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देहरादून के पांच गांवों में फैली महामारी, दो महीने बाद जागा स्वास्थ्य विभाग

स्थानीय लोगों के मुताबिक, इन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने 2 महीने के बाद इस इलाके की सुध ली है. शुक्रवार से नयागांव पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाकर डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित लोगों को दवा देने के साथ ही मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया.

देहरादून के पांच गांवों में फैली महामारी.
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Published : Oct 18, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 5:39 PM IST

देहरादून: शहरी इलाकों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू,वायरल, टाइफाइड जैसे जानलेवा की बीमारियों का आतंक देखने को मिल रहा है. शिमला बाईपास रोड से सटे एक साथ 5 गांवों के सैकड़ों लोग डेंगू और टाइफाइड जैसी जानलेवा बिमारी की चपेट में आ गये हैं. देहरादून शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नयागांव, पेलियो, भुड़पुर, रामगढ़ व रतनपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के मुताबिक 70% से ज्यादा लोग संक्रमण से परेशान हैं.

देहरादून के पांच गांवों में फैली महामारी.

स्थानीय लोगों के मुताबिक इन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने 2 महीने के बाद इस इलाके की सुध ली है. शुक्रवार से नयागांव पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाकर डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित लोगों को दवा देने के साथ ही मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया गया. हालांकि, ग्रामीणों की इस बात से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखता है.

शहर का कूड़ा-कचरा ग्रामीण इलाके में लाने के चलते फैली बीमारियां

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र के 5 गांवों में हर घर में ज्यादातर लोग डेंगू व टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग सिर्फ फॉगिंग कर खानापूर्ति करने में जुटा है. स्थानीय लोगों का आरोप हैं कि शहरी क्षेत्र से हर दिन आने वाली गंदगी, कूड़ा- कचरा उनके इलाके के शीशम बाड़ा प्लांट में डाला जाता है. जिसके कारण क्षेत्र में जानलेवा बीमारी फैल रही हैं.

पिछले 50 वर्षों में ऐसी महामारी नहीं देखी
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 40 -50 सालों में उन्होंने इस तरह की महामारी आज तक नहीं देखी. ऐसा पहली बार है जब एक साथ कई गांव में ज्यादातर परिवारों के छोटे-बड़े सभी लोगों डेंगू, वायरल, टाइफाइड जैसी बीमारी से ग्रसित हो. वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग की जो टीमें उनके इलाके में डेंगू या फिर अन्य तरह की बीमारी के निरीक्षण के लिए आती हैं वो केवल सरकारों को गुमराह करने का काम करती है.

डेंगू की वजह से गर्भवती महिला सहित तीन लोगों की मौत : ग्रामीण
नयागांव क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में 2 महीने से ज्यादा का वक्त से ये पूरी महामारी फैली हुई है. उसके बावजूद भी स्वास्थ विभाग इलाके में डेंगू के प्रकोप को मानने को तैयार नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि इसी दौरान डेंगू से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें एक 8 महीने की गर्भवती महिला भी शामिल है. हालांकि इस बात की भी स्वास्थ विभाग पुष्टि नहीं कर रहा हैं।


कैंप लगाकर दवा देने वाले सरकारी डॉक्टर ने माना डेंगू के लक्षण ज्यादा

ग्रामीणों के मुताबिक, शिमला बाईपास के नया गांव सहित आसपास के पांच गांवों में काफी दिनों डेंगू जैसी बीमारी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं. वहीं दो महीने बाद जागी स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को नयागांव के पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाया. इस दौरान लोगों को होम्योपैथिक की दवा दी गई. ग्रामीणों को दवा के साथ ही मच्छरों से बचने के बारे में जागरूक किया गया. वहीं कैंप के डॉक्टर ने भी माना कि जिस तरह के लक्षण लोगों द्वारा बताए जा रहे हैं उससे डेंगू की आशंका ज्यादा लग रही है. डॉक्टर के मुताबिक डेंगू के लक्षण वाले लोगों को एहतियात के तौर पर दवाइयां दी जा रही हैं.

