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परिसंपत्ति विवाद सुलझने से बदलेगी वन विकास निगम की सूरत, मिलेंगे 177 करोड़ रुपए

उत्तर प्रदेश से परिसंपत्ति विवाद सुलझाने के लिए वन विकास निगम ने कसरत तेज कर दी है. इसके तहत वन विकास निगम को करीब 177 करोड़ मिलने हैं

परिसंपत्ति विवाद सुलझने से बदलेगी वन विकास निगम की सूरत.
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Published : Aug 4, 2019, 7:35 PM IST

देहरादून: वन विकास निगम के खराब होते आर्थिक हालातों को यूपी से मिलने वाली रकम से बड़ी उम्मीद है. उत्तर प्रदेश परिसंपत्ति विवाद के तहत वन विकास निगम को करीब 177 करोड़ मिलने हैं. जिसके लिए निगम की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश पर उत्तराखंड वन विकास निगम के करोडों का बकाया है. राज्य में 18 सालों से लटके परिसंपत्ति के मामले को अब निगम सीएम त्रिवेंद्र सिंह के हस्तक्षेप से निपटाने की कोशिश कर रहा है.

परिसंपत्ति विवाद सुलझने से बदलेगी वन विकास निगम की सूरत.
उत्तर प्रदेश से परिसंपत्ति विवाद सुलझाने के लिए वन विकास निगम ने कसरत तेज कर दी है. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश वन विकास निगम से जहां उत्तराखंड वन विकास निगम कई दौर की बैठक कर चुका है. वहीं, अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के जरिए निगम अपने 177 करोड़ की रकम को पाने की कोशिश कर रहा है. बता दें कि उत्तराखंड वन विकास निगम ने 229 करोड़ रुपए परिसंपत्ति का दावा किया था. कई दौर की बैठकों के बाद दोनों ही प्रदेशों के बीच 177 करोड़ की परिसंपत्ति पर सहमति बन चुकी है.

पढ़ें-गंगोत्री हाई-वे के लिए 'भागीरथी' का तेज बहाव बना मुसीबत, खतरे की जद में कंडार मंदिर

हालांकि, इस रकम के ब्याज के रूप में ही उत्तराखंड वन विकास निगम का करीब 500 करोड़ से ज्यादा का बकाया हो चुका है लेकिन फिलहाल वन विकास निगम 177 करोड़ पाने के प्रयास में जुटा है. दरअसल, राज्य गठन के दौरान ही परिसंपत्तियों के मामलों का निपटारा कर दिया गया था लेकिन वन विकास निगम और सिंचाई जैसे कई विभाग इसमें छूट गए थे.

पढ़ें-उत्तराखंड: उच्च शिक्षा में गरीब सवर्ण छात्रों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

ऐसे में अब निगम 18 साल से लटके परिसंपत्ति के विवाद को खत्म करने की कोशिश में लगा है. खास बात यह है कि लगातार घाटे की तरफ जा रहा वन विकास निगम को यदि उत्तर प्रदेश से 177 करोड़ रुपए मिल जाते हैं तो ये विभाग के लिए संजीवनी साबित होगी.

देहरादून: वन विकास निगम के खराब होते आर्थिक हालातों को यूपी से मिलने वाली रकम से बड़ी उम्मीद है. उत्तर प्रदेश परिसंपत्ति विवाद के तहत वन विकास निगम को करीब 177 करोड़ मिलने हैं. जिसके लिए निगम की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश पर उत्तराखंड वन विकास निगम के करोडों का बकाया है. राज्य में 18 सालों से लटके परिसंपत्ति के मामले को अब निगम सीएम त्रिवेंद्र सिंह के हस्तक्षेप से निपटाने की कोशिश कर रहा है.

