देहरादून: उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत (harak singh rawat) ने शुक्रवार को कांग्रेस में 'घर' वापसी कर ली. लेकिन उनकी इस वापसी के साथ ही एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ने को अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल बताया है. यही नहीं इस भूल के लिए हरक सिंह रावत ने इस पत्र में कांग्रेस और प्रदेश की जनता से भी माफी मांगी है.
उत्तराखंड की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से हरक सिंह रावत को बर्खास्त करने से लेकर उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने तक के मामले पर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. यही नहीं पिछले कई दिनों से हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. हालांकि शुक्रवार को हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन इसके बाद एक पत्र के वायरल होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं.
दरअसल, यह पत्र हरक सिंह रावत का बताया जा रहा है इसमें लिखा गया है कि 2016 में पार्टी छोड़ने की भूल उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल थी, यही नहीं पत्र में हरक सिंह रावत ने लिखा कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जिस तरह से वायदे किए उससे उन्हें एक उम्मीद जगी, जिसके बाद उन्होंने 2016 में पार्टी छोड़ दी और 2017 में फिर भाजपा ने उन्हीं बातों को दोहराया. लेकिन आज जब वह कांग्रेस सरकार और भाजपा सरकार का तुलनात्मक आकलन करते हैं तो उन्हें लगता है कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बेहतर विकास किया, जबकि भाजपा केवल झूठे वायदे करने तक ही सीमित रही.
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इतना ही नहीं हरक सिंह रावत ने लिखा कि उन्होंने बार-बार भाजपा सरकार को उनके वादों की याद दिलाई, लेकिन भाजपा सरकार ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने लिखा कि अब वे कांग्रेस में शामिल होकर कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास करेंगे. साथ ही प्रदेश में विकास के लिए कांग्रेस की पूर्ण बहुमत सरकार का होना जरूरी है और इसके लिए वे अब प्रयास करेंगे. बता दें कि ईटीवी भारत वायरल पत्र की पुष्टि नहीं करता है.