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CM त्रिवेंद्र सिंह बोले- प्रकाश पंत का निधन उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति

साल 2000 में उत्तराखंड एक राज्य के रूप में स्थापित हुआ था. उस समय उत्तराखंड में अंतरिम सरकार भाजपा की थी. इस नए राज्य में संसदीय कार्य और विधाई कार्यों की समझ रखने वाले किसी वरिष्ठ और अनुभवी नेता की जरूरत थी. तभी डॉ. मुरली मनोहर जोशी को त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक सुझाव से उत्तराखंड की राजनीति में प्रकाश पंत को पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी मिली.

प्रकाश पंत के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जताया दुख.
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Published : Jun 6, 2019, 5:53 AM IST

Updated : Jun 6, 2019, 7:57 AM IST

देहरादून: प्रकाश पंत के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुख जताया. उन्होंने कहा कि पंत का निधन उत्तराखंड के लिए एक ऐसी क्षति है. जिसे पूरा नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड गठन के दौरान प्रकाश पंत के साथ पुरानी याद साझा की.

जानकारी देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

साल 2000 में उत्तराखंड एक राज्य के रूप में स्थापित हुआ था. उस समय उत्तराखंड में अंतरिम सरकार भाजपा की थी. इस नए राज्य में संसदीय कार्य और विधाई कार्यों की समझ रखने वाले किसी वरिष्ठ और अनुभवी नेता की जरूरत थी. तभी डॉ मुरली मनोहर जोशी को त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक सुझाव से उत्तराखंड की राजनीति में प्रकाश पंत को पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी मिली.

बता दें कि प्रकाश पंत ने अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था. जिसके चलते उनके मन में पठन-पाठन की रूचि के साथ समाज सेवा का भाव भी था. राज्य गठन से ठीक पहले 1998 में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में वह निर्वाचित हुए. थे. कुछ साल बाद सन 2000 में उत्तराखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ. उस दौरान उत्तराखंड में भाजपा की अंतरिम सरकार थी. ऐसे में नए राज्य में संसदीय कार्य और विधाई कार्यों की समझ रखने वाले वरिष्ठ और अनुभवी नेता की जरूरत महसूस होने लगी.

लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉ. मुरली मनोहर जोशी को युवा नेता प्रकाश पंत का नाम सुझाव स्वरूप दिया. लेकिन मुरली मनोहर जोशी ने प्रकाश पंत की कम उम्र और कम अनुभव के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया. इस असमंजस की स्थिति में रावत ने एक बार फिर मुरली मनोहर जोशी से कहा कि प्रकाश पंत एक जुझारू नेता हैं, अनुभव ना होने के बावजूद उन्हें पढ़ने-लिखने की आदत है.

और विधानसभा अध्यक्ष के पद को बेहतर तरीके से संभाल लेंगे. आखिरकार डा. मुरली मनोहर जोशी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुझाव को मान लिया और उत्तराखंड की पहली अंतरिम सरकार मैं पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रकाश पंत को जिम्मेदारी दे दी गई.

देहरादून: प्रकाश पंत के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुख जताया. उन्होंने कहा कि पंत का निधन उत्तराखंड के लिए एक ऐसी क्षति है. जिसे पूरा नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड गठन के दौरान प्रकाश पंत के साथ पुरानी याद साझा की.

जानकारी देते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

साल 2000 में उत्तराखंड एक राज्य के रूप में स्थापित हुआ था. उस समय उत्तराखंड में अंतरिम सरकार भाजपा की थी. इस नए राज्य में संसदीय कार्य और विधाई कार्यों की समझ रखने वाले किसी वरिष्ठ और अनुभवी नेता की जरूरत थी. तभी डॉ मुरली मनोहर जोशी को त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक सुझाव से उत्तराखंड की राजनीति में प्रकाश पंत को पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी मिली.

