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राजस्व संयुक्त सचिव के घर से बाल आयोग ने नाबालिग को कराया मुक्त, मुकदमा दर्ज

बाल आयोग अध्यक्ष आशा नेगी का कहना है कि उनके पास लगातार इसी तरह की शिकायतें आ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए वे लगातार छापेमारी कर रही हैं. जिस कड़ी में नाबालिग को मुक्त कराया गया है.

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बाल आयोग की छापेमारी
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Published : Dec 21, 2019, 8:01 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 12:59 PM IST

देहारादून: शनिवार को बाल आयोग अध्यक्ष ने उत्तराखंड राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव के घर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान संयुक्त सचिव के घर में 12 साल की नाबालिग बच्ची मिली. बाल आयोग के अध्यक्ष ने नाबालिग को बाल श्रम से मुक्त करवाया. वसंत विहार पुलिस ने इस मामले में बाल श्रम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. जिसके बाद अब आगे की कार्रवाई की जानी है.

बाल आयोग की छापेमारी

बता दें कि बाल आयोग को लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई .जानकारी के मुताबिक आरोप हैं कि संयुक्त सचिव का परिवार बिना किसी कानूनी औपचारिकता के बगैर कुमाऊं की नाबालिग बच्ची को अपने घर में रखे हुए थे. जहां वे उसकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई के नाम पर उससे बाल श्रम करवा रहे थे. हालांकि संयुक्त सचिव के परिवार ने बाल श्रम के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनके अनुसार वे गरीब परिवार की इस बच्ची को उसकी परवरिश के लिए अपने घर लाए थे. जिसके चलते वह उनके साथ रह रही थी.

पढ़ें-पुलिस ने की छापेमारी, 18 लीटर अवैध शराब के साथ धरा गया आरोपी

मामले में आरोपी परिवार ने कहा कि भले ही उन्होंने बच्ची को घर पर रखने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं, लेकिन वे बच्ची के परिवार से बात करने के बाद ही उसे अपने साथ लाए हैं. उन्होंने बताया कि ये बच्ची उनके पास पूरी तरह से सुरक्षित और खुश है. साथ ही उन्होंने कहा कि उससे किसी तरह का बाल श्रम नहीं करवाया जाता है.

पढ़ें-कोटद्वार: 108 एबुलेंस में फिर गूंजी किलकारी, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

वहीं इस मामले में बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी का कहना है कि उनके पास लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए वे लगातार छापेमारी कर रही हैं. जिस कड़ी में नाबालिग को मुक्त कराया गया है.

पढ़ें-नाबालिग को भगा ले जाने वाला आरोपी अरेस्ट, 6 जिंदा कारतूस और एक तमंचा बरामद

बता दें कि उत्तराखंड अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पिछले दिनों आदेश जारी किया गया था कि कोई भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने घर में किसी भी नाबालिग बच्चे से बाल श्रम न करवाए. अगर ऐसा करता कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी उन्होंने कही थी.

देहारादून: शनिवार को बाल आयोग अध्यक्ष ने उत्तराखंड राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव के घर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान संयुक्त सचिव के घर में 12 साल की नाबालिग बच्ची मिली. बाल आयोग के अध्यक्ष ने नाबालिग को बाल श्रम से मुक्त करवाया. वसंत विहार पुलिस ने इस मामले में बाल श्रम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. जिसके बाद अब आगे की कार्रवाई की जानी है.

बाल आयोग की छापेमारी

बता दें कि बाल आयोग को लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई .जानकारी के मुताबिक आरोप हैं कि संयुक्त सचिव का परिवार बिना किसी कानूनी औपचारिकता के बगैर कुमाऊं की नाबालिग बच्ची को अपने घर में रखे हुए थे. जहां वे उसकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई के नाम पर उससे बाल श्रम करवा रहे थे. हालांकि संयुक्त सचिव के परिवार ने बाल श्रम के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनके अनुसार वे गरीब परिवार की इस बच्ची को उसकी परवरिश के लिए अपने घर लाए थे. जिसके चलते वह उनके साथ रह रही थी.

