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नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर दिखेगा उत्तराखंड के लाल का जलवा, कैमरे से दिखाएगा जंगल की दुनिया - Discovery Channel Man vs Wild

करियर के शुरुआती दिनों की बात करते हुए पवन ने बताया कि उन्होंने एक निजी चैनल से करियर की शुरुआत की थी. जहां उन्होंने कैमरे की बारीकियों को सीखा. अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करते हुए पवन ने कहा कि वे लगातार और भी  प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं.

नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर दिखेगा उत्तराखंड के लाल का जलवा
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Published : Aug 7, 2019, 8:21 PM IST

Updated : Aug 9, 2019, 11:21 AM IST

देहरादून: नेशनल जियोग्राफिक ने वन्य जीवों को लेकर जिम कार्बेट में एक कार्यक्रम शूट किया है. जिसका प्रसारण 8 अगस्त को किया जाएगा. काउंटिंग टाइगर्स नाम के इस प्रोग्राम को शूट करने में उत्तराखंड के वाइल्ड लाइफ फ़ोटोग्राफर पवन नेगी ने अहम भूमिका निभाई है. कार्यक्रम के दौरान आई परेशानियों और अनुभवों को जानने के लिए ईटीवी भारत ने पवन नेगी से खास बातचीत की.

नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर दिखेगा उत्तराखंड के लाल का जलवा

पवन ने बताया कि इस परियोजना का हिस्सा बनने वाले एक मात्र फोटोग्राफर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी पहली डॉक्यूमेंट्री भारत के दो प्रमुख टाइगर गढ़ ढिकला, कॉर्बेट नेशनल पार्क में मोतीचूर रेंज और राजाजी टाइगर रिजर्व के भीतर आने वाले चीला रेंज में टाइगर जनगणना के विधि पूर्वक कार्य को दर्शाती है. इसके साथ ही पवन नेगी ने इस डॉक्यूमेंट्री पर दिलीप चौधरी के साथ डायरेक्टर उपमा भटनागर, प्रोड्यूसर मनोज भटनागर, कैमरामैन शिवेंद्र गौड़ और सुजीत चौरसिया के साथ वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के जाने-माने वन्यजीव विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया.

पढ़ें-सुषमा स्वराज के निधन पर उत्तराखंड में एक दिन का राजकीय शोक

काउंटिंग टाइगर्स कार्यक्रम के बारे में बताते हुए पवन नेगी ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री में से उन्हें अच्छा अनुभव मिला. पवन ने कहा कि इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी. टीम वर्क के बारे में बात करते हुए पवन ने कहा कि उनके लिए यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था. उन्होंने कहा कि इस काम के लिए उनकी टीम ने बहुत मेहनत की है. शो में चुने जाने के सवाल पर पवन नेगी ने बताया कि जिंदगी में लक्ष्य तय करना बहुत जरूरी होता है और उनका लक्ष्य पहले से ही तय रहा है. वे बताते हैं कि उनका अधिक से अधिक समय कैमरा स्टडी में ही बीतता है. पवन ने बताया कि उत्तराखंड में 70 फीसदी वन क्षेत्र है और यही वजह है कि वे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी से जुड़े हैं.

पढ़ें-पहाड़ी व्यंजन प्रतियोगिता का आगाज, देश-विदेश में जलवा बिखेरेंगे गढ़वाली शेफ

करियर के शुरुआती दिनों की बात करते हुए पवन ने बताया कि उन्होंने एक निजी चैनल से करियर की शुरुआत की थी. जहां उन्होंने कैमरे की बारीकियों को सीखा. अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करते हुए पवन ने कहा कि वे लगातार और भी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. फिलहाल वे इस बारे में जानकारी शेयर नहीं कर सकते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में पवन नेगी ने वन्य जीवों के संरक्षण की बात कही. पवन ने कहा कि जानवर इस दुनिया में सबसे प्यार करने लायक जीव हैं अगर कुछ बचाना है तो जल, जंगल जमीन और जानवरों को बचाना चाहिए.

