ETV Bharat / city

देवस्थानम बोर्ड में सुब्रमण्यम स्वामी की एंट्री से कांग्रेस गदगद, कहा-तीर्थ पुरोहितों के हक हकूकों को छीन रही सरकार

देवस्थानम बोर्ड पर बोलते हुए कांग्रेस ने कहा प्रदेश सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों की परवाह किए बिना बोर्ड के गठन का फैसला ले लिया. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मामले में तीर्थ पुरोहितों का पक्ष लिया है. इससे साबित होता है कि कांग्रेस जो विरोध कर रही थी वो सही था.

congress-happy-with-subramanian-swamys-entry-in-devasthanam-board
देवस्थानम बोर्ड में सुब्रमण्यम स्वामी की एंट्री से कांग्रेस गदगद
author img

By

Published : Jan 29, 2020, 11:13 PM IST

देहरादून: चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों को सुब्रमण्यम स्वामी का समर्थन मिला है. इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस का कहना है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी शंका पर मुहर लगाने का काम किया है. कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू से ही तीर्थ पुरोहितों के विरोध को जायज ठहरी रही है.जिसे अब सुब्रमण्यम स्वामी ने भी मान लिया है.

देवस्थानम बोर्ड में सुब्रमण्यम स्वामी की एंट्री से कांग्रेस गदगद

कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू से ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी, मगर सरकार ने ये कहते हुए चार धाम देवस्थानम बोर्ड का फैसला लिया कि इसके लिए सभी तीर्थ पुरोहितों को भरोसे में लिया गया है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों की परवाह किए बिना बोर्ड के गठन का फैसला ले लिया. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मामले में तीर्थ पुरोहितों का पक्ष लिया है. इससे साबित होता है कि कांग्रेस जो विरोध कर रही थी वो सही था.

पढ़ें-गंगोत्री हाईवे पर दिखने लगा चांग थांग ग्लेशियर, चारधामा यात्रा में रहेगा आकर्षण का केंद्र

वहीं, भाजपा विधायक और देहरादून के पूर्व मेयर विनोद चमोली ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड को राज्य के हित में बताया है. उन्होंने कहा इस मामले में विधानसभा में बड़ी चर्चा हुई है. इस चर्चा में तीर्थ पुरोहितों और उनसे जुड़े लोगों के हक हकूकों की पूरी चिंता की गई है. चार धाम देवस्थानम बोर्ड को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़कर भी देखा जा सकता है. उन्होंने कहा सरकार धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर काम करने जा रही है. बोर्ड से यहां सुविधाएं बेहतर बनेंगी. इससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. विनोद चमोली के मुताबिक, ये बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है. इसलिए सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.

पढ़ें-शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, कहा- उद्योग बने शिक्षा विभाग को सुधारने का किया प्रयास

बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को विधानसभा में पारित किया था. राज्यपाल की मुहर लगने के बाद अब यह कानून का रूप ले चुका है. मगर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ बताते हुए उन्हें समर्थन दिया है. जिसके बाद एक बार फिर से ये मामला गरमा गया है. जिस पर कांग्रेस और बीजेपी की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है.

देहरादून: चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों को सुब्रमण्यम स्वामी का समर्थन मिला है. इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस का कहना है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी शंका पर मुहर लगाने का काम किया है. कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू से ही तीर्थ पुरोहितों के विरोध को जायज ठहरी रही है.जिसे अब सुब्रमण्यम स्वामी ने भी मान लिया है.

देवस्थानम बोर्ड में सुब्रमण्यम स्वामी की एंट्री से कांग्रेस गदगद

कांग्रेस का कहना है कि वह शुरू से ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी, मगर सरकार ने ये कहते हुए चार धाम देवस्थानम बोर्ड का फैसला लिया कि इसके लिए सभी तीर्थ पुरोहितों को भरोसे में लिया गया है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों की परवाह किए बिना बोर्ड के गठन का फैसला ले लिया. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मामले में तीर्थ पुरोहितों का पक्ष लिया है. इससे साबित होता है कि कांग्रेस जो विरोध कर रही थी वो सही था.

