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पंचायत चुनाव के बाद भी प्रदेश के 89 विकासखंडों में 41.17 फीसदी पद खाली, गरमाई सियासत

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पदों पर चुनाव होने थे, जिनमें से 12,739  पदों पर ही चुनाव हो पाए हैं. हालांकि 22,861 पदों पर तो उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए, लेकिन प्रदेश में 30,797 पद अभी भी खाली पड़े हैं. जिन पर नामांकन ही नहीं भरा गया. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में मात्र 19.19 फीसदी पदों पर ही मतदान हो पाए हैं.

पंचायत चुनाव के बाद भी प्रदेश में खाली पड़े हैं कई पद.
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Published : Oct 17, 2019, 5:59 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 9:19 PM IST

देहरादून: प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो गयी है. 12 जिलों के 89 विकासखंडों में हुए चुनाव में करीब 69.59 फीसदी मतदान हुआ है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 27 हजार 339 पदों पर नामांकन नहीं भरे गए हैं. वहीं अब खाली पड़े पदों पर राजनीति शुरू हो गयी है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग इन खाली पदों पर जल्द ही चुनाव कराने की बात कह रहा है.

पंचायत चुनाव के बाद भी प्रदेश में खाली पड़े हैं कई पद.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पदों पर चुनाव होने थे, जिनमें से 12,739 पदों पर ही चुनाव हो पाए हैं. हालांकि 22,861 पदों पर तो उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए, लेकिन प्रदेश में 30,797 पद अभी भी खाली पड़े हैं. जिन पर नामांकन ही नहीं भरा गया. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में मात्र 19.19 फीसदी पदों पर ही मतदान हो पाए हैं.चुनाव के बाद भी सभी पदों में से 46.38 फीसदी पद खाली पड़े हैं. जिन पर दोबारा से चुनाव होने हैं.

पढ़ें-मोटर साइकिल सवार का कटा 13 हजार का चालान, 15 वाहनों पर की गई कार्रवाई

वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में चुनाव संपन्न हुआ है उससे 90 प्रतिशत ग्राम सभाएं भी गठित नहीं हो पा रही हैं. धस्माना का कहना है कि उन्हें पहले उम्मीद था कि ये आंकड़ा 40-50 प्रतिशत जाएगा. लेकिन वर्तमान समय में हालात ऐसे हैं कि खाली पदों पर प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण नामांकन नहीं हुआ.

पढ़ें-काशीपुरः चाकू की नोंक पर नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास, दोनों पक्ष लगा रहे एक-दूसरे पर गंभीर आरोप

सरकार पर हमला बोलते हुए धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना सोचे समझे फैसला लिया. जिसके कारण पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से पंचायती राज का भट्ठा बैठ गया है. उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त ने भाजपा की कठपुतली के रूप में काम किया है. धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रणाली को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया था.

पढ़ें-वायरल वीडियो: युवती ने मित्र पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, DG ने दिए जांच के आदेश

वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों के कई पदों पर चुनाव नहीं हुए हैं. हालांकि कुछ जगहों पर तो सभी पदों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में सरकार ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है. ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक के आरक्षण की सूची निर्वाचन आयोग को भेज दी गई थी. उन्होंने कहा कि चुनाव तो आम जनता और पार्टी नेताओं को लड़ना है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ आलोचना और लोगों को भ्रमित करना रह गया है.

पढ़ें-मोटर साइकिल सवार का कटा 13 हजार का चालान, 15 वाहनों पर की गई कार्रवाई

वहीं मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त चंदशेखर भट्ट का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 30 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूर्ण की जानी है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि खाली पड़े पदों पर भी उससे पहले चुनाव करा लिया जाएगा. हालांकि अभी इसमें समय देना पड़ेगा, क्योंकि पोलिंग पार्टियों को नए सिरे से तैयार करना पड़ेगा. यही नहीं चुनाव की पूरी प्रक्रिया फिर से पूरी करनी पड़ेगी. जिसके बाद ही खाली पड़े पदों पर चुनाव कराये जा सकेंगे.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अहम आंकड़े

  • 12 जिलों के 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पद हैं.
  • 12,739 पदों पर तीनो चरणों मे चुनाव हुए हैं, मात्र 19.19 फीसदी पदों पर चुनाव हुए हैं.
  • 22,861 पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं,34.43 फीसदी पदों को निर्विरोध चुना गया.
  • 30,797 पद अभी भी खाली हैं, जिन पर चुनाव होने हैं. 46.38 फीसदी पद खाली हैं
  • त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 30,797 पद हैं खाली
  • प्रदेश के 12 जिलों में ग्राम पंचायत सदस्य के 30,663 पद खाली हैं. जिन पर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
  • 12 जिलों में प्रधान ग्राम के 124 पद खाली हैं. जिन पर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
  • 12 जिलों में क्षेत्र पंचायत सदस्य के 10 पद खाली हैं. जिनपर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.