पढ़ें-सुषमा स्वराज के निधन पर सीएम त्रिवेंद्र ने जताया दुख, आखिरी बार 15 जून 2015 को आईं थी उत्तराखंड

साथ ही नए युवा वीडियो जर्नलिस्टों को प्रोत्साहित करते हुए पवन नेगी ने बताया कि जो युवा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में अपना भविष्य बनाना चाहता हैं वह पहले अपना एक लक्ष्य निर्धारित करें. उसके बाद ही काम करना शुरू करें. उन्होंने कहा कि जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आएंगे लेकिन अपने लक्ष्य से न भटक कर कड़ी मेहनत जो करता है वो ही कामयाब होता है.

देहरादून: नेशनल जियोग्राफिक ने वन्य जीवों को लेकर जिम कार्बेट में एक कार्यक्रम शूट किया है. जिसका प्रसारण 8 अगस्त को किया जाएगा. काउंटिंग टाइगर्स नाम के इस प्रोग्राम को शूट करने में उत्तराखंड के वाइल्ड लाइफ फ़ोटोग्राफर पवन नेगी ने अहम भूमिका निभाई है. कार्यक्रम के दौरान आई परेशानियों और अनुभवों को जानने के लिए ईटीवी भारत ने पवन नेगी से खास बातचीत की.

नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर दिखेगा उत्तराखंड के लाल का जलवा

पवन ने बताया कि इस परियोजना का हिस्सा बनने वाले एक मात्र फोटोग्राफर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी पहली डॉक्यूमेंट्री भारत के दो प्रमुख टाइगर गढ़ ढिकला, कॉर्बेट नेशनल पार्क में मोतीचूर रेंज और राजाजी टाइगर रिजर्व के भीतर आने वाले चीला रेंज में टाइगर जनगणना के विधि पूर्वक कार्य को दर्शाती है. इसके साथ ही पवन नेगी ने इस डॉक्यूमेंट्री पर दिलीप चौधरी के साथ डायरेक्टर उपमा भटनागर, प्रोड्यूसर मनोज भटनागर, कैमरामैन शिवेंद्र गौड़ और सुजीत चौरसिया के साथ वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के जाने-माने वन्यजीव विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया.

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काउंटिंग टाइगर्स कार्यक्रम के बारे में बताते हुए पवन नेगी ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री में से उन्हें अच्छा अनुभव मिला. पवन ने कहा कि इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी. टीम वर्क के बारे में बात करते हुए पवन ने कहा कि उनके लिए यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था. उन्होंने कहा कि इस काम के लिए उनकी टीम ने बहुत मेहनत की है. शो में चुने जाने के सवाल पर पवन नेगी ने बताया कि जिंदगी में लक्ष्य तय करना बहुत जरूरी होता है और उनका लक्ष्य पहले से ही तय रहा है. वे बताते हैं कि उनका अधिक से अधिक समय कैमरा स्टडी में ही बीतता है. पवन ने बताया कि उत्तराखंड में 70 फीसदी वन क्षेत्र है और यही वजह है कि वे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी से जुड़े हैं.

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करियर के शुरुआती दिनों की बात करते हुए पवन ने बताया कि उन्होंने एक निजी चैनल से करियर की शुरुआत की थी. जहां उन्होंने कैमरे की बारीकियों को सीखा. अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करते हुए पवन ने कहा कि वे लगातार और भी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. फिलहाल वे इस बारे में जानकारी शेयर नहीं कर सकते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में पवन नेगी ने वन्य जीवों के संरक्षण की बात कही. पवन ने कहा कि जानवर इस दुनिया में सबसे प्यार करने लायक जीव हैं अगर कुछ बचाना है तो जल, जंगल जमीन और जानवरों को बचाना चाहिए.

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साथ ही नए युवा वीडियो जर्नलिस्टों को प्रोत्साहित करते हुए पवन नेगी ने बताया कि जो युवा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में अपना भविष्य बनाना चाहता हैं वह पहले अपना एक लक्ष्य निर्धारित करें. उसके बाद ही काम करना शुरू करें. उन्होंने कहा कि जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आएंगे लेकिन अपने लक्ष्य से न भटक कर कड़ी मेहनत जो करता है वो ही कामयाब होता है.

