देहरादून: जिलाधिकारी द्वारा वर्तमान में डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया आदि रोगों के उत्पन्न होने की आशंका के मद्देनजर रोकथाम और मॉनिटरिंग के लिए क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) का गठन किया गया है. साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि अगर घर, ऑफिस, मॉल और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में डेंगू फैलने वाला लार्वा मिला तो संचालकों पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी. पहली बार में 500 रुपए और उसके बाद 50 हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा.
जिलाधिकारी द्वारा गठित क्विक रिस्पान्स टीम में नोडल अधिकारी सम्बन्धित वार्ड के सेनेट्री निरीक्षक, सदस्य सम्बन्धित वार्ड और थाना से नामित हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल, होमगार्ड, पीआरडी जवान, सम्बन्धित वार्ड सेनेट्री सुपर वाइजर (नगर निगम), सम्बन्धित वार्ड में कार्यरत आशा कार्यकर्ता (जिनका मुख्य कार्य सोर्स रिडक्शन और जन जागरूकता का होगा), सम्बन्धित वार्ड में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (जिनका मुख्य कार्य नगर निगम के सुपरवाइजर के साथ समन्वय स्थापित कर सोर्स रिडक्शन और जन जागरूकता का होगा) होंगे.
ये भी पढ़ें: देहरादून: मॉनसून में डेंगू से निपटेगी QRT, डीएम ने कहा जागरूकता फैलाएं
जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने बताया कि क्यूआरटी के गठन का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिकों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया आदि रोगों से बचाव और रोकथाम के लिए जागरूक करना और मच्छरों के लार्वा को सोर्स रिडक्शन पर नष्ट करना समिलित है. क्विक रिस्पॉन्स टीम क्षेत्र के पार्षद, ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के निरन्तर सम्पर्क में रहेंगे. क्विक रिस्पॉन्स टीम को सोर्स रिडक्शन के समय जिन घरों, दुकानों और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में एडीज एजिप्टी और एनाफिलीज के लार्वा मिलेंगे उनके खिलाफ नगर निगम अधिनियम 1959 में निहित सुसंगत धाराओं में घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से 500 रुपए (दोबारा उलंघन करने पर 2000 रुपए और उसके बाद 20,000 हार रुपए) शोरूम, मॉल और कार्यालयों से 2000 रुपए, दोबारा उल्लंघन करने पर 20,000 रुपए और उसके बाद 50,000 रुपए तक के चालान करने के लिए अधिकृत किया गया है.