देहरादून: हिमालयी राज्यों की विशेष भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड में पहली बार सभी हिमालय राज्य एक मंच पर जुटेंगे. 28 जुलाई से मसूरी में होने जा रहे 11 राज्यों के इस सम्मेलन में नॉर्थ ईस्ट सहित उत्तर भातर के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री आमंत्रित हैं. इस कॉन्क्लेव में इन सभी राज्यों में विकास और नीतियों का खाका तैयार किया जाएगा. साथ ही ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या पर भी केंद्र से आयी नीति आयोग की टीम के साथ मंथन किया जाएगा. क्या कुछ रहने वाला है इस कॉन्क्लेव में खास इसे लेकर ईटीवी भारत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार से बातचीत की.
देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां विषम भौगोलिक समस्याओं के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण मानव विकास के रास्ते में बड़ा रोड़ा है. उन राज्यों में विकास का नया खाका तैयार करने के लिए 28 जुलाई से मसूरी में हिमालयी राज्यों का कॉन्क्लेव होने जा रहा है. जिसे लेकर सभी राज्यों के प्रतिनिधियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. नीति आयोग की टीम के साथ होने वाली इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी शामिल होंगे.
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कॉन्क्लेव की तैयारियों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि अब तक सभी तैयारियां अच्छी चल रही हैं. उन्होंने बताया कि इस कॉन्क्लेव को लेकर सभी राज्यों में काफी उत्साह है और पिछले एक महीने से सभी लोग अलग-अलग विषयों पर चर्चा कर रहे हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हिमालयन कॉन्क्लेव में साझा मेमोरेंडम तैयार किया जाएगा जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसके माध्यम से हम राष्ट्रीय विकास में सकारात्मक सहयोग कर सकते हैं.
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मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि 28 जुलाई को आयोजित होने वाला हिमालयन कॉन्क्लेव बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह पहला अवसर है कि इतने बड़े पैमाने पर इस तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव में हिमालयी राज्यों के विकास और खुशहाली पर विचार विमर्श किया जाएगा. मुख्य सचिव ने बताया कि इस कॉन्क्लेव में तैयार किया मेमोरेंडम को वित्त आयोग को देने की बात चल रही है. इसे बाद में अंतिम रूप दिया जाएगा, क्योंकि इस समय वित्त आयोग अपने अवार्ड को फाइनल करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग स्टेक होल्डर्स के साथ विचार विमर्श कर रहा है.