पढ़ें-गंगोत्री हाईवे पर दिखने लगा चांग थांग ग्लेशियर, चारधामा यात्रा में रहेगा आकर्षण का केंद्र

वहीं, भाजपा विधायक और देहरादून के पूर्व मेयर विनोद चमोली ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड को राज्य के हित में बताया है. उन्होंने कहा इस मामले में विधानसभा में बड़ी चर्चा हुई है. इस चर्चा में तीर्थ पुरोहितों और उनसे जुड़े लोगों के हक हकूकों की पूरी चिंता की गई है. चार धाम देवस्थानम बोर्ड को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़कर भी देखा जा सकता है. उन्होंने कहा सरकार धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर काम करने जा रही है. बोर्ड से यहां सुविधाएं बेहतर बनेंगी. इससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. विनोद चमोली के मुताबिक, ये बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है. इसलिए सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.

पढ़ें-शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, कहा- उद्योग बने शिक्षा विभाग को सुधारने का किया प्रयास

बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को विधानसभा में पारित किया था. राज्यपाल की मुहर लगने के बाद अब यह कानून का रूप ले चुका है. मगर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ बताते हुए उन्हें समर्थन दिया है. जिसके बाद एक बार फिर से ये मामला गरमा गया है. जिस पर कांग्रेस और बीजेपी की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है.

Intro: चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों को भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का समर्थन मिला है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस की शंका पर मोहर लगाने का काम किया है तो वही भाजपा का मानना है कि तीर्थ पुरोहितों को यदि चार धाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर कोई संदेह है तो सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार है।
summary- चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन से नाराज चल रहे तीर्थ पुरोहितों को वरिष्ठ नेता और भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का साथ मिला है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी तीर्थ पुरोहितों के विरोध को जायज ठहरा रही है तो वहीं भाजपा चार धाम देवस्थानम बोर्ड को राज्य हित मे बता रही है।


Body: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का तीर्थ पुरोहितों को समर्थन मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कांग्रेस पहले से ही इस बात का विरोध कर रही थी कि तीर्थ पुरोहितों को बिना भरोसे में लिए सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड का फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पहले चार धाम श्राइन बोर्ड गठन की बात कही उसके बाद संशोधित करके इसे चार धाम देवस्थानम बोर्ड बना दिया गया कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता डॉ आरपी रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हक हकूकों की परवाह किए बिना बोर्ड का गठन का फैसला ले लिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी तीर्थ पुरोहितों का पक्ष लिया है इससे साबित होता है कि कांग्रेसी जो विरोध कर रही थी वो सत्य था आज भाजपा के बड़े नेता ने भी वही बात कह दी जो कांग्रेस की संख्या पर मोहर लगा रही है।
बाईट-डॉ आरपी रतूड़ी, पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता

वहीं भाजपा के विधायक और देहरादून के पूर्व मेयर विनोद चमोली ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड को राज्य हित में बताते हुए कहा कि इस मसले पर एक बड़ी चर्चा विधानसभा में हुई थी, उस चर्चा में उन्होंने भी हिस्सा लिया था। इसमें तीर्थ पुरोहितों और उनसे जुड़े लोगों के हक हकूकों की पूरी चिंता की गई है। चार धाम देवस्थानम बोर्ड को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़कर भी देखा जा सकता है। क्योंकि यह राज्य बड़े संघर्षों के बाद मिला है, ऐसे में यहां यदि पलायन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं तो उसमे चार धाम देवस्थानम बोर्ड जरुरी है। अगर धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर काम करने हैं और यहां अवस्थापना सुविधाएं बेहतर बनानी है तो चार धाम देवस्थानम बोर्ड आवश्यक है, इससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर सृजन होंगे। विनोद चमोली के मुताबिक यह बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है जिसका निर्णय लिया गया है, ऐसे में सभी को इसका स्वागत करना चाहिए। अगर तीर्थ पुरोहितों को चार धाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर कोई संदेह है तो सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार है।
बाइट- विनोद चमोली, भाजपा विधायक


Conclusion:त्रिवेंद्र सरकार ने ने हाल ही में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को विधानसभा में पारित किया था, और राज्यपाल की मुहर लगने के बाद अब यह कानून का रूप ले चुका है। मगर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन का विरोध किया है। वहीं कांग्रेस पार्टी का मानना है कि कांग्रेस सरकार के इस फैसले का विरोध पहले से ही करती आ रही थी, लेकिन तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में सुब्रमण्यम स्वामी के आने से कांग्रेस की शंका पर मुहर लग गई है, हालांकि भाजपा का मानना है कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम बनने से राज्य का हित होगा और पलायन रुकने के साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.