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देवभूमि में 300 'माननीय', क्या ऐसे खत्म होगा VIP कल्चर ?

प्रदेश में केंद्र सरकार के फैसले के बाद भी वीआईपी कल्चर गाहे-बगाहे सामने आ ही जाता है. हाल में ही मानवतावादी क्रांति दल ने प्रदेश में वीआईपी कल्चर को लेकर सवाल खड़े किये हैं. वहीं, प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों के नेता इस मामले पर एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं.

ऐसे कैसे खत्म होगा VIP कल्चर?
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Published : Jul 21, 2019, 7:06 PM IST

Updated : Jul 21, 2019, 9:54 PM IST

देहरादून: जय जवान और जय किसान वाले देश में अक्सर वीआईपी कल्चर का मामला सुर्खियों में बना रहता है. कभी पीएम मोदी इसे खत्म करने की बात कहते हैं तो कभी आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल लालबत्ती पर रुककर इसे चिढ़ाते हुए दिखते हैं. वाबजूद इसके देश में वीआईपी कल्चर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला उत्तराखंड से सामने आया है. जहां मौजूदा समय में करीब 300 वीआईपी हैं. साल 2017 में केंद्रीय कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव पर मुहर तो लगी थी. लेकिन ये मुहर केवल बंद कमरों तक ही सीमित रही. हालांकि, इसके बाद कुछ राजनेताओं ने लाल बत्ती का इस्तेमाल छोड़ कर एक संदेश देने की कोशिश की थी लेकिन, ये भी नाकाफी साबित हुई.

ऐसे कैसे खत्म होगा VIP कल्चर?

केंद्र सरकार के फैसले के बाद भी प्रदेश में वीआईपी कल्चर गाहे-बगाहे नजर आ ही जाता है. हाल में ही मानवतावादी क्रांति दल ने प्रदेश में वीआईपी कल्चर को लेकर सवाल खड़े किये हैं. वहीं, प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों के नेता इस मामले पर एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं. मानवतावादी क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हर देश इतना संपन्न है कि वहां व्यक्ति से ज्यादा बढ़कर, आदमी खुद वीआईपी है. वह अपने कारोबार में इतना संपन्न है कि वह खुद ही वीआईपी बन जाता है. इसलिए अन्य देशों में वीआईपी कल्चर नहीं चलता है. लेकिन हमारे देश में इस बात की कमी है.

पढ़ें-प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पर कांग्रेसियों में आक्रोश, प्रदेशभर में किया विरोध प्रदर्शन

यहां हर आदमी वीआईपी बनना चाहता है और सिर्फ अपना विकास करना चाहता है. यही वजह है कि देश में वीआईपी कल्चर बढ़ता जा रहा है. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में उत्तराखंड में भी करीब 300 वीआईपी हैं. राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए इन आंकड़ों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे.

मानवतावादी क्रांति दल द्वारा दिये गए आकड़े

  1. अमेरिका में करीब 252 वीआईपी हैं
  2. फ्रांस में करीब 109 वीआईपी हैं.
  3. जापान में करीब 125 वीआईपी हैं
  4. रूस में करीब 312 वीआईपी हैं.
  5. जर्मनी में करीब 142 वीआईपी हैं.
  6. ऑस्ट्रेलिया में करीब 205 वीआईपी हैं.
  7. भारत मे करीब 5 लाख 79 वीआईपी हैं.

वहीं, प्रदेश में वीआईपी कल्चर के मामले पर बोलते हुए भाजपा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि इसे लेकर पीएम मोदी ने स्पष्ट संकेत दिये हैं. केंद्र हो या फिर भाजपा शासित राज्य सभी जगहों से वीआईपी कल्चर को समाप्ति की ओर ले जाया जा रहा है. उन्नहोंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीआईपी कल्चर उनकी देन है. भसीन ने कहा कि आज लालबत्ती का दौर खत्म हो चुका है. साथ ही कुछ अन्य विशेषाधिकारों भी धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी वीआईपी कल्चर के पक्ष में नहीं रही है.

