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अब जीईपी की मदद से आगे बढ़ेगा उत्तराखंड, ये होगा फॉर्मूला

उत्तराखंड में जीईपी का फॉर्मूला आजमाया जाएगा. उत्तराखंड में पर्यावरण प्रेमियों की तरफ से लंबे समय से उठाई जा रही बातों को आखिरकार सरकार ने धरातल पर ला दिया है. इस दिशा में शासन स्तर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. अब जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की तर्ज पर सकल पर्यावरणीय उत्पाद GEP (Gross Environment Product) का आकलन किया जाएगा. ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है.

GEP Formula in Uttarakhand
सकल पर्यावरणीय उत्पाद
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Published : Dec 29, 2021, 12:47 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड का पर्यावरण संरक्षण के लिए देश में महत्वपूर्ण योगदान है. राज्य में 70% से ज्यादा वन क्षेत्र होने के चलते प्रदेश हमेशा ही वनों के संरक्षण और पर्यावरण को संवर्धित करने के लिए देशभर में प्रमुख स्थान पर रहा है. पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में ही राज्य सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाया है.

जीडीपी की तरह अब जीईपी: उत्तराखंड सरकार ने इसके तहत सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) के आकलन और इसी आधार पर कार्य करने को लेकर इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की जाएगी.

बेहतर होगा पर्यावरण: सकल पर्यावरणीय उत्पाद का मकसद राज्य में वानिकी क्षेत्र में कुछ नए निर्णयों के साथ पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए जरूरी कदम उठाना है. इससे अब राज्य न केवल प्राकृतिक संसाधनों के क्षय के असर को जान सकेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों से पर्यावरणीय नुकसान का भी सटीक आकलन किया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: 'जिसने आगे किया सीएम चेहरा, उसके सर नहीं सजा जीत का सेहरा'

कुल मिलाकर राज्य में इस नई व्यवस्था से प्राकृतिक पूंजी के साथ आर्थिक गतिविधियों से होने वाले नुकसान और इसके पारिस्थितिकी तंत्र पर असर को जाना जा सकेगा.

देहरादून: उत्तराखंड का पर्यावरण संरक्षण के लिए देश में महत्वपूर्ण योगदान है. राज्य में 70% से ज्यादा वन क्षेत्र होने के चलते प्रदेश हमेशा ही वनों के संरक्षण और पर्यावरण को संवर्धित करने के लिए देशभर में प्रमुख स्थान पर रहा है. पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में ही राज्य सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाया है.

जीडीपी की तरह अब जीईपी: उत्तराखंड सरकार ने इसके तहत सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) के आकलन और इसी आधार पर कार्य करने को लेकर इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की जाएगी.

बेहतर होगा पर्यावरण: सकल पर्यावरणीय उत्पाद का मकसद राज्य में वानिकी क्षेत्र में कुछ नए निर्णयों के साथ पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए जरूरी कदम उठाना है. इससे अब राज्य न केवल प्राकृतिक संसाधनों के क्षय के असर को जान सकेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों से पर्यावरणीय नुकसान का भी सटीक आकलन किया जा सकेगा.

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कुल मिलाकर राज्य में इस नई व्यवस्था से प्राकृतिक पूंजी के साथ आर्थिक गतिविधियों से होने वाले नुकसान और इसके पारिस्थितिकी तंत्र पर असर को जाना जा सकेगा.

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