देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी भी पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही है. जहां एक ओर विपक्षी दल कांग्रेस, 3 सितंबर से परिवर्तन रैली निकाल रही है तो वहीं, भाजपा भी प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है. आम आदमी पार्टी भी गुपचुप तरीके से मलिन बस्तियों में अपने पैर को पसारने में जुटी हुई है. बीजेपी और कांग्रेस की रैली और यात्रा को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस की परिवर्तन रैली की काट को लेकर भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है.
2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दल जनता में पैठ बनाने में जुटे हुए हैं. इसके लिए प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस, यात्रा और रैली निकलने जा रही हैं. इसके लिए दलों ने एक ही दिन तय किया है. दोनों दलों ने जनता को साधने के लिए क्षेत्र अलग अलग चुना है. भाजपा अपनी जन आशीर्वाद यात्रा को गढ़वाल से तो कांग्रेस परिवर्तन रैली को कुमाऊं से शुरू करने जा रही है. वही, आम आदमी पार्टी भी गुपचुप तरीके से अपना जनाधार बढ़ाने में लगी है. भाजपा की यात्रा और कांग्रेस की रैली शुरू होने के साथ ही प्रदेश में चुनावी बिगुल बज जाएगा.
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3 सितंबर को भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का एक ही दिन यात्रा और रैली शुरू का शुरू होना कई सवाल खड़े कर रहा है. भाजपा का जन आशीर्वाद यात्रा पहले ही संपन्न हो गई थी. जिसके बाद कांग्रेस ने परिवर्तन रैली निकालने की घोषणा की थी. कांग्रेस की परिवर्तन रैली की घोषणा के बाद ही भाजपा ने अपने जन आशीर्वाद यात्रा का विस्तारीकरण करते हुए 3 सितंबर को श्रीनगर और 6 सितंबर को अल्मोड़ा में करने का निर्णय लिया.
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परिवर्तन रैली की काट के लिए भाजपा कर रही है जन आशीर्वाद यात्रा: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने कहा कि चुनावी साल में राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए कुछ ना कुछ करते ही हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां हैं. दोनों ही सत्ता की दावेदार हैं. एक ओर भाजपा के सामने सत्ता बचाये रखने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस के सामने सत्ता वापसी की राह है. जिसके लिए वे जोर-शोर से लगे हैं. ऐसे में जब कांग्रेस ने परिवर्तन रैली की घोषणा की तो भाजपा ने भी इसे हल्के में नहीं लिया. उसी तर्ज पर जनता से संवाद और जनता आशीर्वाद लेने के लिए उसी दिन जन आशीर्वाद यात्रा को गढ़वाल के केंद्र श्रीनगर से शुरू करने का फैसला भाजपा ने लिया. जिससे साफ पता चलता है कि भाजपा न सिर्फ सजग है बल्कि कांग्रेस को लेकर चिंतित भी है. यानी कुल मिलाकर देखें तो भाजपा कांग्रेस की परिवर्तन रैली की काट के लिए ही जन आशीर्वाद यात्रा को विस्तार दे रही है.
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गुपचुप तरीके से मलिन बस्तियों में पैठ बना रही आप: भागीरथ शर्मा ने बताया जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही यात्रा और रैली के माध्यम से जन संवाद कर रही हैं वही, आम आदमी पार्टी भी चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हो गई है. आप समूह बनाकर मलिन बस्तियों में जा रही है. जहां रहने वाले लोगों के बीच वह अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. यह अभियान आम आदमी पार्टी, नियमित रूप से और गुपचुप तरीके से कर रही है.
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कांग्रेस से डरकर भाजपा निकाल रही है जन आशीर्वाद यात्रा: कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि 3 सितंबर को शहीदों की स्थली खटीमा से कांग्रेस की परिवर्तन रैली शुरू करेगी. यह चार दिवसीय रैली, भाजपा सरकार के कुशासन के खिलाफ शुरू की जा रही है. कांग्रेस की परिवर्तन रैली खटीमा से शुरू होकर 6 सितंबर को रुद्रपुर में समाप्त होगी. परिवर्तन रैली, उधमसिंह नगर और नैनीताल की 13 विधानसभाओं में जाएगी. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष समेत तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. मथुरा दत्त जोशी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की परिवर्तन रैली से डरकर भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा भाजपा को उत्तराखंड की जनता से क्षमा मांगते हुए पश्चाताप रैली निकालनी चाहिए.
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कांग्रेस का देश से हो गया है सफाया: वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कांग्रेस के वार पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा पूरे देश से कांग्रेस का सफाया हो गया. मदन कौशिक ने कहा कि सभी राज्यों से धीरे-धीरे कांग्रेस बाहर हो रही है. बावजूद इसके कांग्रेस इस बात को कह रही है कि उनकी यात्रा से भाजपा डर गई यह कहीं भी सही नहीं है. यही, नहीं, साढ़े 4 साल के दौरान कांग्रेस कहीं नजर नहीं आयी, लेकिन अब चुनाव के समय वह यात्रा निकालकर, क्या सिद्ध करना चाहते हैं ये तो कांग्रेस ही जानें. साथ ही कौशिक ने कहा जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दिया है. ऐसे में नकारा हुआ व्यक्ति राजनीति में दोबारा खड़ा नहीं हो सकता.