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कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने वीआईपी कल्चर के मामले पर बोलते हुए कहा कि ये अभी तक खत्म नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के आगे पीछे एस्कॉर्ट चल रही हैं. तो फिर कैसे कहा जाए कि वीआईपी कल्चर खत्म हो रहा है. राजेन्द्र शाह ने कहा कि वीआईपी कल्चर कहने से नहीं बल्कि संस्कारों में होता है. इसे खत्म करने के लिए बहुत जिगर वाला व्यक्ति चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को वीआईपी कल्चर की आदत पड़ गई है. कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने कोई गलत काम किया है तो क्या भाजपा भी लत काम करेगी?उन्होंने कहा कि भाजपा को इल्जाम लगाने से बचकर इस मामले में काम करना चाहिए.

पढ़ें-दिल्ली: शीला दीक्षित के निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित

बता दें कि साल 2014 में केंद्र में आयी मोदी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी. जिसके बाद साल 2017 में कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव को पासकर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. जिसे 1 मई 2017 से लागू कर दिया गया था. साथ ही प्रस्ताव के अनुसार सिर्फ 5 लोगों को लालबत्ती इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया था. जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा स्पीकर शामिल थे. देश में वीआईपी कल्चर के मिले आंकड़े कही न कहीं इस पर सवाल उठाते नजर आते हैं.मिले आकड़ों के अनुसार देश भर में करीब 5 लाख 80 हजार वीआईपी हैं. ऐसे में देश में वीआईपी कल्चर कब और कैसे खत्म हो पाएगा ये अपने आप में बड़ा बड़ा सवाल है.

देहरादून: जय जवान और जय किसान वाले देश में अक्सर वीआईपी कल्चर का मामला सुर्खियों में बना रहता है. कभी पीएम मोदी इसे खत्म करने की बात कहते हैं तो कभी आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल लालबत्ती पर रुककर इसे चिढ़ाते हुए दिखते हैं. वाबजूद इसके देश में वीआईपी कल्चर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला उत्तराखंड से सामने आया है. जहां मौजूदा समय में करीब 300 वीआईपी हैं. साल 2017 में केंद्रीय कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव पर मुहर तो लगी थी. लेकिन ये मुहर केवल बंद कमरों तक ही सीमित रही. हालांकि, इसके बाद कुछ राजनेताओं ने लाल बत्ती का इस्तेमाल छोड़ कर एक संदेश देने की कोशिश की थी लेकिन, ये भी नाकाफी साबित हुई.

ऐसे कैसे खत्म होगा VIP कल्चर?

केंद्र सरकार के फैसले के बाद भी प्रदेश में वीआईपी कल्चर गाहे-बगाहे नजर आ ही जाता है. हाल में ही मानवतावादी क्रांति दल ने प्रदेश में वीआईपी कल्चर को लेकर सवाल खड़े किये हैं. वहीं, प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों के नेता इस मामले पर एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं. मानवतावादी क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हर देश इतना संपन्न है कि वहां व्यक्ति से ज्यादा बढ़कर, आदमी खुद वीआईपी है. वह अपने कारोबार में इतना संपन्न है कि वह खुद ही वीआईपी बन जाता है. इसलिए अन्य देशों में वीआईपी कल्चर नहीं चलता है. लेकिन हमारे देश में इस बात की कमी है.

पढ़ें-प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पर कांग्रेसियों में आक्रोश, प्रदेशभर में किया विरोध प्रदर्शन

यहां हर आदमी वीआईपी बनना चाहता है और सिर्फ अपना विकास करना चाहता है. यही वजह है कि देश में वीआईपी कल्चर बढ़ता जा रहा है. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में उत्तराखंड में भी करीब 300 वीआईपी हैं. राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए इन आंकड़ों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे.

