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जनसंघर्ष मोर्चा ने स्टिंग मामले में सीएम को घेरा, बोले- जनता खुद को ठगा महसूस कर रही

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Published : Feb 5, 2019, 6:12 PM IST

झारखंड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रुपये बतौर रिश्वत का पैसा मांगने का आरोप लगाया था.

जन संघर्ष मोर्चा ने सीएम त्रिवेंद्र को घेरा.

देहरादून: प्रदेश में स्टिंग मामला फिर गरमा गया है. जनसंघर्ष मोर्चा के एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात कर मामले में ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उनके परिजनों पर प्रदेश की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है.

पढ़ें- मोदी सरकार कर रही CBI का दुरुपयोग, दबाव से हड़पना चाहती है सीटें: इंदिरा हृदयेश

गौरतलब है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत और उनके परिवार से जुड़े सदस्यों के रिश्वत और डील के मामले में एक निजी समाचार चैनल के सीईओ उमेश शर्मा ने दिल्ली में स्टिंग वीडियो सार्वजनिक किये थे. जिसमें त्रिवेन्द्र रावत द्वारा झारखंड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रुपये बतौर रिश्वत का पैसा मांगने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही व्हाट्सअप पर मामले की जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा दिए जाने और सीएम भाई एवं भतीजे का खनन व अन्य डील किये जाने का स्टिंग वीडियो जनता के सामने रखा था.

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जन संघर्ष मोर्चा ने सीएम त्रिवेंद्र को घेरा.
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रघुनाथ नेगी का आरोप है कि मुख्यमंत्री एवं उनके परिजनों के इस कृत्य से प्रदेश का नाम पूरे देश में बदनाम हुआ है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को ज्ञापन सौंप कर मामले में जांच करवाने की मांग की. उनका कहना है कि ये मामला किसी और का नहीं, बल्कि प्रदेश के मुखिया से जुड़ा है. प्रदेश की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है.

देहरादून: प्रदेश में स्टिंग मामला फिर गरमा गया है. जनसंघर्ष मोर्चा के एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात कर मामले में ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उनके परिजनों पर प्रदेश की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है.

पढ़ें- मोदी सरकार कर रही CBI का दुरुपयोग, दबाव से हड़पना चाहती है सीटें: इंदिरा हृदयेश

गौरतलब है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत और उनके परिवार से जुड़े सदस्यों के रिश्वत और डील के मामले में एक निजी समाचार चैनल के सीईओ उमेश शर्मा ने दिल्ली में स्टिंग वीडियो सार्वजनिक किये थे. जिसमें त्रिवेन्द्र रावत द्वारा झारखंड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रुपये बतौर रिश्वत का पैसा मांगने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही व्हाट्सअप पर मामले की जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा दिए जाने और सीएम भाई एवं भतीजे का खनन व अन्य डील किये जाने का स्टिंग वीडियो जनता के सामने रखा था.

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रघुनाथ नेगी का आरोप है कि मुख्यमंत्री एवं उनके परिजनों के इस कृत्य से प्रदेश का नाम पूरे देश में बदनाम हुआ है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को ज्ञापन सौंप कर मामले में जांच करवाने की मांग की. उनका कहना है कि ये मामला किसी और का नहीं, बल्कि प्रदेश के मुखिया से जुड़ा है. प्रदेश की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है.

स्लग-स्टिंग मामले में सीएम त्रिवेन्द्र के खिलाफ मोर्चा ने दी पुलिस मुख्यालय में दस्तक


 एंकर-जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में अशोक कुमार, डीजी, एल.ओ. से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में सीएम  त्रिवेन्द्र रावत एवं उनके परिजनों के रिश्वत ओर दलाली के स्टिंग वीडियो सार्वजनिक होने के बाद प्रदेश की छवि धूमिल होने एवं इनके भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही की मांग की।

गौरतलब है कि सीएम त्रिवेन्द्र रावत ओर उनके परिवार से जुडे सदस्यों के रिश्वत ओर डील के मामले में एक चैनल के सीईओ द्वारा दिल्ली में स्टिंग वीडियो सार्वजनिक किये गये हैं, जिसमें  त्रिवेन्द्र रावत द्वारा झारखण्ड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रूपये बतौर रिश्वत का पैसा परिजनों एवं सहयोगियों के खातों में आने व व्हाट्सअप पर इनकी जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा किये जाने तथा इनके भाई एवं भतीजे द्वारा खनन व अन्य डील किये जाने के स्टिंग वीडियो ने प्रदेश की जनता के सामने आया है। 

रघु नाथ नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री एवं इनके परिजनों के इस मामले से उत्तराखण्ड का नाम पूरे देश में बदनाम हो गया है तथा प्रदेश की छवि धूमिल हुई है।साथ ही कहा कि अशोक कुमार, डीजी, एल.ओ. को ज्ञापन सौंप कर जांच के लिए कहा गया है।मामला किसी व्यक्ति से नही जुड़ा हुआ है बल्कि प्रदेश के मुखिया से जुड़ा है।ओर उत्तराखंड की जनता ठगा मसहूस हो कर रही है।जांच फिर चाहे स्टिंग करने वाला की ओर या फिर स्टिंग होने वाली की हो।

बाइट-रघुनाथ नेगी(जीएमवीएन ) पूर्व उपाध्यक्ष
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