देहरादून: उत्तराखंड में अब विकास कार्यों की विभागवार समीक्षा शुरू हो गई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ लोक निर्माण विभाग और तकनीकी शिक्षा की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ घंटों तक मंथन किया.
विभागीय समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से न सिर्फ विभाग के कार्यों का फीडबैक लिया बल्कि जनहित के लिहाज से विकास के कार्य में तेजी लाने के सख्त निर्देश भी दिए. इसके साथ ही अधिकारियों को भी 15 दिनों में एक बार धरातल पर जाकर कार्य प्रगति व गुणवत्ता के निरीक्षण के निर्देश दिये गये.
सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने की निर्देश दिये. सीएम ने कहा कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही और शिकायत पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाय.
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सीएम ने आउटकम बेस्ड डिलिवरी परर्फोमेंस पर जोर देने की बात कही. सीएम ने कहा कि विभागों को कार्य पूर्ण करने का जो लक्ष्य मिला है, उन्हें समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए. उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए विभागाध्यक्षों को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिए.
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों, चारधाम यात्रा के अन्तर्गत मोटर मार्गों के नवनिर्माण और पुननिर्माण, सेतु निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण, चौड़ीकरण व डोबरा चांठी भारी वाहन झूला सेतु निर्माण के कार्यों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाय कि जिन कार्यदाई संस्थाओं द्वारा कार्य किया जा रहा है, उनका भुगतान भी समय पर हो.
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डोबरा चांठी पुल के निर्माण को लेकर भी सीएम ने सख्त निर्देश दिये. सीएम ने मार्च 2020 तक इसका निर्माण कार्य पूरे करने की बात कही. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितने भी पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं उन सबकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए. सीएम ने कहा कि ऐसे पॉलिटेक्निक कॉलेजों की सूची भी उपलब्ध कराई जाय, जहां से पढ़ाई कर सबसे अधिक छात्रों को रोजगार मिला है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि साथ ही ऐसे सेक्टरों का भी आंकलन किया जाय, जिनमें भविष्य में रोजगार सृजन की अधिक संभावनाएं हों.