंत द्वारा बेटी को सेना में भेजने के कदम को काफी सराहा गया था. पंत के इस कदम से जहां महिला सशक्तिकरण का संदेश देशभर में पहुंचा था वहीं बड़े घरों के युवाओं को एक नई भी मिली थी.

 


Conclusion:
Last Updated : Jun 5, 2019, 8:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.