देहरादून: नगर निगम के कांजी हाउस में गोवंश की लगातार हो रही मौत के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. बुधवार को ईटीवी भारत ने गोवंश की मौत की खबरों को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की आंखें खुली हैं. गुरुवार सुबह से ही कांजी हाउस का नजारा बदला-बदला नजर आया. यहां साफ-सफाई के काम के साथ गोवंश को ठिकाने लगाने का काम जोरों से चल रहा था.
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गोवंश मामले में ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेने के बाद नगर निगम मेयर और आयुक्त भी कांजी हाउस पहुंचे. जहां उन्होंने तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया. हालांकि इस सबके बावजूद भी नगर निगम अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने में लगा हुआ है. कैमरे में सच्चाई कैद होने के बाद भी नगर निगम लगातार इस मामले में खुद को पाक साफ बता रहा है.
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केदरापुरम के कांजी हाउस में गोवंश की मौत के मामले में भले ही मेयर ने कांजी हाउस को शिफ्ट करने के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने की बात कही, बावजूद इसके मामले में नगर निगम की गलती मानने को तैयार नहीं हैं. बुधवार को गोवंश की खबर प्राकाशित करने के बाद से ही ईटीवी भारत की टीम मामले पर लगातार नजर बनाये हुए थी. गुरुवार सुबह इस मामले में जो कुछ भी सामने आया वो चौंकाने वाला था.
गुरुवार की सुबह कांजी हाउस में गोवंश को एक गाड़ी में प्लास्टिक से छिपा कर रखा गया था. साथ ही इसके उपर एक और रिक्शा रखकर उसे किसी अज्ञात जगह पर ले जाया जा रहा था. अब इन गोवंश गाड़ियों में लाद कर कहां ले जाया जा रहा था? इनका क्या होने वाला है? ये किसी को नहीं पता.
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मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को भी यहां एक दर्जन से ज्यादा गोवंश की मृत्यु हुई. जिन्हें आनन-फानन में यहां से किसी अज्ञात जगह पर ले जाया गया है. इस सबके बाद नगर निगम की टीम भी कांजी हाउस पहुंची. टीम में मेयर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे मोजूद थे, जिन्होंने कांजी हाउस के गेट से मुश्किल से कुछ ही मीटर अंदर तक निरीक्षण कर मामले में इतिश्री कर दी.
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ईटीवी भारत की टीम ने जब मेयर और नगर आयुक्त से बात की तो उन्होंने इस मामले पर पूरी तरह से अपनी कारगुजारी पर पर्दा डालने की कोशिश की. साथ ही जब हमने कांजी हाउस की व्यवस्थाओं पर दोनों से सवाल पूछा तो दोनों एक दूसरे के मुंह ताकते नजर आये.