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सीएम धामी के वायरल लेटर वाले पीआरओ नंदन बिष्ट की बहाली पर बवाल, कांग्रेस नाराज

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Published : Jan 11, 2022, 7:42 AM IST

Updated : Jan 11, 2022, 9:19 AM IST

सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने वायरल पत्र वाले पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को बहाल कर दिया था. इसे लेकर अब कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने सीएम के बयान को बचकाना और हास्यास्पद बताया है. कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के बयान से ऐसा लग रहा है जैसे सीएम कार्यालय की कोई गरिमा नहीं है.

Congress expressed displeasure
सीएम के फैसले पर सवाल

देहरादून: सोमवार को मुख्यमंत्री धामी की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट की बहाली पर उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छोटा सा पीआरओ कोई बड़ी बात नहीं है. सीएम धामी ने कहा कि जांच कर ली गई है. जांच में पीआरओ निर्दोष साबित हुआ है. इस कारण उसकी बहाली कर दी गई है. इस पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घेरा है.
पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट की बहाली का मामला: सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने छह महीनों के कार्यकाल के साथ-साथ भाजपा सरकार की 5 सालों की उपलब्धि को लेकर जनता के सामने आए. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनसे पत्रकारों द्वारा कुछ सवाल भी किए गए. इनमें एक सवाल मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को लेकर भी था.

कांग्रेस का सीएम पर निशाना

पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट का पत्र हुआ था वायरल: दरअसल नंदन सिंह बिष्ट द्वारा खनन के काम में लगे वाहन को छोड़ने के लिए पुलिस को मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र लिखा गया था. इस पत्र के वायरल होते ही सूबे में बवाल मच गया था. विपक्ष ने खुद मुख्यमंत्री पर अवैध खनन को प्रश्रय देने का आरोप लगा दिया था. इस बढ़ते बवाल को देखते हुए मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संज्ञान लिया था. पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन अब उसे बहाल कर दिया गया है.
नंदन सिंह बिष्ट की बहाली को सीएम धामी ने छोटा मामला बताया: पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने इसे एक बहुत छोटा विषय बताया. सीएम धामी ने कहा कि एक छोटे से पीआरओ की गलती को इतना बड़ा न समझा जाए. इस मामले पर जांच की गई थी. जांच में पीआरओ निर्दोष साबित हुआ है. जिसके बाद उसकी बहाली की गई है. लेकिन कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर उनकी घेराबंदी शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा: सल्ट में मौत के मुंह से बच निकले 18 बस यात्री, चीड़ के पेड़ ने ऐसे बचा ली जान

कांग्रेस ने सीएम के बयान को बचकाना बताया: कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान बेहद बचकाना, हास्यास्पद और मुख्यमंत्री की गरिमा को बिगाड़ने वाला है. गरिमा दसौनी का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से गया एक पत्र क्या एक मजाक है. मुख्यमंत्री कार्यालय की कोई गरिमा नहीं है जो मुख्यमंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान बेहद हैरान करने वाला है. यह बयान दिखाता है कि भाजपा सरकार किस तरह से संचालित की जा रही है.

देहरादून: सोमवार को मुख्यमंत्री धामी की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट की बहाली पर उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छोटा सा पीआरओ कोई बड़ी बात नहीं है. सीएम धामी ने कहा कि जांच कर ली गई है. जांच में पीआरओ निर्दोष साबित हुआ है. इस कारण उसकी बहाली कर दी गई है. इस पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घेरा है.
पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट की बहाली का मामला: सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने छह महीनों के कार्यकाल के साथ-साथ भाजपा सरकार की 5 सालों की उपलब्धि को लेकर जनता के सामने आए. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनसे पत्रकारों द्वारा कुछ सवाल भी किए गए. इनमें एक सवाल मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को लेकर भी था.

कांग्रेस का सीएम पर निशाना

पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट का पत्र हुआ था वायरल: दरअसल नंदन सिंह बिष्ट द्वारा खनन के काम में लगे वाहन को छोड़ने के लिए पुलिस को मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र लिखा गया था. इस पत्र के वायरल होते ही सूबे में बवाल मच गया था. विपक्ष ने खुद मुख्यमंत्री पर अवैध खनन को प्रश्रय देने का आरोप लगा दिया था. इस बढ़ते बवाल को देखते हुए मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संज्ञान लिया था. पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन अब उसे बहाल कर दिया गया है.
नंदन सिंह बिष्ट की बहाली को सीएम धामी ने छोटा मामला बताया: पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने इसे एक बहुत छोटा विषय बताया. सीएम धामी ने कहा कि एक छोटे से पीआरओ की गलती को इतना बड़ा न समझा जाए. इस मामले पर जांच की गई थी. जांच में पीआरओ निर्दोष साबित हुआ है. जिसके बाद उसकी बहाली की गई है. लेकिन कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर उनकी घेराबंदी शुरू कर दी है.
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कांग्रेस ने सीएम के बयान को बचकाना बताया: कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान बेहद बचकाना, हास्यास्पद और मुख्यमंत्री की गरिमा को बिगाड़ने वाला है. गरिमा दसौनी का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से गया एक पत्र क्या एक मजाक है. मुख्यमंत्री कार्यालय की कोई गरिमा नहीं है जो मुख्यमंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान बेहद हैरान करने वाला है. यह बयान दिखाता है कि भाजपा सरकार किस तरह से संचालित की जा रही है.

Last Updated : Jan 11, 2022, 9:19 AM IST
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