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पर्यटन विभाग को CS का निर्देश, पर्वतारोहियों के लिए GPS आधारित रिस्टबैंड की व्यवस्था हो

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Published : Oct 14, 2021, 3:23 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 9:01 PM IST

मुख्य सचिव एसएस संधू ने सचिवालय में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक की. मुख्य सचिव ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी पर जोर दिया. सीएस ने कहा कि हेलीपैड विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए.

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देहरादून

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियर और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि सेटेलाइट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके. सर्च ऑपरेशन में इससे काफी सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं.

गुरुवार को मुख्य सचिव एसएस संधू ने पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक सम्भावनाएं है. इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं. उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए. हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किये जाएं. पर्यटन स्थलों में हेलीपैड विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, परंतु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए.

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पानी और टॉयलेट की सुविधाः बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20, 30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए सुचारू संचालन के लिए छोटी-छोटी दुकानें आदि की व्यवस्था की जा सकती है. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के मुताबिक सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए.

जानकारी के लिए एप और वेबसाइट तैयार करने के निर्देशः उन्होंने कहा कि युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करते हैं. युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए. इसके लिए ऐसी एप और वेबसाइट तैयार की जाएं, जिन पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो, परंतु बुजुर्गों के लिए ऑफलाइन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए. एप और वेबसाइट को सिटीजन फ्रेंडली एंड ईजी टू यूज बनाया जाए. पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए.

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रिसॉर्ट विकसित करने पर जोरः मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में जहां पर्यटन की संभावना होने के बावजूद, सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब संभव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसॉर्ट विकसित किए जा सकते हैं. इन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है. उस पैसे से नई जगह डेवलप की जा सकती है. इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे. उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएं.

मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकसः मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए. प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाए. प्रत्येक योजना की साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण हो सके. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए.

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियर और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि सेटेलाइट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके. सर्च ऑपरेशन में इससे काफी सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं.

गुरुवार को मुख्य सचिव एसएस संधू ने पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक सम्भावनाएं है. इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं. उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए. हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किये जाएं. पर्यटन स्थलों में हेलीपैड विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, परंतु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए.

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पानी और टॉयलेट की सुविधाः बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20, 30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए सुचारू संचालन के लिए छोटी-छोटी दुकानें आदि की व्यवस्था की जा सकती है. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के मुताबिक सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए.

जानकारी के लिए एप और वेबसाइट तैयार करने के निर्देशः उन्होंने कहा कि युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करते हैं. युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए. इसके लिए ऐसी एप और वेबसाइट तैयार की जाएं, जिन पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो, परंतु बुजुर्गों के लिए ऑफलाइन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए. एप और वेबसाइट को सिटीजन फ्रेंडली एंड ईजी टू यूज बनाया जाए. पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए.

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रिसॉर्ट विकसित करने पर जोरः मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में जहां पर्यटन की संभावना होने के बावजूद, सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब संभव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसॉर्ट विकसित किए जा सकते हैं. इन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है. उस पैसे से नई जगह डेवलप की जा सकती है. इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे. उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएं.

मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकसः मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए. प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाए. प्रत्येक योजना की साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण हो सके. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए.

Last Updated : Oct 14, 2021, 9:01 PM IST
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