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मामले में आरोपी परिवार ने कहा कि भले ही उन्होंने बच्ची को घर पर रखने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं, लेकिन वे बच्ची के परिवार से बात करने के बाद ही उसे अपने साथ लाए हैं. उन्होंने बताया कि ये बच्ची उनके पास पूरी तरह से सुरक्षित और खुश है. साथ ही उन्होंने कहा कि उससे किसी तरह का बाल श्रम नहीं करवाया जाता है.

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वहीं इस मामले में बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी का कहना है कि उनके पास लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए वे लगातार छापेमारी कर रही हैं. जिस कड़ी में नाबालिग को मुक्त कराया गया है.

पढ़ें-नाबालिग को भगा ले जाने वाला आरोपी अरेस्ट, 6 जिंदा कारतूस और एक तमंचा बरामद

बता दें कि उत्तराखंड अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पिछले दिनों आदेश जारी किया गया था कि कोई भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने घर में किसी भी नाबालिग बच्चे से बाल श्रम न करवाए. अगर ऐसा करता कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी उन्होंने कही थी.

Intro:summary-उत्तराखंड राजस्व संयुक्त सचिव के आवाज से छापेमारी कर बाल आयोग ने नाबालिग बच्चों कराए मुक्त.

उत्तराखंड राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव के घर पर शनिवार बाल आयोग अध्यक्ष द्वारा छापेमारी कर घर में बाल श्रम के तहत 12 साल की नाबालिक बच्ची को मुक्त कराया है। बाल आयोग को लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक आरोप हैं कि संयुक्त सचिव के परिवार द्वारा बिना किसी कानूनी औपचारिकता के बगैर कुमाऊं गढ़वाल के नाबालिक बच्ची को काफी समय से अपने घर में परवरिश और पढ़ाई लिखाई के नाम पर बाल श्रम करवाया जा रहा था। हालांकि इन आरोपों को संयुक्त सचिव के परिवार ने बाल श्रम के आरोपों को सिरे से खारिज किया है उनके अनुसार वह गरीब परिवार के एक बच्ची को परवरिश के लिए अपने घर पर लाए थे जिसके चलते हुए उनके साथ रह रही है हालांकि यह बात सही है कि उनके द्वारा बच्ची को गोद लेने और प्रवेश करने के लिए कोई कानूनी औपचारिकता नहीं निभाई गई है।


Body:जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा पिछले दिनों यह आदेश जारी किया गया था कि, कोई भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने घर कोई भी नाबालिक बच्चों को रखकर बाल श्रम ना करवाएं ...अगर ऐसा कहीं भी पाया गया तो आरोपी के खिलाफ राज सरकार की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव के आदेश की अवहेलना करते हुए राजस्व सचिव के घर पर इस तरह मामला सामने आने के बाद आदेशों की अवहेलना के साथ ही कानून को ताक पर रखने का अपराध सामने आया है।


उधर इस मामले में आरोपी परिवार की महिला प्रधानाचार्य ने बताया है कि भले ही उन्होंने बच्ची को घर पर रखने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं की है, लेकिन वह उस बच्ची को उसके गरीब परिवार से बातचीत कर अपने आवास में लाएं हैं। ताकि बच्ची का सही माहौल में परवरिश हो सके और उसे पढ़ा लिखा कर कुछ बनाया जा सके। आरोपी महिला प्रधानाचार्य ने बताया कि बच्ची उनके पास पूरी तरह से सुरक्षित और खुश है और उसके साथ किसी तरह से बाल श्रम नहीं करवाया जाता।


बाईट- आरोपी परिवार महिला, प्रधानाचार्य




Conclusion:उधर इस मामले में बाल आयोग अध्यक्ष आशा नेगी ने माना कि लगातार उनके पास शिकायत आ रही थी, इसी के मद्देनजर चलते बच्ची को बाल श्रम के आरोप में मुक्त कराया गया है, हालांकि परिवार के मुताबिक बच्ची को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद परिवार द्वारा बच्ची को परवरिश करने के लिए कोई कानूनी औपचारिकता नहीं निभाई गई है। ऐसे में इस मामले पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

बाईट- उशा नेगी, बाल आयोग अध्यक्ष
Last Updated : Jan 3, 2020, 12:59 PM IST
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