देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सुर्खियों में हैं. हरीश रावत लगातार सोशल मीडिया के जरिए त्रिवेंद्र सरकार को घेरने में लगे हैं. हरीश रावत के जनमुद्दों सरकार को घेरने के बाद सवाल उठता है कि क्या उनका ये विरोध प्रदर्शन आम लोगों के लिए है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान तो कुछ ऐसे ही सवाल खड़े कर रहा है. देखिये ये खास रिपोर्ट...
प्रदेश की राजनीति इन दिनों हरीश रावत बनाम सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के ईर्द-गिर्द चल रही है. कभी हरीश रावत आरोप लगाते हैं तो कभी त्रिवेंद्र सिंह रावत जवाब देकर हरीश रावत को ही घेरने की कोशिश करते हैं. इन दोनों के बीच चलने वाली ये जुबानी जंग इस बार खासी दिलचस्प है क्योंकि ये जंग इस बार मुद्दों को लेकर है. दरअसल, शीतकालीन सत्र का विरोध करते हुए हरीश रावत ने पहले गैरसैंण में उपवास किया. जिसके बाद उन्होंने देहरादून में गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया.
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हरीश रावत के विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसियों को एकजुट करने वाला वीडियो भाजपा को उनके खिलाफ ही मुद्दा दे गया. इस वीडियो में हरीश रावत पार्टी नेताओं को एकजुट होने का संदेश दे रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद भाजपा ने भी हरीश रावत पर पलटवार किया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत को आम लोगों से कोई लेना देना नहीं है. वे बस पार्टी को एकजुट करने के लिए अलग-अलग जगहों पर विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.