देहरादून: जय जवान और जय किसान वाले देश में अक्सर वीआईपी कल्चर का मामला सुर्खियों में बना रहता है. कभी पीएम मोदी इसे खत्म करने की बात कहते हैं तो कभी आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल लालबत्ती पर रुककर इसे चिढ़ाते हुए दिखते हैं. वाबजूद इसके देश में वीआईपी कल्चर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला उत्तराखंड से सामने आया है. जहां मौजूदा समय में करीब 300 वीआईपी हैं. साल 2017 में केंद्रीय कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव पर मुहर तो लगी थी. लेकिन ये मुहर केवल बंद कमरों तक ही सीमित रही. हालांकि, इसके बाद कुछ राजनेताओं ने लाल बत्ती का इस्तेमाल छोड़ कर एक संदेश देने की कोशिश की थी लेकिन, ये भी नाकाफी साबित हुई.
केंद्र सरकार के फैसले के बाद भी प्रदेश में वीआईपी कल्चर गाहे-बगाहे नजर आ ही जाता है. हाल में ही मानवतावादी क्रांति दल ने प्रदेश में वीआईपी कल्चर को लेकर सवाल खड़े किये हैं. वहीं, प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों के नेता इस मामले पर एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं. मानवतावादी क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हर देश इतना संपन्न है कि वहां व्यक्ति से ज्यादा बढ़कर, आदमी खुद वीआईपी है. वह अपने कारोबार में इतना संपन्न है कि वह खुद ही वीआईपी बन जाता है. इसलिए अन्य देशों में वीआईपी कल्चर नहीं चलता है. लेकिन हमारे देश में इस बात की कमी है.
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यहां हर आदमी वीआईपी बनना चाहता है और सिर्फ अपना विकास करना चाहता है. यही वजह है कि देश में वीआईपी कल्चर बढ़ता जा रहा है. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में उत्तराखंड में भी करीब 300 वीआईपी हैं. राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए इन आंकड़ों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे.
मानवतावादी क्रांति दल द्वारा दिये गए आकड़े
- अमेरिका में करीब 252 वीआईपी हैं
- फ्रांस में करीब 109 वीआईपी हैं.
- जापान में करीब 125 वीआईपी हैं
- रूस में करीब 312 वीआईपी हैं.
- जर्मनी में करीब 142 वीआईपी हैं.
- ऑस्ट्रेलिया में करीब 205 वीआईपी हैं.
- भारत मे करीब 5 लाख 79 वीआईपी हैं.
वहीं, प्रदेश में वीआईपी कल्चर के मामले पर बोलते हुए भाजपा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि इसे लेकर पीएम मोदी ने स्पष्ट संकेत दिये हैं. केंद्र हो या फिर भाजपा शासित राज्य सभी जगहों से वीआईपी कल्चर को समाप्ति की ओर ले जाया जा रहा है. उन्नहोंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीआईपी कल्चर उनकी देन है. भसीन ने कहा कि आज लालबत्ती का दौर खत्म हो चुका है. साथ ही कुछ अन्य विशेषाधिकारों भी धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी वीआईपी कल्चर के पक्ष में नहीं रही है.
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कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने वीआईपी कल्चर के मामले पर बोलते हुए कहा कि ये अभी तक खत्म नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के आगे पीछे एस्कॉर्ट चल रही हैं. तो फिर कैसे कहा जाए कि वीआईपी कल्चर खत्म हो रहा है. राजेन्द्र शाह ने कहा कि वीआईपी कल्चर कहने से नहीं बल्कि संस्कारों में होता है. इसे खत्म करने के लिए बहुत जिगर वाला व्यक्ति चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को वीआईपी कल्चर की आदत पड़ गई है. कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने कोई गलत काम किया है तो क्या भाजपा भी लत काम करेगी?उन्होंने कहा कि भाजपा को इल्जाम लगाने से बचकर इस मामले में काम करना चाहिए.
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बता दें कि साल 2014 में केंद्र में आयी मोदी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी. जिसके बाद साल 2017 में कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव को पासकर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. जिसे 1 मई 2017 से लागू कर दिया गया था. साथ ही प्रस्ताव के अनुसार सिर्फ 5 लोगों को लालबत्ती इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया था. जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा स्पीकर शामिल थे. देश में वीआईपी कल्चर के मिले आंकड़े कही न कहीं इस पर सवाल उठाते नजर आते हैं.मिले आकड़ों के अनुसार देश भर में करीब 5 लाख 80 हजार वीआईपी हैं. ऐसे में देश में वीआईपी कल्चर कब और कैसे खत्म हो पाएगा ये अपने आप में बड़ा बड़ा सवाल है.