देहरादून: प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो गयी है. 12 जिलों के 89 विकासखंडों में हुए चुनाव में करीब 69.59 फीसदी मतदान हुआ है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 27 हजार 339 पदों पर नामांकन नहीं भरे गए हैं. वहीं अब खाली पड़े पदों पर राजनीति शुरू हो गयी है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग इन खाली पदों पर जल्द ही चुनाव कराने की बात कह रहा है.

पंचायत चुनाव के बाद भी प्रदेश में खाली पड़े हैं कई पद.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पदों पर चुनाव होने थे, जिनमें से 12,739 पदों पर ही चुनाव हो पाए हैं. हालांकि 22,861 पदों पर तो उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए, लेकिन प्रदेश में 30,797 पद अभी भी खाली पड़े हैं. जिन पर नामांकन ही नहीं भरा गया. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में मात्र 19.19 फीसदी पदों पर ही मतदान हो पाए हैं.चुनाव के बाद भी सभी पदों में से 46.38 फीसदी पद खाली पड़े हैं. जिन पर दोबारा से चुनाव होने हैं.

पढ़ें-मोटर साइकिल सवार का कटा 13 हजार का चालान, 15 वाहनों पर की गई कार्रवाई

वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में चुनाव संपन्न हुआ है उससे 90 प्रतिशत ग्राम सभाएं भी गठित नहीं हो पा रही हैं. धस्माना का कहना है कि उन्हें पहले उम्मीद था कि ये आंकड़ा 40-50 प्रतिशत जाएगा. लेकिन वर्तमान समय में हालात ऐसे हैं कि खाली पदों पर प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण नामांकन नहीं हुआ.

पढ़ें-काशीपुरः चाकू की नोंक पर नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास, दोनों पक्ष लगा रहे एक-दूसरे पर गंभीर आरोप

सरकार पर हमला बोलते हुए धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना सोचे समझे फैसला लिया. जिसके कारण पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से पंचायती राज का भट्ठा बैठ गया है. उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त ने भाजपा की कठपुतली के रूप में काम किया है. धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रणाली को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया था.

पढ़ें-वायरल वीडियो: युवती ने मित्र पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, DG ने दिए जांच के आदेश

वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों के कई पदों पर चुनाव नहीं हुए हैं. हालांकि कुछ जगहों पर तो सभी पदों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में सरकार ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है. ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक के आरक्षण की सूची निर्वाचन आयोग को भेज दी गई थी. उन्होंने कहा कि चुनाव तो आम जनता और पार्टी नेताओं को लड़ना है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ आलोचना और लोगों को भ्रमित करना रह गया है.

पढ़ें-मोटर साइकिल सवार का कटा 13 हजार का चालान, 15 वाहनों पर की गई कार्रवाई

वहीं मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त चंदशेखर भट्ट का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 30 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूर्ण की जानी है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि खाली पड़े पदों पर भी उससे पहले चुनाव करा लिया जाएगा. हालांकि अभी इसमें समय देना पड़ेगा, क्योंकि पोलिंग पार्टियों को नए सिरे से तैयार करना पड़ेगा. यही नहीं चुनाव की पूरी प्रक्रिया फिर से पूरी करनी पड़ेगी. जिसके बाद ही खाली पड़े पदों पर चुनाव कराये जा सकेंगे.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अहम आंकड़े

  • 12 जिलों के 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पद हैं.
  • 12,739 पदों पर तीनो चरणों मे चुनाव हुए हैं, मात्र 19.19 फीसदी पदों पर चुनाव हुए हैं.
  • 22,861 पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं,34.43 फीसदी पदों को निर्विरोध चुना गया.
  • 30,797 पद अभी भी खाली हैं, जिन पर चुनाव होने हैं. 46.38 फीसदी पद खाली हैं
  • त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 30,797 पद हैं खाली
  • प्रदेश के 12 जिलों में ग्राम पंचायत सदस्य के 30,663 पद खाली हैं. जिन पर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
  • 12 जिलों में प्रधान ग्राम के 124 पद खाली हैं. जिन पर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
  • 12 जिलों में क्षेत्र पंचायत सदस्य के 10 पद खाली हैं. जिनपर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं.
Intro:नोट - फ़ीड ftp से भेजी गई है.....
uk_deh_02_post_vacant_in_election_vis_7205803