परिसंपत्ति विवाद सुलझने से बदलेगी वन विकास निगम की सूरत.
उत्तर प्रदेश से परिसंपत्ति विवाद सुलझाने के लिए वन विकास निगम ने कसरत तेज कर दी है. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश वन विकास निगम से जहां उत्तराखंड वन विकास निगम कई दौर की बैठक कर चुका है. वहीं, अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के जरिए निगम अपने 177 करोड़ की रकम को पाने की कोशिश कर रहा है. बता दें कि उत्तराखंड वन विकास निगम ने 229 करोड़ रुपए परिसंपत्ति का दावा किया था. कई दौर की बैठकों के बाद दोनों ही प्रदेशों के बीच 177 करोड़ की परिसंपत्ति पर सहमति बन चुकी है.

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हालांकि, इस रकम के ब्याज के रूप में ही उत्तराखंड वन विकास निगम का करीब 500 करोड़ से ज्यादा का बकाया हो चुका है लेकिन फिलहाल वन विकास निगम 177 करोड़ पाने के प्रयास में जुटा है. दरअसल, राज्य गठन के दौरान ही परिसंपत्तियों के मामलों का निपटारा कर दिया गया था लेकिन वन विकास निगम और सिंचाई जैसे कई विभाग इसमें छूट गए थे.

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ऐसे में अब निगम 18 साल से लटके परिसंपत्ति के विवाद को खत्म करने की कोशिश में लगा है. खास बात यह है कि लगातार घाटे की तरफ जा रहा वन विकास निगम को यदि उत्तर प्रदेश से 177 करोड़ रुपए मिल जाते हैं तो ये विभाग के लिए संजीवनी साबित होगी.

Intro:summary- वन विकास निगम के खराब होते आर्थिक हालातों को यूपी से मिलने वाली रकम से बड़ी उम्मीद है। उत्तर प्रदेश परिसंपत्ति विवाद के तहत वन विकास निगम को करीब 177 करोड़ मिलने है। जिसके लिए निगम की तरफ से प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड वन विकास निगम के उत्तर प्रदेश पर 177 करोड के बकाया को लेकर अब प्रयास तेज कर दिए गए हैं... राज्य में 18 सालों से लटके परिसंपत्ति के मामले को निगम सीएम त्रिवेंद्र सिंह के हस्तक्षेप से निपटाने की कोशिश कर रहा है।




Body:उत्तर प्रदेश से परिसंपत्ति विवाद सुलझाने के लिए वन विकास निगम ने कसरत तेज कर दी है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश वन विकास निगम से जहां उत्तराखंड वन विकास निगम कई दौर की बैठक कर चुका है वही अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के जरिए निगम अपने 177 करोड़ की रकम को पाने की कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि उत्तराखंड वन विकास निगम ने 229 करोड़ रुपए परिसंपत्ति के लिहाज से दावा किया था... लेकिन कई दौर की बैठक के बाद दोनों ही प्रदेशों के बीच 177 करोड़ की परिसंपत्ति पर सहमति बन चुकी है। हालांकि इस रकम के ब्याज के रूप में ही उत्तराखंड वन विकास निगम का करीब 500 करोड़ से ज्यादा का बकाया हो चुका है। लेकिन फिलहाल वन विकास निगम 177 करोड़ पाने के लिए प्रयास करने में जुट गया है। दरअसल राज्य गठन साल 2000 के दौरान ही परिसंपत्तियों के मामलों का निपटारा कर दिया गया था लेकिन वन विकास निगम और सिचाई जैसे कई विभाग इससे छूट गए थे ऐसे में अब निगम 18 साल से लटके परिसंपत्ति के विवाद को खत्म करने की कोशिश में है। खास बात यह है कि लगातार घाटे की तरफ जा रही वन विकास निगम को यदि उत्तर प्रदेश से 177 करोड़ का बिल जाते हैं तो निगम की हालत में काफी सुधार हो जाएगा।

बाइट-मोनिष मल्लिक, प्रबन्ध निदेशक, वन विकास निगम


Conclusion:उत्तराखंड वन विकास निगम करोड़ों के घाटे की तरफ जा रहा है और ऐसे में उत्तर प्रदेश से परिसंपत्तियों के विवाद सुलझने के चलते मिलने वाली 177 करोड़ की मदद निगम को भविष्य में बेहद फायदा दे सकती है।
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