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देहरादून: CM त्रिवेंद्र ने चौरड़ा झील का किया निरीक्षण, कहा- जल्द होगा टेंडर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के गैरसैंण में पानी के संकट को दूर करने की दिशा में कोलियाणा, चमोली में चौरड़ा झील के हो रहे निर्माण का स्थलीय निरीक्षण किया. उन्होंने इस बांध की टेंडर प्रक्रिया अप्रैल 2020 में पूरी करने की बात कही.

lake inspection
चौरड़ा झील का निरीक्षण.
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Published : Mar 6, 2020, 2:54 PM IST

चमोली: उत्तराखंड के गैरसैंण में पानी के संकट को दूर करने की दिशा में कोलियाणा, चमोली में चौरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है. जिसका शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थलीय निरीक्षण किया. वहीं, निरीक्षण के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैरसैंण में पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए सुनियोजित प्लानिंग की जाए.

चौरड़ा झील का निरीक्षण.

ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण और उसके आस-पास के क्षेत्रों में आबादी की वृद्धि होगी लिहाजा उसके अनुरूप पेयजल की व्यवस्था की जानी है. यही नहीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रामगंगा पर बनने वाले बांध का डिजायन इस तरह तैयार किया जाए . जिससे कि भविष्य में इससे पेयजल की क्षमता में और वृद्धि हो सके.

यह भी पढ़ें: बागेश्वर में कोरोना वायरस का संदिग्ध मिलने से हड़कंप

वहीं, रामगंगा पर जो चौरड़ा झील बनाई जा रही है, उससे 2070 तक 31 हजार की आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा. वहीं सीएम ने बताया कि इस झील का निर्माण पूर्ण होने से गैरसैंण, भराड़ीसैंण और उनके आस-पास के क्षेत्रों में पूर्ण ग्रेविटी का जल उपलब्ध होगा. गैरसैंण में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो इसके लिए अधिकारियों को अन्य विकल्प भी तलाशने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बांध की टेंडर प्रक्रिया अप्रैल 2020 में की जाएगी. उसके बाद जल्द कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.

चमोली: उत्तराखंड के गैरसैंण में पानी के संकट को दूर करने की दिशा में कोलियाणा, चमोली में चौरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है. जिसका शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थलीय निरीक्षण किया. वहीं, निरीक्षण के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैरसैंण में पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए सुनियोजित प्लानिंग की जाए.

चौरड़ा झील का निरीक्षण.

ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण और उसके आस-पास के क्षेत्रों में आबादी की वृद्धि होगी लिहाजा उसके अनुरूप पेयजल की व्यवस्था की जानी है. यही नहीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रामगंगा पर बनने वाले बांध का डिजायन इस तरह तैयार किया जाए . जिससे कि भविष्य में इससे पेयजल की क्षमता में और वृद्धि हो सके.

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वहीं, रामगंगा पर जो चौरड़ा झील बनाई जा रही है, उससे 2070 तक 31 हजार की आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा. वहीं सीएम ने बताया कि इस झील का निर्माण पूर्ण होने से गैरसैंण, भराड़ीसैंण और उनके आस-पास के क्षेत्रों में पूर्ण ग्रेविटी का जल उपलब्ध होगा. गैरसैंण में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो इसके लिए अधिकारियों को अन्य विकल्प भी तलाशने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बांध की टेंडर प्रक्रिया अप्रैल 2020 में की जाएगी. उसके बाद जल्द कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.

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