देहरादून: पुलिस ने एक ऐसे पढ़े-लिखे शातिर किस्म के अभियुक्त को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा है जो फर्जी एसडीएम बनकर विवादित जमीनों व प्रॉपर्टी के निस्तारण कराने के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करता था. पुलिस ने फर्जी एसडीएम के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले अश्विनी कुमार के कब्जे से 2 लाख अधिक की नकदी, 6 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल फोन, बैंक की पासबुक चेक बुक आधार कार्ड और कई लोगों के पैन कार्ड और डीएल जैसे दस्तावेज बरामद किए हैं.
पिछले दिनों थाना प्रेमनगर क्षेत्र कोटला संतूर पुर में फर्जी एसडीएम अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने अपने फर्जी पटवारी पंकज शर्मा के साथ मिलकर सौरव बहुगुणा नाम के व्यक्ति के जमीन का मामला निपटाने की एवज में 15 लाख रुपए की ठगी की. पुलिस इस मामले में फर्जी एसडीएम का ड्राइवर बनकर उनका साथ देने वाले फर्जी पटवारी पंकज शर्मा की तलाश में जुटी है.
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तहसील कार्यालय में घूमकर लोगों को जाल में फंसाने का खेल
पुलिस की गिरफ्त में आया अभियुक्त अश्विनी कुमार श्रीवास्तव बाकायदा सोची समझी साजिश के तहत अपने साथ एक फर्जी पटवारी रखकर सरकारी एसडीएम जैसी गाड़ी में घूमकर लोगों को अपने चंगुल में फंसाता था. वहीं, अभियुक्त का एक साथी पंकज शर्मा फर्जी पटवारी बन कर देहरादून तहसील कार्यालय के आसपास दिन भर घूमकर विवादित प्रॉपर्टी मालिकों को काम कराने के नाम पर गुमराह करता था. फ़र्जी पटवारी पंकज शर्मा काम करवाने के एवज में लाखों रुपए का सौदा तय कर अपने उस्ताद अश्विनी कुमार श्रीवास्तव को एसडीएम साहब बताकर लोगों से मिलवाता था. उसके बाद दोनों ठगी के खेल को अंजाम देते थे.
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ठगी के आरोप में जेल जा चुका है
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले अश्विन कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ कई लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने का भी आरोप है. इस मामले में अभियुक्त इससे पूर्व हरिद्वार में फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर गिरफ्तार होकर जेल भी जा चुका है.
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पीसीएस परीक्षा में नाकाम होने के बाद फर्जी एसडीएम बनने का आया आइडिया
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हबीबपुरा चेतगंज वाराणसी में रहने वाले 53 वर्षीय अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह 1991 के इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पास आउट है. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने पीसीएस की परीक्षा दी. मगर वह उसमें नाकाम रहा. इसी के चलते उसे फर्जी एसडीएम बनने का आइडिया आया. लंबे समय तक अश्विनी कुमार अलग-अलग कंपनी में काम करने के बाद देहरादून के जीएमएस रोड पर रह रहा था. ऐसे में लॉकडाउन के बाद कामकाज बंद होने पर उसने अपने साथी फर्जी पटवारी पंकज शर्मा के साथ मिलकर विवादित जमीन और प्रॉपर्टी में परेशान लोगों के निस्तारण कराने को लेकर फर्जीवाड़े का काम शुरू किया.
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नेटवर्क को खंगालने में जुटी पुलिस
फिलहाल पुलिस अश्विनी कुमार श्रीवास्तव के दूसरे साथी पंकज शर्मा की तलाश में जुटी है. इस मामले में देहरादून एसएसपी ने बताया कि जांच पड़ताल में ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि गिरफ्तार अभियुक्त के नेटवर्क में कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं. पुलिस इस मामले में छानबीन कर अन्य लोगों की तलाश कर रही है.