हरिद्वार जिला छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीनो चरणों की मतदान प्रक्रिया पूरी हो गयी है। प्रदेश के 12 जिलो के 89 विकासखंडों में हुए चुनाव में करीब 69.59 फीसदी मतदान हुआ है। लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 27 हज़ार 339 पदों पर नामांकन नही भरे गए है। तो वही अब खाली पड़े पदों पर राजनीतिक शियासत शुरू हो गयी है। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग इन खाली पदों पर दोबारा चुनाव करायेगी।


Body:त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पदों पर चुनाव होने थे, जिसमे से 16199 पदों पर ही चुनाव हो पाए है। हालांकि 22,861 पदों पर तो उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए। लेकिन 27,339 पद अभी भी खाली है। जिसपर नामांकन ही नही भरे गये। अगर इन आंकड़ों पर गौर करे तो मात्र 24.40 फीसदी पदों पर ही मतदान हो पाए है। और अभी भी सभी पदों में से 41.17 फीसदी पद खाली पड़े जिस पर दोबारा से चुनाव होने हैं। 

वहीं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि जिस तरह से चुनाव संपन्न हुआ है उससे 90 प्रतिशत ग्राम सभाएं गठित नहीं हो पा रही हैं। लेकिन पहले उम्मीद था कि 40-50 प्रतिशत यह आंकड़ा आएगा, लेकिन वर्तमान समय में हालात ऐसे हैं कि खाली पदों पर प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं यही वजह रहा कि नामांकन नहीं हुआ। ऐसे में ग्राम सभाओं का गठन होना नामुमकिन है।

बाइट - सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस

साथ ही सरकार पर हमला करते हुए धस्माना ने बताया कि राज्य सरकार ने बिना सोचे समझे दूरदर्शी एक फैसला ले लिया और उसके लिए सर्वे भी नहीं कराया। यही वजह है कि पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं। जिस वजह से पंचायती राज का भट्ठा बैठ गया है। यही नहीं राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पर आरोप लगाते हुए बताया कि आयुक्त ने भाजपा की कठपुतली के रूप में काम किया है। यह नहीं पूरी की पूरी चुनाव प्रणाली को भाजपा ने हाईजैक कर लिया था और चुनाव आयुक्त बीजेपी का एजेंट बनकर काम कर रहे हैं।

बाइट - सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस

वही भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतो के कई पदों पर चुनाव नहीं हुए हैं। हालांकि कुछ जगहों पर तो सभी पदों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया है। हालांकि जो पंचायत चुनाव हुए है उसमें निश्चित रूप से सुस्ती रही है। लेकिन सरकार ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है और ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक के आरक्षण करके निर्वाचन आयोग को भेज दिया। और चुनाव तो आम जनता और पार्टियों के नेताओं को लड़ना है। साथ ही कांग्रेस पर हमला करते हुए बताया कि सिर्फ आलोचना और लोगों को भ्रमित करना ही कांग्रेस का काम रह गया है। हालांकि मतगणना के बाद फिर से इन खाली पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे।

बाइट - वीरेंद्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त चंदशेखर भट्ट ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 30 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करनी है और उम्मीद है खाली पड़े पदों पर भी उससे पहले चुनाव करा लिया जाएगा। हालांकि अभी इसमें समय देना पड़ेगा, क्योंकि पोलिंग पार्टियों को नए सिरे से तैयार करना पड़ेगा। यही नहीं चुनाव की पूरी प्रक्रिया फिर से पूरी करनी पड़ेगी। और  जल्द से जल्द, खाली पड़े पदों पर चुनाव करा लिए जाएंगे।

बाइट - चंद्रशेखर भट्ट, आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग




Conclusion:.......त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अहम आंकड़े......

- 12 जिलो के 89 विकासखंडों में कुल 66,399 पद है।

- 16,199 पदों पर तीनो चरणों मे चुनाव हुए है।

- 22,861 पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए है।

- 27,339 पद अभी भी खाली है, जिसपर चुनाव होने है। 


.....त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 27,339 पद है खाली.....


- प्रदेश के 12 जिलों में सदस्य ग्राम पंचायत के 27,249 पद खाली है। जिसपर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नही हुए है। 

- प्रदेश के 12 जिलों में प्रधान ग्राम पंचायत के 86 पद खाली है। जिसपर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नही हुए है। 

- प्रदेश के 12 जिलों में सदस्य क्षेत्र पंचायत के 4 पद खाली है। जिसपर कोई भी नामांकन पत्र प्राप्त नही हुए है। 


Last Updated : Oct 17, 2019, 9:19 PM IST
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