देहरादून: उत्तराखंड में बीएड पाठ्यक्रम को लेकर एनसीटीई ने मानक में खासा फेरबदल किया है. ऐसे में अब कॉलेजों को मानक पूरा करने में खासी मशक्कत करनी होगी. दरअसल, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने शिक्षा में सुधार के लिए बीएड पाठ्यक्रम के लिए मानक कड़े किए हैं. इन मानकों को पूरा करने वाले बीएड कॉलेजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए कई मानक तय किए हैं. बता दें कि राज्य में करीब 80 बीएड कॉलेज हैं. जिनमें अधिकतर बीएड कॉलेज मानक पूरे नहीं कर रहे हैं. ऐसे में अब इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम को कॉलेजों में शुरू करने के लिए इन संस्थानों को मानक पूरे करने होंगे.
मानक के अनुसार, इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए कॉलेजों में एक यूजी पाठ्यक्रम अनिवार्य होगा. साथ ही पहले से 2 साल का पाठ्यक्रम बीएड में संचालित करने वाले कॉलेजों को ही इसकी स्वीकृति दी जाएगी. इसके अलावा स्टाफ को लेकर भी नियमित मानक तय किये गये हैं. इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए मानकों को कड़ा करने का मकसद शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना है.
दरअसल, शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार नए मानकों को स्थापित किया जा रहा है. इसमें खासतौर पर नए कोर्सों में मानकों का कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है. इसी तर्ज पर इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम के लिए भी कड़े मानक तय कर दिये गये हैं. इन मानकों को पूरा करने के बाद ही कॉलेजों को स्वीकृति दी जाएगी.