मानवतावादी क्रांति दल द्वारा दिये गए आकड़े

  1. अमेरिका में करीब 252 वीआईपी हैं
  2. फ्रांस में करीब 109 वीआईपी हैं.
  3. जापान में करीब 125 वीआईपी हैं
  4. रूस में करीब 312 वीआईपी हैं.
  5. जर्मनी में करीब 142 वीआईपी हैं.
  6. ऑस्ट्रेलिया में करीब 205 वीआईपी हैं.
  7. भारत मे करीब 5 लाख 79 वीआईपी हैं.

वहीं, प्रदेश में वीआईपी कल्चर के मामले पर बोलते हुए भाजपा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि इसे लेकर पीएम मोदी ने स्पष्ट संकेत दिये हैं. केंद्र हो या फिर भाजपा शासित राज्य सभी जगहों से वीआईपी कल्चर को समाप्ति की ओर ले जाया जा रहा है. उन्नहोंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीआईपी कल्चर उनकी देन है. भसीन ने कहा कि आज लालबत्ती का दौर खत्म हो चुका है. साथ ही कुछ अन्य विशेषाधिकारों भी धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी वीआईपी कल्चर के पक्ष में नहीं रही है.

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कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने वीआईपी कल्चर के मामले पर बोलते हुए कहा कि ये अभी तक खत्म नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के आगे पीछे एस्कॉर्ट चल रही हैं. तो फिर कैसे कहा जाए कि वीआईपी कल्चर खत्म हो रहा है. राजेन्द्र शाह ने कहा कि वीआईपी कल्चर कहने से नहीं बल्कि संस्कारों में होता है. इसे खत्म करने के लिए बहुत जिगर वाला व्यक्ति चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को वीआईपी कल्चर की आदत पड़ गई है. कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने कोई गलत काम किया है तो क्या भाजपा भी लत काम करेगी?उन्होंने कहा कि भाजपा को इल्जाम लगाने से बचकर इस मामले में काम करना चाहिए.

पढ़ें-दिल्ली: शीला दीक्षित के निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित

बता दें कि साल 2014 में केंद्र में आयी मोदी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी. जिसके बाद साल 2017 में कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव को पासकर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. जिसे 1 मई 2017 से लागू कर दिया गया था. साथ ही प्रस्ताव के अनुसार सिर्फ 5 लोगों को लालबत्ती इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया था. जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा स्पीकर शामिल थे. देश में वीआईपी कल्चर के मिले आंकड़े कही न कहीं इस पर सवाल उठाते नजर आते हैं.मिले आकड़ों के अनुसार देश भर में करीब 5 लाख 80 हजार वीआईपी हैं. ऐसे में देश में वीआईपी कल्चर कब और कैसे खत्म हो पाएगा ये अपने आप में बड़ा बड़ा सवाल है.

Intro:उत्तराखंड में एक बार फिर वीआईपी कल्चर का मामला गरमा गया है। साल 2017 में केंद्र कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद कुछ लोगो को छोड़ सभी को लाल बत्ती इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी। हालांकि लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक तो लग गयी लेकिन अभी तक वीआईपी कल्चर खत्म नही हो पाया है। ऐसे अब कई तरह के सवाल उठने लगे है। जहाँ एक ओर मानवतावादी क्रांति दल के लोगो ने वीआईपी कल्चर को लेकर सवाल खड़े कर रहे है तो वही प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते नज़र आ रहे है।



Body:आपको बता दे कि साल 2014 में केंद्र में आयी मोदी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी, जिसके बाद साल 2017 में कैबिनेट में वीआईपी कल्चर खत्म करने के प्रस्ताव को पासकर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। और यह 1 मई 2017 से लागू हो गयी थी, साथ ही प्रस्ताव के अनुसार सिर्फ 5 लोगो को लाल बत्ती इस्तेमाल करने पर रोक नही लगी थी। जिसमे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा स्पीकर शामिल है जो लालबत्ती का इस्तेमाल कर सकते है। 


