दिल्ली/देहरादून: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां अलग-अलग शहरों में फंसे भारतीय छात्र लगातार वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं. ये छात्र मेट्रो स्टेशन, हॉस्टलों के बंकरों और अपने फ्लैट्स में छिपकर जान बचा रहे हैं. यहां सुरक्षा में तैनात मार्शल उनके मोबाइल से यूक्रेन पर हमले से संबंधित फोटो और वीडियो डिलीट करा रहे हैं. यूक्रेन में अभी भी 20,000 भारतीय धैर्यपूर्वक घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं. वे सोशल मीडिया, फेसबुक, इंस्टा के जरिये वीडियो जारी कर केंद्र और राज्य सरकार से मदद मांग रहे हैं.
यूक्रेन में फंसे छात्र सोशल मीडिया के जरिये लगातार वहां के हालातों की जानकारी साझा कर रहे हैं. छात्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह से यूक्रेन में बम विस्फोट शुरू हुए हैं. सड़क पर मिसाइलें, हवाई हमले हुए हैं, जिसमें कई नागरिक हताहत हुए हैं. छात्रों ने बताया हम सभी बेसमेंट और मेट्रो स्टेशनों में -2 डिग्री सेल्सियस पर रहने और सोने के मजबूर हैं.
पढ़ें-यूक्रेन में रूस के हमले से कभी न भूलने वाली तबाही, देखिए युद्ध के भयावह मंजर
छात्रों ने भारत सरकार से कहा कि उनके पास पास बचाव की जो योजना है, वह केवल पश्चिमी सीमाओं के पास रहने वाले कुछ ही लोगों के लिए काम करेगी. कीव, खार्किव, नीपर, ओडेसा, सूमी, ज़ाप्रोज़े और अन्य जगहों पर रहने वाले हम सभी लोगों को पश्चिमी सीमा तक हजारों किलोमीटर पार करने की कोई उम्मीद नहीं है. हमारे पास कोई कार नहीं है, कोई ट्रेन नहीं है, कोई बस नहीं है. यहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. हर घंटे आपूर्ति खत्म होने के साथ स्थिति और खराब होती जा रही है.
यूक्रेन में फंसे छात्रों ने दिल्ली में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को रूसी दूतावास के सामने विरोध करने और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने की अपील की है. छात्रों का कहना है यदि आप किसी पत्रकार को जानते हैं, तो कृपया उनसे संपर्क करें और मदद मांगें. उन्हें समझाएं कि हम किस दौर से गुजर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि इससे भारत और रूसी सरकारों पर हमारी सुरक्षा को प्राथमिकता देने और वास्तविक निकासी योजना के साथ आने के लिए पर्याप्त दबाव पड़ेगा. छात्रों का कहना है भारत सरकार कृपया हमारी सुरक्षा को प्राथमिकता दे, साथ ही उनकी निकासी के लिए कोई फुलप्रूफ योजना बनाए.
पढ़ें- यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर कर्नल अजय कोठियाल चिंतित, सरकार से सुरक्षित वापस लाने की मांग
बता दें यूक्रेन में उत्तराखंड के 30-40 छात्र भी फंसे हुए हैं. यूक्रेन में युद्ध जैसे हालातों के बीच वहां फंसे छात्रों के परिजन काफी चिंतित हैं. परिजन लगताार राज्य और केंद्र सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं. यूक्रेन में फंसे छात्र भी लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से अपनों से संपर्क कर रहे हैं. वे वीडियो बनाकर वहां के हालातों से रू-ब-रू करवा रहे हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए सरकार लगातार विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क कर रही है. उत्तराखंड सरकार ने दो नोडल अफसर भी इसके लिए तैनात किए हैं. इसके साथ ही टोल फ्री नंबर भी जारी किये गये हैं.
नोडल अधिकारियों के नाम:
1- रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, कानून व्यवस्था/ नोडल अधिकारी. फोन नंबर- 7579278144
2- प्रमोद कुमार, पुलिस अधीक्षक, कानून व्यवस्था/ सहायक नोडल अधिकारी. फोन नंबर- 9837788889
इन नंबरों पर भी कर सकते हैं संपर्क: उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि यूक्रेन में फंसे हमारे देश एवं देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को सकुशल भारत वापस लाने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. इस संबंध में हम विदेश मंत्रालय से निरंतर संपर्क में हैं. किसी भी सहायता के लिए इन टोल फ्री नंबरों पर भी सम्पर्क कर सकते हैं. 1800118797 (Toll free), फोन नंबर +91 11 23012113, +91 11 23014104, +91 11 23017905. इसके साथ ही देहरादून के कंट्रोल रूम नंबर 112 या 9411112972 नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं.