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उत्तराखंड: हेली ड्रोम सम्मेलन का हुआ आयोजन, हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार पर हुई चर्चा

हेली ड्रोम सम्मेलन में देशभर  की कई बड़ी नामी हेली कंपनियों ने पहुंचकर प्रेजेंटेशन दिया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की. इस कार्यक्रम में राज्य में हेली सेवाओं के विस्तार पर चर्चा की गई.

हेली ड्रोम सम्मेलन का आयोजन
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Published : Sep 7, 2019, 7:03 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी के तहत देहरादून के सहत्रधारा हेलीपैड में हेली ड्रोम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में उड़ान योजना में चिन्हित किये स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार को भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी पर चर्चा हुई.

हेली ड्रोम सम्मेलन का आयोजन

सहस्त्रधारा हेलीपैड हेली ड्रोम समिट का आयोजन प्रदेश सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में देशभर की कई बड़ी नामी हेली कंपनियों ने पहुंचकर प्रेजेंटेशन दिया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की. इस कार्यक्रम में राज्य में हेली सेवाओं के विस्तार पर चर्चा की गई.

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए कहा कि यहां हेली सेवाएं बहुत जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से जाने में 20 घंटे तक लग जाते हैं, जबकि हेलीकाप्टर से ये दूरी मात्र एक से दो घंटे में नापी जा सकती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों की प्राकृतिक सुदंरता का कोई मुकाबला नहीं है. इसके साथ ही उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन के साथ ही खर्चीले पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है. सीएम ने कहा कि हमारे प्रयासों से पिछले कुछ समय में फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखण्ड पंसदीदा गंतव्य बनता जा रहा है.

पढ़ें-नरेंद्र नगरः यहां खुद 'बीमार' है अस्पताल, लापरवाही मरीजों पर पड़ रही भारी

हेली कपंनियों को आमंत्नित करते हुए सीएम रावत ने कहा की हेली सेवा की प्रदेश में बहुत जरुरत है. आपदा प्रभावितों को बचाने व राहत पहुंचाने में हेली सेवाओं और हेली एम्बुलेंस बहुत ही कारगर है. उन्होंने कहा की वर्तमान में साल में औसतन 2 लाख लोग हेली सेवाएं ले रहे हैं. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हमारे यहां 51 हेलीपैड, 2 एयरपोर्ट और 1 एयरस्ट्रिप है. इसी प्रकार टिहरी में एक वाटर ड्रोम भी विकसित किया जा रहा है.

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सम्मलेन के अहम बिंदु

  • हेलीकाप्टर के माध्यम से कनेक्टीवीटी में विस्तार थीम पर आधारित था सम्मेलन.
  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन.
  • मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में हर साल, सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की.
  • उड़ान योजना में चिन्हित स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार, भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त सब्सिडी देगी.

देहरादून: उत्तराखंड में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी के तहत देहरादून के सहत्रधारा हेलीपैड में हेली ड्रोम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में उड़ान योजना में चिन्हित किये स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार को भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी पर चर्चा हुई.

हेली ड्रोम सम्मेलन का आयोजन

सहस्त्रधारा हेलीपैड हेली ड्रोम समिट का आयोजन प्रदेश सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में देशभर की कई बड़ी नामी हेली कंपनियों ने पहुंचकर प्रेजेंटेशन दिया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की. इस कार्यक्रम में राज्य में हेली सेवाओं के विस्तार पर चर्चा की गई.

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए कहा कि यहां हेली सेवाएं बहुत जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से जाने में 20 घंटे तक लग जाते हैं, जबकि हेलीकाप्टर से ये दूरी मात्र एक से दो घंटे में नापी जा सकती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों की प्राकृतिक सुदंरता का कोई मुकाबला नहीं है. इसके साथ ही उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन के साथ ही खर्चीले पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है. सीएम ने कहा कि हमारे प्रयासों से पिछले कुछ समय में फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखण्ड पंसदीदा गंतव्य बनता जा रहा है.