वीओ - मानवतावादी क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष राणा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हर देश इतना संपन्न है कि वहां व्यक्ति से ज्यादा बढ़कर, आदमी खुद वीआईपी हैं वह अपने कारोबार में इतना संपन्न है कि वह खुद वीआईपी बन जाता है। इसलिए अन्य देशों में वीआईपी कल्चर नहीं चलता है। लेकिन हमारे देश में कमी इस बात की है कि हर आदमी वीआईपी बनना चाहता है और हर आदमी आगे आने के लिए वीआईपी बन रहा है और सिर्फ अपना विकास करना चाहता है। यही वजह है कि देश के अंदर वीआईपी बढ़ते जा रहे हैं और मौजूदा समय में उत्तराखंड में भी करीब 300 वीआईपी हैं। साथ ही बताया कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए इन आंकड़ों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे।

बाइट - राणा सुरेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, मानवतावादी क्रांति दल
 

मानवतावादी क्रांति दल द्वारा दिये गए आकड़े अनुसार.....

अमेरिका में करीब 252 वीआईपी है।
फ्रांस में करीब 109 वीआईपी है।
जापान में करीब 125 वीआईपी है।
रूस में करीब 312 वीआईपी है। 
जर्मनी में करीब 142 वीआईपी है। 
ऑस्ट्रेलिया में करीब 205 वीआईपी है।
भारत मे करीब 5 लाख 79 वीआईपी है। 


वीओ - वहीं भाजपा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि वीआईपी कल्चर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत ही स्पष्ट संकेत दिया है। और केंद्र हो या फिर भाजपा शासित राज्य वहां वीआईपी कल्चर को समाप्ति की ओर ले जाया जा रहा है। साथ ही बताया कि जिस प्रकार का कल्चर कांग्रेस ने पैदा किया था। आज उसमें जमीन आसमान का अंतर आ गया है। और लाल बत्ती का दौर समाप्त हो चुका है साथ ही कुछ अन्य विशेषाधिकार भी धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। और भारतीय जनता पार्टी, वीआईपी कल्चर के पक्ष में कभी भी नहीं रही है। और धीरे-धीरे वीआईपी कल्चर समाप्त हो जाएगा।

बाइट - देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा


वीओ - कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने बताया कि वीआईपी कल्चर अभी तक खत्म नहीं हुआ है, मंत्री के आगे पीछे एस्कॉर्ट चल रही है। बीच में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीआईपी कल्चर खत्म करने को फॉलो तो किया था लेकिन अब हालत जस की तस हो गई है। वीआईपी कल्चर कहने से नहीं होता बल्कि संस्कारों में होता है, इसे खत्म करने के लिए बहुत जिगर वाला व्यक्ति चाहिए, क्योंकि लोगों की आदत इतनी पड़ गई है कि वह वीआईपी कल्चर को छोड़ नहीं सकते और ये ऐसे ही रहेगा। साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए बताया कि अगर कांग्रेस ने कोई गलत काम किया है तो भाजपा भी वही गलत काम करेगी क्या। किसी पर इल्जाम लगाने से बेहतर है खुद अच्छा काम करें।

बाइट - राजेन्द्र शाह, नेता, कांग्रेस


Conclusion:फाइनल वीओ - उत्तराखंड में एक बार फिर वीआईपी कल्चर का मामला चर्चाओं में आ गया है हालांकि साल 2017 में मोदी सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया था। गाड़ियों से लाल बत्ती तो हट गई, लेकिन अभी तक पूरी तरह से वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हो पाया। मिले आकड़ो के अनुसार देश भर में करीब 5 लाख 80 हज़ार वीआईपी है ऐसे में कब तक और कैसे वीआईपी कल्चर खत्म हो पाएगा है ये एक बड़ा सवाल है।


Last Updated : Jul 21, 2019, 9:54 PM IST
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