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कैबिनेट बैठक में बहाली पर निर्णय न होने से भड़के आउटसोर्स कर्मी, चंपावत जाने की दी चेतावनी

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Published : May 13, 2022, 4:44 PM IST

बृहस्पतिवार को कैबिनेट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की बहाली पर कोई निर्णय (Decision on outsourcing employees in cabinet meeting) नहीं लिया गया. जिसके बाद आउटसोर्सिंग कर्मचारी आक्रोशित (Outsourcing employees angry) हो गये हैं. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे इन प्रदर्शकारियों ने चंपावत जाने की चेतावनी (Protesters warned to go to Champawat) दी है.

Outsourced workers furious due to non-decision on reinstatement in cabinet meeting
कैबिनेट बैठक में बहाली पर निर्णय न होने से भड़के आउटसोर्स कर्मी

देहरादून: कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारी बहाली (Decision on outsourced employee reinstatement in cabinet) को लेकर कोई निर्णय ना होने से आक्रोशित हैं. आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने दीनदयाल उपाध्याय पार्क में अपना धरना शुरू कर दिया है. आउटसोर्सिंग कर्मचारी आकांक्षा का कहना है कि जब तक उनकी बहाली की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. निकाले गये आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने सरकार से नाराज(Outsourcing employees angry with the government) होकर चंपावत जाने की चेतावनी दी है.

बता दें कि राज्य के तमाम सरकारी अस्पतालों में दो हजार से अधिक कर्मचारी पीआरडी और उपनल के माध्यम से आउट सोर्स पर रखे गए थे. सरकार ने कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद बीती 31 मार्च को अनुबंध के तहत इन कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया. इनमें से 610 कर्मचारी कई संवर्गो में दून मेडिकल कॉलेज को अपनी सेवाएं दे रहे थे. इसके बाद यह कर्मचारी अपनी बहाली को लेकर आंदोलनरत हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने इन आउटसोर्सिंग कर्मियों को कैबिनेट बैठक में उनकी बहाली को लेकर प्रस्ताव लाने का आश्वासन दिया था, किंतु उनके सेवा विस्तार का कोई निर्णय ना होने से आउटसोर्सिंग कर्मचारी अब आक्रोशित हो गए हैं.

कैबिनेट बैठक में बहाली पर निर्णय न होने से भड़के आउटसोर्स कर्मी

पढ़ें- श्रीनगर में ट्रैफिक के दुश्मन बने आवारा जानवर, प्रशासन की भी बढ़ी मुश्किलें

कल देर रात दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के निर्देश पर परिसर के पास अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का टेंट हटा दिया गया. जिसके बाद उन्हें परिसर में धरना ना दिए जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने दीनदयाल उपाध्याय पार्क में अपना धरना शुरू कर दिया है. आउटसोर्सिंग कर्मचारी आकांक्षा का कहना है कि जब तक उनकी बहाली की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो उन्हें मजबूरन चंपावत का रूख करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

पढ़ें- रुद्रप्रयाग: आवासीय क्षेत्रों तक पहुंची वनाग्नि, तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

बता दें कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इन कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा कई सार्वजनिक मंचों पर कोरोना योद्धाओं की सेवा बहाली का आश्वासन दे चुके हैं, स्वास्थ मंत्री ने इन कर्मचारियों से कैबिनेट होते ही इस पर निर्णय किए जाने का वादा किया था लेकिन गुरुवार को कैबिनेट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की बहाली पर कोई निर्णय नहीं ले गया, जिसके बाद अब आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर चंपावत जाने की चेतावनी दी है.

देहरादून: कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारी बहाली (Decision on outsourced employee reinstatement in cabinet) को लेकर कोई निर्णय ना होने से आक्रोशित हैं. आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने दीनदयाल उपाध्याय पार्क में अपना धरना शुरू कर दिया है. आउटसोर्सिंग कर्मचारी आकांक्षा का कहना है कि जब तक उनकी बहाली की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. निकाले गये आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने सरकार से नाराज(Outsourcing employees angry with the government) होकर चंपावत जाने की चेतावनी दी है.

बता दें कि राज्य के तमाम सरकारी अस्पतालों में दो हजार से अधिक कर्मचारी पीआरडी और उपनल के माध्यम से आउट सोर्स पर रखे गए थे. सरकार ने कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद बीती 31 मार्च को अनुबंध के तहत इन कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया. इनमें से 610 कर्मचारी कई संवर्गो में दून मेडिकल कॉलेज को अपनी सेवाएं दे रहे थे. इसके बाद यह कर्मचारी अपनी बहाली को लेकर आंदोलनरत हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने इन आउटसोर्सिंग कर्मियों को कैबिनेट बैठक में उनकी बहाली को लेकर प्रस्ताव लाने का आश्वासन दिया था, किंतु उनके सेवा विस्तार का कोई निर्णय ना होने से आउटसोर्सिंग कर्मचारी अब आक्रोशित हो गए हैं.

कैबिनेट बैठक में बहाली पर निर्णय न होने से भड़के आउटसोर्स कर्मी

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कल देर रात दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के निर्देश पर परिसर के पास अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का टेंट हटा दिया गया. जिसके बाद उन्हें परिसर में धरना ना दिए जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने दीनदयाल उपाध्याय पार्क में अपना धरना शुरू कर दिया है. आउटसोर्सिंग कर्मचारी आकांक्षा का कहना है कि जब तक उनकी बहाली की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो उन्हें मजबूरन चंपावत का रूख करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

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बता दें कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इन कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा कई सार्वजनिक मंचों पर कोरोना योद्धाओं की सेवा बहाली का आश्वासन दे चुके हैं, स्वास्थ मंत्री ने इन कर्मचारियों से कैबिनेट होते ही इस पर निर्णय किए जाने का वादा किया था लेकिन गुरुवार को कैबिनेट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की बहाली पर कोई निर्णय नहीं ले गया, जिसके बाद अब आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर चंपावत जाने की चेतावनी दी है.

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