देहरादून : पिछले महीने रेलवे बोर्ड ने उत्तराखंड के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखने का फैसला लिया था. जिसकी शुरुआत देहरादून के रेलवे स्टेशन से हो चुकी है. राजधानी के रेलवे स्टेशन पर लगाये गये बोर्ड में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा में स्टेशन का नाम लिखा गया है. तीन महीने बंद रहने के बाद आठ फरवरी को देहरादून का रेलवे स्टेशन खोल दिया जाएगा. तब यह एक नये ही रंग में नजर आएगा.
बता दें कि लगभग तीन महीनों के लंबे इंतजार के बाद अब जब देहरादून रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन दोबारा शुरू होगा तब देहरादून रेलवे स्टेशन में 14 के बजाय 18 कोच की ट्रेन प्रवेश कर पाएंगी. इसके साथ ही तीन प्लेटफार्म का देहरादून रेलवे स्टेशन अब चार प्लेटफॉर्म का हो जाएगा. वहीं रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर आप हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में देहरादून लिखा हुआ देखेंगे.
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आठ फरवरी से देहरादून के रेलवे स्टेशन का संचालन फिर से शुरू होने जा रहा है. आठ फरवरी से नंदा देवी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दून नैनी एक्सप्रेस, राफ्ती गंगा एक्सप्रेस, मसूरी एक्सप्रेस आदि ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी. नई दिल्ली-दून के बीच चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस का ट्रैक अंबाला डिविजन बनाया गया है.
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लगभग साढ़े 13 करोड़ का नुकसान
दून स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से रेलवे को लगभग साढ़े 13 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन है. देहरादून स्टेशन से टिकट और पार्सल बुकिंग से एक दिन में लगभग 15 लाख रुपये की आय होती है. ऐसे में 90 दिन ट्रेन न चलने से यह आंकड़ा लगभग साढ़े 13 करोड़ रुपये पहुंचता है.