देहरादून: शहरी इलाकों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू,वायरल, टाइफाइड जैसे जानलेवा की बीमारियों का आतंक देखने को मिल रहा है. शिमला बाईपास रोड से सटे एक साथ 5 गांवों के सैकड़ों लोग डेंगू और टाइफाइड जैसी जानलेवा बिमारी की चपेट में आ गये हैं. देहरादून शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नयागांव, पेलियो, भुड़पुर, रामगढ़ व रतनपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के मुताबिक 70% से ज्यादा लोग संक्रमण से परेशान हैं.

देहरादून के पांच गांवों में फैली महामारी.

स्थानीय लोगों के मुताबिक इन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने 2 महीने के बाद इस इलाके की सुध ली है. शुक्रवार से नयागांव पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाकर डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित लोगों को दवा देने के साथ ही मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया गया. हालांकि, ग्रामीणों की इस बात से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखता है.

शहर का कूड़ा-कचरा ग्रामीण इलाके में लाने के चलते फैली बीमारियां

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र के 5 गांवों में हर घर में ज्यादातर लोग डेंगू व टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग सिर्फ फॉगिंग कर खानापूर्ति करने में जुटा है. स्थानीय लोगों का आरोप हैं कि शहरी क्षेत्र से हर दिन आने वाली गंदगी, कूड़ा- कचरा उनके इलाके के शीशम बाड़ा प्लांट में डाला जाता है. जिसके कारण क्षेत्र में जानलेवा बीमारी फैल रही हैं.

पिछले 50 वर्षों में ऐसी महामारी नहीं देखी
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 40 -50 सालों में उन्होंने इस तरह की महामारी आज तक नहीं देखी. ऐसा पहली बार है जब एक साथ कई गांव में ज्यादातर परिवारों के छोटे-बड़े सभी लोगों डेंगू, वायरल, टाइफाइड जैसी बीमारी से ग्रसित हो. वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग की जो टीमें उनके इलाके में डेंगू या फिर अन्य तरह की बीमारी के निरीक्षण के लिए आती हैं वो केवल सरकारों को गुमराह करने का काम करती है.

डेंगू की वजह से गर्भवती महिला सहित तीन लोगों की मौत : ग्रामीण
नयागांव क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में 2 महीने से ज्यादा का वक्त से ये पूरी महामारी फैली हुई है. उसके बावजूद भी स्वास्थ विभाग इलाके में डेंगू के प्रकोप को मानने को तैयार नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि इसी दौरान डेंगू से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें एक 8 महीने की गर्भवती महिला भी शामिल है. हालांकि इस बात की भी स्वास्थ विभाग पुष्टि नहीं कर रहा हैं।


कैंप लगाकर दवा देने वाले सरकारी डॉक्टर ने माना डेंगू के लक्षण ज्यादा

ग्रामीणों के मुताबिक, शिमला बाईपास के नया गांव सहित आसपास के पांच गांवों में काफी दिनों डेंगू जैसी बीमारी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं. वहीं दो महीने बाद जागी स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को नयागांव के पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाया. इस दौरान लोगों को होम्योपैथिक की दवा दी गई. ग्रामीणों को दवा के साथ ही मच्छरों से बचने के बारे में जागरूक किया गया. वहीं कैंप के डॉक्टर ने भी माना कि जिस तरह के लक्षण लोगों द्वारा बताए जा रहे हैं उससे डेंगू की आशंका ज्यादा लग रही है. डॉक्टर के मुताबिक डेंगू के लक्षण वाले लोगों को एहतियात के तौर पर दवाइयां दी जा रही हैं.

Intro:Summary_डेंगू महामारी के चपेट में एक साथ कई ग्रामीण क्षेत्र, 3 की मौत, स्वास्थ विभाग के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश। 1 सप्ताह बाद ली प्रशासन ने सुध, कैंप लगाकर दी जा रही है डेंगू की दवाइयां।



देहरादून: शहरी इलाकों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू,वायरल-टाइफाइड जैसे जानलेवा की बीमारी से महामारी का आलम देखने को मिल रहा हैं। शिमला बाईपास रोड़ से सटे एक साथ 5 गांवों के सैकड़ों लोग डेंगू और टाइफाइड जानलेवा जैसे बुखार की चपेट में आने से महामारी के चक्रव्यू में फंसे हैं। देहरादून शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नयागांव, पेलियो, भुड़पुर, रामगढ़ व रतनपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के मुताबिक 70% से ज्यादा लोग संक्रमण जैसे गंभीर बीमारी से मुसीबत में आ चुके हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक पूरे ग्रामीण इलाकें में इस महामारी को फैले हुए 2 महीने का वक्त गुजरने के बाद बमुश्किल गुरुवार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इलाके की सुध ली जिसके बाद शुक्रवार से नया गांव पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाकर डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित लोगों को दवा देने के साथ मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस बात से पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रख रहा हैं।


