देहरादून: धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2021 में अभी लगभग 1 साल का समय शेष है. इस मेले की महता को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने अभी से व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करनी शुरू कर दी हैं. महाकुंभ 2012 के सफल संचालन के लिए इस बार उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC) की सहायता ली जा रही है. इस बार USAC द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र के लिए खास भूस्थानिक सूचना प्रणाली यानी GIS मैप तैयार किया जा रहा है. जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इस बार होने वाला महाकुंभ 2021 हाई टेक होगा.
बता दें कि GIS ( Geographical information System) एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसकी सहायता से टारगेट एरिया की मैपिंग की जाती है. इसके बाद प्राप्त डाटा के माध्यम से आप घर बैठे ही पूरे क्षेत्र की सटीक जानकारी हासिल कर सकते हैं. इस विषय में ईटीवी भारत ने उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक डॉ एमपीएस बिष्ट से खास बातचीत की.
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उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में उन्होंने मेलाअधिकारी दीपक रावत से GIS मैपिंग के संबंध में मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद साल 2010 में तैयार किए गए GIS मैप को आधार बना कर 2021 में होने जा रहे महा कुम्भ के लिए USAC के वैज्ञानिक नया GIS मैप तैयार करेंगे. डॉ. बिष्ट के बताया की कुंभ मेले के दौरान देश और विदेशों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को इस GIS मैप से काफी मदद मिलेगी.
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उन्होंने बताया कि इस मैप के जरिए कुंभ मेला क्षेत्र की हर छोटी बड़ी जानकारी लोगों को मिल पाएगी. मेला क्षेत्र में पार्किंग, ठहरने के लिए बनाए गए कैम्प, पुलिस चैक पोस्ट इन सभी की जानकारियां यहां उपलब्ध होंगी. डॉ. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि कुंभ मेला 2021 के मेला क्षेत्र में जगह-जगह GIS मैप लगाया जाएगा.