देहरादून: शहरी इलाकों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू,वायरल, टाइफाइड जैसे जानलेवा की बीमारियों का आतंक देखने को मिल रहा है. शिमला बाईपास रोड से सटे एक साथ 5 गांवों के सैकड़ों लोग डेंगू और टाइफाइड जैसी जानलेवा बिमारी की चपेट में आ गये हैं. देहरादून शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नयागांव, पेलियो, भुड़पुर, रामगढ़ व रतनपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के मुताबिक 70% से ज्यादा लोग संक्रमण से परेशान हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक इन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने 2 महीने के बाद इस इलाके की सुध ली है. शुक्रवार से नयागांव पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाकर डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित लोगों को दवा देने के साथ ही मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया गया. हालांकि, ग्रामीणों की इस बात से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखता है.
शहर का कूड़ा-कचरा ग्रामीण इलाके में लाने के चलते फैली बीमारियां
ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र के 5 गांवों में हर घर में ज्यादातर लोग डेंगू व टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग सिर्फ फॉगिंग कर खानापूर्ति करने में जुटा है. स्थानीय लोगों का आरोप हैं कि शहरी क्षेत्र से हर दिन आने वाली गंदगी, कूड़ा- कचरा उनके इलाके के शीशम बाड़ा प्लांट में डाला जाता है. जिसके कारण क्षेत्र में जानलेवा बीमारी फैल रही हैं.
पिछले 50 वर्षों में ऐसी महामारी नहीं देखी
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 40 -50 सालों में उन्होंने इस तरह की महामारी आज तक नहीं देखी. ऐसा पहली बार है जब एक साथ कई गांव में ज्यादातर परिवारों के छोटे-बड़े सभी लोगों डेंगू, वायरल, टाइफाइड जैसी बीमारी से ग्रसित हो. वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग की जो टीमें उनके इलाके में डेंगू या फिर अन्य तरह की बीमारी के निरीक्षण के लिए आती हैं वो केवल सरकारों को गुमराह करने का काम करती है.
डेंगू की वजह से गर्भवती महिला सहित तीन लोगों की मौत : ग्रामीण
नयागांव क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में 2 महीने से ज्यादा का वक्त से ये पूरी महामारी फैली हुई है. उसके बावजूद भी स्वास्थ विभाग इलाके में डेंगू के प्रकोप को मानने को तैयार नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि इसी दौरान डेंगू से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसमें एक 8 महीने की गर्भवती महिला भी शामिल है. हालांकि इस बात की भी स्वास्थ विभाग पुष्टि नहीं कर रहा हैं।
कैंप लगाकर दवा देने वाले सरकारी डॉक्टर ने माना डेंगू के लक्षण ज्यादा
ग्रामीणों के मुताबिक, शिमला बाईपास के नया गांव सहित आसपास के पांच गांवों में काफी दिनों डेंगू जैसी बीमारी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं. वहीं दो महीने बाद जागी स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को नयागांव के पंचायत घर में स्वास्थ्य कैंप लगाया. इस दौरान लोगों को होम्योपैथिक की दवा दी गई. ग्रामीणों को दवा के साथ ही मच्छरों से बचने के बारे में जागरूक किया गया. वहीं कैंप के डॉक्टर ने भी माना कि जिस तरह के लक्षण लोगों द्वारा बताए जा रहे हैं उससे डेंगू की आशंका ज्यादा लग रही है. डॉक्टर के मुताबिक डेंगू के लक्षण वाले लोगों को एहतियात के तौर पर दवाइयां दी जा रही हैं.