बता दें कि प्रकाश पंत ने अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था. जिसके चलते उनके मन में पठन-पाठन की रूचि के साथ समाज सेवा का भाव भी था. राज्य गठन से ठीक पहले 1998 में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में वह निर्वाचित हुए. थे. कुछ साल बाद सन 2000 में उत्तराखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ. उस दौरान उत्तराखंड में भाजपा की अंतरिम सरकार थी. ऐसे में नए राज्य में संसदीय कार्य और विधाई कार्यों की समझ रखने वाले वरिष्ठ और अनुभवी नेता की जरूरत महसूस होने लगी.

लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉ. मुरली मनोहर जोशी को युवा नेता प्रकाश पंत का नाम सुझाव स्वरूप दिया. लेकिन मुरली मनोहर जोशी ने प्रकाश पंत की कम उम्र और कम अनुभव के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया. इस असमंजस की स्थिति में रावत ने एक बार फिर मुरली मनोहर जोशी से कहा कि प्रकाश पंत एक जुझारू नेता हैं, अनुभव ना होने के बावजूद उन्हें पढ़ने-लिखने की आदत है.

और विधानसभा अध्यक्ष के पद को बेहतर तरीके से संभाल लेंगे. आखिरकार डा. मुरली मनोहर जोशी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुझाव को मान लिया और उत्तराखंड की पहली अंतरिम सरकार मैं पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रकाश पंत को जिम्मेदारी दे दी गई.

Intro:उत्तराखंड की राजनीति में प्रकाश पंत को बड़ी जिम्मेदारी का ब्रेक थ्रू उस एक सुझाव ने दिलवाया जो किसी और की तरफ से नहीं बल्कि मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से दिया गया था... ये उत्तराखंड में अंतरिम सरकार थी जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक सुझाव से प्रकाश पंत को पहले विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी गयी थी।


Body:प्रकाश पंत ने नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा... तो उनके मन में पठन-पाठन की रूचि के साथ समाज सेवा का भाव भी था। राज्य गठन से ठीक पहले 1998 में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में वह निर्वाचित हुए... जिसके बाद साल 2000 में उत्तराखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हो गया... अब उत्तराखंड में अंतरिम सरकार भाजपा की थी... नए राज्य में संसदीय कार्य और विधाई कार्यों की समझ रखने वाले किसी वरिष्ठ और अनुभवी नेता की जरूरत महसूस होने लगी... लेकिन इससे हटकर त्रिवेंद्र सिंह रावत उस दौरान डॉ मुरली मनोहर जोशी को युवा नेता प्रकाश पंत का नाम सुझाव स्वरूप दे दिया। तब मुरली मनोहर जोशी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुझाव को शायद उतना गंभीरता से नहीं लिया और इसीलिए उन्होंने उनके इस सुझाव पर त्रिवेंद्र सिंह रावत से प्रकाश पंत की कम उम्र और अनुभव न होने की बात कही लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रकाश पंत को भलीभांति जानते थे वह जानते थे कि प्रकाश पर न केवल पठन-पाठन से जुड़े हुए युवा राजनेता है बल्कि वह अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाना भी जानते हैं और यही बात उस दौरान संगठन का काम देख रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉ मुरली मनोहर जोशी के सामने रखी उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत पर एक जुझारू नेता है और वह अनुभव ना होने के बावजूद अपने पढ़ने-लिखने की आदत और जिम्मेदारी को समझने की गंभीरता के चलते अध्यक्ष के पद को बेहतर तरीके से संभाल लेंगे। तब डॉ मुरली मनोहर जोशी ने प्रकाश पंत को लेकर दिए गए इस सुझाव को मान लिया और आखिरकार उत्तराखंड की पहली अंतरिम सरकार मैं पहले विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रकाश पद को जिम्मेदारी दे दी गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड गठन के दौरान की पुरानी याद को मीडिया के सामने साझा किया और यह बताने की कोशिश की कि प्रकाश पंत खुद को मिलने वाली जिम्मेदारी को लेकर कितना सजग रहते थे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकाश पंत के निधन को उत्तराखंड के लिए एक पूरी ना होने वाली क्षति बताया।


Conclusion:
Last Updated : Jun 6, 2019, 7:57 AM IST
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