देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. चमोली जिले के थराली विधानसभा क्षेत्र की पिंडर घाटी में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. पिंडर घाटी से 11 नवनिर्वाचित कांग्रेस जिला पंचायत सदस्यों में से 5 सदस्यों ने बगावती तेवर दिखाते हुए भाजपा का दामन थामने के संकेत दिए हैं. जिसके बाद जिले में सियासी पारा सांतवे आसमान पर है.
कांग्रेस के नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पिंडर घाटी से जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी न चुनने की वजह से वे नाराज हैं. जिसके चलते अब वे किसी भी दिशा में जाने के लिए स्वतंत्र हैं. ऐसे में चमोली जिले की थराली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस 11 जिला पंचायत सदस्य होने के बाद भी मुश्किलों में फंसती दिखाई दे रही है. इन सदस्यों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर लगातार पिंडर घाटी के कांग्रेस प्रत्याशियों की उपेक्षा का आरोप लगाया.
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थराली विधानसभा क्षेत्र की पिंडर घाटी से कांग्रेस के नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य लगातार भाजपा का दामन थामने के संकेत दे रहे हैं. बागी तेवर दिखाने वाले जिला पंचायत सदस्यों में देवी जोशी, बबीता महेश त्रिकुटी, आशा धपोला, लक्ष्मण रावत और भागीरथी रावत के नाम सामने आ रहे हैं. गुरुवार देर शाम देहरादून में एकत्र हुए पिंडर घाटी के 5 नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों ने साफतौर पर कहा कि अब कांग्रेस सभी हदें पार करते हुए उनके साथ छल की राजनीति करने में जुट गई है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में पांचों निर्वाचित सदस्यों ने बताया कि वह अब किसी का भी दामन थाम सकते हैं.