Intro:नेशनल जियो ग्राफी पर बुधवार की रात 8 बजे प्रसारित होने वाली काउंटिंग टाइगर्स प्रोग्राम को शूट करने में अहम भूमिका निभाने वाले उत्तराखंड के वाइल्ड लाइफ फ़ोटो ग्राफर पवन नेगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान काउंटिंग टाइगर की शूटिंग के तमाम अनुभवों को साझा किया।


Body:इस परियोजना का हिस्सा बनने के लिए उत्तराखंड से एकमात्र, पवन नेगी, लंदन स्थित कंपनी ऑप्टिमम टेलीविजन द्वारा चुना गए थे। उनकी पहली डॉक्यूमेंट्री भारत के दो प्रमुख टाइगर गढ़ ढिकला, कॉर्बेट नेशनल पार्क में मोतीचूर रेंज और राजाजी टाइगर रिजर्व के भीतर आने वाले चीला रेंज में टाइगर जनगणना के विधिपूर्वक कार्य को दर्शाती है। इसके साथ ही पवन नेगी ने इस डॉक्यूमेंट्री पर दिलीप चौधरी के साथ डायरेक्टर उपमा भटनागर, प्रोड्यूसर मनोज भटनागर, कैमरामैन शिवेंद्र गौड़ और सुजीत चौरसिया के साथ वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के जाने-माने वन्यजीव विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया।


वही पवन नेगी ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री में अच्छा एक्सपीरियंस रहा है लेकिन इसके लिए उन्हें बहुत मेंहनत करनी पड़ी है। क्योकि मंजिल ऐसे ही हासिल नही होती है। साथ बताया कि इस काम मे टीम वर्क की बड़ी भूमिका होती है। और इस प्रोजेक्ट में हमारी टीम ने बहुत मेहनत किया है। साथ हु बताया कि इस प्रोग्राम में उत्तराखंड में हुई शूटिंग में उन्हें काम करने का मौका मिला।


नेशनल जियो ग्राफी के शो में चुने जाने के सवाल पर पवन नेगी ने बताया कि जिंदगी में लक्ष्य तय करना बहुत जरूरी होता है। और उनका लक्ष्य पहले से ही तय रहा है। और उनका हमेशा से ही लक्ष्य रहा है कि अगर कैमरा पकड़ा है तो ये कैमरा ही उन्हें आगे ले जाएगा। ज्यादा से ज्यादा कैमरे के स्टडी में बीतता हु, और हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करता हु। साथ ही बताया कि उत्तराखंड में 70 फीसदी वन क्षेत्र है और यही वजह है कि वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी से जुड़ा, और उन्हें ट्रैक मिल चुकी है वो इसी ट्रैक पर रहना चाहते है। 


साथ ही पवन नेगी ने बताया कि अपने कैरियर के शुरुवाती दिनों में बहुत मेहनत की एक निजी चैनल से कैरियर की शुरुवात की, इसके साथ ही कैमरा सीखने और कैमरा हैंडल करने के लिए अन्य राज्यो में भी जाते थे। और उसी दौरान इसकी नींव रखी गयी जिसका ही नतीजा है कि ये रिजल्ट सामने निकल कर आया है। साथ ही बताया कि ये उनके लिए बहुत बड़ी अचिवमेंट है, उत्तराखंड राज्य और देश के लिए भी।


साथ ही बताया कि वह कुछ अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं लिहाजा उसे शेयर नहीं कर सकते लेकिन बताया कि जो वर्ल्ड लाइफ में काम करते हैं वह जंगलों में अपने घर की तरह रहते हैं, और जानवरों को अपने बच्चे समान समझते हैं। साथ ही अपना एक वाक्य शेयर करते हुए पवन नेगी ने बताया कि वह एक बार सूट पर गए थे और जब वहां से वापस आए तो उनके आंखों में आंसू थे, जिसकी वजह यह थी वह पिछले 1 हफ्ते से पक्षियों के बीच में रहे थे और अपने हाथों से पक्षियों को खाना खिलाया था। साथ ही बताया कि जानवर जो है इस दुनिया में सबसे प्यार करने लायक जीव है। और अगर कुछ बचाना है तो जल, जंगल जमीन और जानवरों को बचाना है।


साथ ही नए युवा वीडियो जर्नलिस्टो को प्रोत्साहित करते हुए पवन नेगी ने बताया कि जो युवा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में अपना भविष्य बनाना चाहता है वह पहले अपना एक लक्ष्य बनाएं और उसी लक्ष्य पर चलें। हालांकि जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आएंगे लेकिन अपने लक्ष्य से ना भटके और मेहनत करते रहे।





Conclusion:
Last Updated : Aug 9, 2019, 11:21 AM IST
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