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हेली कपंनियों को आमंत्नित करते हुए सीएम रावत ने कहा की हेली सेवा की प्रदेश में बहुत जरुरत है. आपदा प्रभावितों को बचाने व राहत पहुंचाने में हेली सेवाओं और हेली एम्बुलेंस बहुत ही कारगर है. उन्होंने कहा की वर्तमान में साल में औसतन 2 लाख लोग हेली सेवाएं ले रहे हैं. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हमारे यहां 51 हेलीपैड, 2 एयरपोर्ट और 1 एयरस्ट्रिप है. इसी प्रकार टिहरी में एक वाटर ड्रोम भी विकसित किया जा रहा है.

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सम्मलेन के अहम बिंदु

  • हेलीकाप्टर के माध्यम से कनेक्टीवीटी में विस्तार थीम पर आधारित था सम्मेलन.
  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन.
  • मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में हर साल, सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की.
  • उड़ान योजना में चिन्हित स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार, भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त सब्सिडी देगी.
Intro:उत्तराखण्ड में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इसी के तहत देहरादून के सहत्रधारा हेलीपैड में हेली ड्रोम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में उड़ान योजना में चिन्हित स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार, भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी पर र्चचा हुई।  


Body:सहस्त्रधारा हेलीपैड हेली ड्रोम समिट का आयोजन प्रदेश सरकार और  नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया द्वारा किया गया सम्मेलन में देशभर कई कई बड़ी नामी हेली कंपनियां पहुंची और उन्होने पर्जंटेशन दिया।  कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की. उद्घाटन के बाद राज्य में किस तरह से हेली सेवा का विस्तार किया जाए इस विषय पर भी देर तक मंथन हुआ। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां हेली सेवाएं बहुत जरूरी हैं। सीमांत क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से जाने में 20 घंटे तक लग जाते हैं जबकि हेलीकाप्टर से मात्र 1ः30 घंटे में पहुंचा जा सकता है। उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों की प्राकृतिक सुदंरता का कोई मुकाबला नहीं है। उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन के साथ ही खर्चीले पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। हमारे प्रयासों से पिछले कुछ समय में फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखण्ड पंसदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन्वेस्टर्स समिट के समय मुम्बई में फिल्मकारों के साथ बैठक की गई थी। फिल्म निर्माता श्री महेश भट्ट पहले रोमानिया में अपनी फिल्म की शूटिंग करना चाहते थे। हमने उन्हें उत्तराखण्ड आमंत्रित किया। 

जहां सीएम रावत ने हेली कपंनियों को आमंत्नित किया वहीं सीएम रावत ने कहा की हेली सेवा की प्रदेश में बहुत जरुरत है। आपदा प्रभावितों को बचाने व राहत पहुंचाने में हेली सेवाओं की जरुरत हो या फिर हेली एम्बुलेंस की सेवा की. दूरस्थ क्षेत्रों में गम्भीर रूप से बीमार लोगों को हायर सेंटर कम समय में पहुंचाने के लिए भी हेली एम्बुलेंस जरूरी है। उन्होने कहा की वर्तमान में वर्ष में औसतन 2 लाख लोग हेली सेवाएं ले रहे हैं। हमारे यहां 51 हेलीपेड, 2 एयरपोर्ट व 1 एयरस्ट्रिप है। इसी प्रकार टिहरी में एक वाटर ड्रोम विकसित कर रहे हैं।

बाइट- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

प्रदेश की सुंदरता को हेली कंपनियां भी बेहतर मान रही हैं. हेली कंपनि से जुड़े परगत सिह ने बताया की प्रदेश सरकार सिर्फ कुछ सबसिडी दे दे तो उत्तराखंड से बेहतर स्थान हेली कंपनियों के लिए कोई और नही है।

बाइट- परगत सिंह


........ सम्मलेन के अहम बिंदु ........ 

हेलीकाप्टर के माध्यम से कनेक्टीवीटी में विस्तार’’ थीम पर आधारित था सम्मेलन।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में हुआ  आयोजन।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में हर साल, सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की।

उड़ान योजना में चिन्हित स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार, भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त सब्सिडी देगी।




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