देहरादून: 29 मई को कैबिनेट की बैठक के बाद 31 मई को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद कैबिनेट बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और अधिकारियों के कोरोना टेस्ट कराने को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा है कि कोरोना बीमारी को लेकर बिना भेद भाव बैठक में शामिल सभी मंत्री और अधिकारियों में सिम्टम्स पाए जाने के बाद ही कोरोना टेस्ट कराया जाएगा.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद मंत्रीमंडल में हड़कंप मचा हुआ है. कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और अधिकारी चिंतित हैं. लिहाजा उम्मीद जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री समेत सभी अधिकारियों के सैंपल लिए जाएंगे, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. जिसके चलते विपक्ष तमाम तरह के सवाल खड़े कर रहा है. वहीं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी इसके समर्थन में आए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जिसके बाद मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्री और अधिकारियों ने अपने आप को सेल्फ क्वारंटाइन कर लिया है.
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वहीं मंत्रियों और अधिकारियों के सैंपल टेस्ट कराए जाने के सवाल पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि उत्तराखंड सरकार गरीब और अमीर सबके लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी आम और खास में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. साथ ही बताया कि अगर राज्य सरकार चाहती तो कैबिनेट बैठक में शामिल होने वाले सभी मंत्रियों और अधिकारियों के टेस्ट करा सकती थी, लेकिन राज्य सरकार को पता है कि उनके पास सीमित टेस्ट करने की क्षमता है. इसी कारण ऐसा नहीं कराया गया. वहीं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि गाइडलाइन के अनुरूप ही सबके साथ व्यवहार होगा चाहे वह मुख्यमंत्री हों या फिर कोई अधिकारी. ऐसे में अगर इन सब में कोरोना के सिम्टम्स आते हैं तभी टेस्ट कराए जाएंगे.