देहरादून: उत्तराखंड में मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरें यदा कदा हवा में गूंजती रहती हैं. दरअसल मंत्रियों को विभाग मिले चार महीने से ज्यादा समय हो चुका है. अकेले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 23 विभाग संभाल रहे हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की आवाज उठना लाजिमी है. आइए आपको बताते हैं कि प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के कौन कौन से 23 विभाग हैं. अन्य मंत्री कितने और कौन-कौन से विभाग संभाल रहे हैं.
मुख्यमंत्री धामी के विभाग: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने पास ये विभाग रखे- कार्मिक एवं अखिल भारतीय सेवाओं संस्थापना विषयक कार्य, सतर्कता, सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जनसेवा, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, नियोजन, राज्य सम्पत्ति, सूचना गृह, कारागार, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड जैसे विभाग हैं.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास अर्द्ध सैनिक कल्याण, राजस्व, खनन, औद्योगिक विकास, श्रम, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान प्रौद्योगिकी, पेयजल, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा, आयुष, आबकारी, न्याय, आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास, नागरिक उड्डयन और पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भी हैं.
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सतपाल महाराज के पास हैं 10 विभाग: सतपाल महाराज के पास- लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, जलागम प्रबंधन, सिंचाई, लघु सिंचाई, भारत-नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं जैसे बड़े विभाग हैं. पिछली सरकार में सतपाल महाराज के पास पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, सिंचाई व लघु सिंचाई, लोक निर्माण जैसे विभाग थे. नई सरकार में इन विभागों को बरकरार रखने के साथ पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण देकर उनका वजन बढ़ाया गया.
प्रेमचंद अग्रवाल के पास हैं 6 विभाग: कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पास- वित्त, वाणिज्य कर, स्टाम्प एवं निबंधन, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन और जनगणना जैसे विभाग हैं. मंत्रिमंडल में नए शामिल अग्रवाल पिछली विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं.
9 विभाग संभाल रहे गणेश जोशी: गणेश जोशी के पास- कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, उद्यान एवं कृषि प्रसंस्करण, उद्यान एवं फलोद्योग, रेशम विकास, जैव प्रौद्योगिकी, सैनिक कल्याण और ग्राम्य विकास जैसे महत्वपूर्ण 9 विभाग हैं. पूर्व सैनिक रहे गणेश जोशी पिछली सरकार में औद्योगिक विकास व एमएसएमई जैसे विभाग संभाल रहे थे. सैनिक कल्याण विभाग बरकरार रखते हुए कृषि एवं कृषि शिक्षा व ग्राम्य विकास उन्हें दिए गए हैं.
धन सिंह रावत के पास हैं 6 विभाग: स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे धन सिंह रावत के पास- विद्यालयी शिक्षा (बेसिक और माध्यमिक), संस्कृत शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जैसे विभाग हैं. धन सिंह रावत से आपदा प्रबंधन विभाग हटाया गया है, जबकि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा अतिरिक्त दिया गया है. रावत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल को दूसरी बार हराया है.
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सुबोध उनियाल के पास 4 विभाग हैं: सुबोध उनियाल के पास- वन, भाषा, निर्वाचन और तकनीकी शिक्षा जैसे विभाग हैं. इनमें वन विभाग तो पिछली सरकार के समय से ही चर्चित है. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर वन विभाग के कई अफसरों पर मुकदमे तक दर्ज हो चुके हैं. उनियाल को इस बार वन, भाषा, निर्वाचन एवं तकनीकी शिक्षा विभाग दिए गए हैं. पिछली सरकार में कृषि, उद्यान एवं संबंधित विभागों को बखूबी संभाल चुके सुबोध के इस बार सभी विभाग बदल दिए गए.
रेखा आर्य के पास हैं 4 विभाग: उत्तराखंड की एकमात्र महिला मंत्री रेखा आर्य के पास- महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता, मामले, खेल और युवा कल्याण जैसे अति महत्वपूर्ण विभाग हैं. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग बरकरार रखते हुए रेखा आर्य को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, खेल एवं युवा कल्याण जैसे नए विभाग सौंपे गए हैं. रेखा अनुसूचित जाति से आती हैं और अल्मोड़ा जिले की रहने वाली हैं.
चंदन रामदास के पास हैं 6 विभाग: चंदन रामदास के पास- समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, परिवहन, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम और खादी एवं ग्रामोद्योग समेत 9 विभाग हैं. चंदन रामदास का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है. फिलहाल वो स्वास्थ्य लाभ भी कर रहे हैं. पहली बार मंत्री बने चंदन राम दास अनुसूचित जाति से आते हैं.
सौरभ बहुगुणा के पास हैं 6 विभाग: सौरभ बहुगुणा के पास- पशु पालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल और कौशन विकास एवं सेवायोजना जैसे जनता से जुड़े जरूरी विभाग हैं. युवा मंत्री सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र हैं. किसान बहुल जिले ऊधमसिंह नगर की सितारगंज सीट से जीते हैं.
दरअसल उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है. यहां यात्रा में कई कई दिन लग जाते हैं. मुख्यमंत्री समेत लगभग हर मंत्री पर विभागों का भारी भरकम बोझ है. ऐसे में वो हर विभाग पर कितना ध्यान दे पाते होंगे ये तो सोचने वाली बात है. मुख्यमंत्री के पास अपने विभागों के अलावा भी पूरे राज्य की जिम्मेदारी है. उन्हें केंद्र सरकार से भी डील करनी पड़ती है. ऐसे में अकेले मुख्यमत्री 23 विभागों को कैसे संभाल रहे होंगे ये भी आश्चर्य की बात है. इसीलिए उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की जोरदार चर्चा है.
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संगठन को साधने के लिए भी मंत्रिमंडल विस्तार जरूरी: BJP एक कैडर वाली पार्टी है. पार्टी के कार्यकर्ताओं को बेहद अनुशासित माना जाता है. लेकिन हर नेता के मन में इच्छा होती है कि वो भी सरकार में शामिल हो और अपने क्षेत्र के लिए कुछ काम करे जिससे लोग उससे जुड़े रहें. ऐसे में कैबिनेट विस्तार जरूरी हो जाता है. अब देखना ये होगा कि सीएम धामी कब मंत्रिमंडल का विस्तार करते हैं.