Body:शहर का कूड़ा -कचरा ग्रामीण इलाकें में लाने के चलते बीमारियां फैल रही है: ग्रामीण वासी

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि, क्षेत्र के 5 गांवों में हर घर से ज्यादातर लोग डेंगू व टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सिर्फ फॉगिंग कर खानापूर्ति करने में जुटा हैं। स्थानीय लोगों का आरोप हैं कि, शहरी क्षेत्र प्रतिदिन आने वाला गंदगी भरा कूड़ा- कचरा उनके इलाकें में स्थित शीशम बाड़ा प्लांट में जाता हैं,जिसकी गन्दगी से पूरे में क्षेत्र में जानलेवा बीमारी फैल रही हैं।

ग्रामीणों के मुताबिक पिछले 50 वर्षों में ऐसी महामारी नहीं देखी गई

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 40 -50 वर्षों से ऐसा कभी नहीं देखा गया कि इलाके में डेंगू जैसी इस तरह की महामारी वाली बीमारी को देखा गया हो यह पहली बार हो रहा है जब एक साथ कई गांव में ज्यादातर परिवारों के छोटे बड़े सभी लोगों को खतरनाक बीमारी हो रही है। वहीं कुछ स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें में जो इलाके में निरीक्षण करने आ रही है वह उन्हें डेंगू या अन्य तरह की बीमारी ना होने होने को लेकर गुमराह कर रही है, जबकि उनके द्वारा पैथोलॉजी में कराए गए टेस्ट में डेंगू की पुष्टि हो रही।

डेंगू की वजह से गर्भवती महिला सहित तीन लोगों की मौत : ग्रामीण

नयागांव क्षेत्र के स्थानीय लोगों का आरोप है कि 2 महीने से ज्यादा का वक्त पूरे इलाके में महामारी डेंगू जैसी बीमारी तेजी से फैल रही है, उसके बावजूद स्वास्थ विभाग इस बात को मानकर राजी नहीं की क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप है। जबकि इसी दौरान डेंगू से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है,जिसमें एक 8 महीने की गर्भवती महिला भी शामिल है।हालांकि इस बात की भी स्वास्थ विभाग पुष्टि नहीं कर रहा हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक इलाके में पर्याप्त स्वास्थ सुविधा व दवाएं न मिलने के चलते गरीब तबके के लोग शहरों की तरफ उपचार के लिए जाने को मजबूर है।


one to one
ग्रामीण वासी




Conclusion:कैंप लगाकर दवा देने वाले सरकारी डॉक्टर ने माना डेंगू के लक्षण ज्यादा हैं इलाकें में..

उधर ग्रामीणों के मुताबिक शिमला बाईपास रोड स्थित नया गांव सहित आसपास के पांच ग्रामीण क्षेत्रों में काफी दिनों महामारी जैसी डेंगू जैसी बीमारी के कारण तांडव मचा हुआ हैं, हालांकि अलग-अलग तरह के तरह के बुखार से पीड़ित लोगों को शुक्रवार से पंचायत घर में कैंप लगाकर होम्योपैथिक की दवा दी जा रही है। ग्रामीणों को दवा और मच्छरों से बचने के बारे में जागरूक करने वाले डॉक्टरों का भी मानना है कि जिस तरह के लक्षण लोगों द्वारा बताए जा रहे हैं उस में डेंगू की आशंका ज्यादा दिख रही है। डॉक्टर के मुताबिक डेंगू के लक्षण वाले लोगों को इतिहास के तौर पर दवाइयां दी जा रही हैं साथी अन्यथा की बीमारी के संबंध में भी उपचार के संबंध में जागरूक कर जानकारी दी जा रही है।

one to one
कैम्प लगाने वाले डॉक्टर
Last Updated : Oct 18, 2019, 5:39 PM IST
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