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एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर वकीलों ने किया सचिवालय कूच, दी चेतावनी

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Published : Dec 13, 2019, 5:09 PM IST

उत्तराखंड में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, रजिस्टर्ड वकीलों के चेंबर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने और अधिवक्ता कल्याण कोष बनाने सहित प्रमुख मांगों को लेकर अधिवक्ता मुखर हुए. देहरादून बार एसोसिएशन सहित उत्तराखंड के कई एसोसिएशन के सैकड़ों वकीलों ने शुक्रवार प्रदर्शन करते हुए सचिवालय कूच किया.

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वकीलों ने किया सचिवालय कूच

देहरादून: राजधानी में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जैसी मांगों को लागू करने को लेकर उत्तराखंड के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को सचिवालय कूच किया. वकीलों के सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया. सचिवालय कूच के दौरान अधिवक्ताओं ने मांगे पूरी न होने पर राजनीतिक नेताओं के मुकदमे न लड़ने की चेतावनी दी.

वकीलों ने किया सचिवालय कूच

अन्य प्रदेशों की तर्ज पर उत्तराखंड में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, रजिस्टर्ड वकीलों के चेंबर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने और अधिवक्ता कल्याण कोष बनाने सहित प्रमुख मांगों को लेकर अधिवक्ता मुखर हुए. देहरादून बार एसोसिएशन सहित उत्तराखंड के कई एसोसिएशन के सैकड़ों वकीलों ने शुक्रवार प्रदर्शन करते हुए सचिवालय का कूच किया. हालांकि, इस दौरान भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी वकीलों को सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर आगे जाने से रोक दिया.

पढ़ें-पिथौरागढ़ में नई जेल बनाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, पर्वतीय शैली में होगी तैयार

मांगें पूरी न होने तक नेताओं के मुकदमे नहीं लड़ेगे: बार एसोसिएशन अध्यक्ष

बार एसोसिएशन के वकीलों की मांग है कि 9 नवंबर 2000 से पहले के सभी वकीलों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए. आंदोलित अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तब तक बार एसोसिएशन के कोई भी अधिवक्ता उत्तराखंड के राजनीतिक दलों के नेताओं का मुकदमा नहीं लड़ेगा.

पढ़ें-कार से भिड़ंत होते ही कई फीट हवा में उछले बाइक सवार, देखें रोंगटे खड़े करने वाला VIDEO

आज वकीलों में असुरक्षा का भाव हैं: बार एसोसिएशन अध्यक्ष
वहीं, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जैसी मांगों को उत्तराखंड में लागू करने की मांग करते हुए देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि आज वकील की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने का समय आ गया है. आजकल अकारण ही वकीलों पर कई तरह के हमले हो रहे हैं. जिसके लिए कानून बनाना बहुत जरूरी है.

अधिवक्ताओं की प्रमुख चार मांगें

  • वकीलों के सुरक्षा के अधिकारों को लेकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
  • रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं को चेम्बर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराई जाए
  • 9 नवंबर 2000 राज्य स्थापना दिवस से पहले कार्यरत वकीलों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए.
  • राज्य सरकार अधिवक्ताओं के लिए कल्याण कोष का तत्काल गठन करे.

देहरादून: राजधानी में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जैसी मांगों को लागू करने को लेकर उत्तराखंड के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को सचिवालय कूच किया. वकीलों के सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया. सचिवालय कूच के दौरान अधिवक्ताओं ने मांगे पूरी न होने पर राजनीतिक नेताओं के मुकदमे न लड़ने की चेतावनी दी.

वकीलों ने किया सचिवालय कूच

अन्य प्रदेशों की तर्ज पर उत्तराखंड में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, रजिस्टर्ड वकीलों के चेंबर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने और अधिवक्ता कल्याण कोष बनाने सहित प्रमुख मांगों को लेकर अधिवक्ता मुखर हुए. देहरादून बार एसोसिएशन सहित उत्तराखंड के कई एसोसिएशन के सैकड़ों वकीलों ने शुक्रवार प्रदर्शन करते हुए सचिवालय का कूच किया. हालांकि, इस दौरान भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी वकीलों को सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर आगे जाने से रोक दिया.

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मांगें पूरी न होने तक नेताओं के मुकदमे नहीं लड़ेगे: बार एसोसिएशन अध्यक्ष

बार एसोसिएशन के वकीलों की मांग है कि 9 नवंबर 2000 से पहले के सभी वकीलों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए. आंदोलित अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तब तक बार एसोसिएशन के कोई भी अधिवक्ता उत्तराखंड के राजनीतिक दलों के नेताओं का मुकदमा नहीं लड़ेगा.

पढ़ें-कार से भिड़ंत होते ही कई फीट हवा में उछले बाइक सवार, देखें रोंगटे खड़े करने वाला VIDEO

आज वकीलों में असुरक्षा का भाव हैं: बार एसोसिएशन अध्यक्ष
वहीं, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जैसी मांगों को उत्तराखंड में लागू करने की मांग करते हुए देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि आज वकील की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने का समय आ गया है. आजकल अकारण ही वकीलों पर कई तरह के हमले हो रहे हैं. जिसके लिए कानून बनाना बहुत जरूरी है.

अधिवक्ताओं की प्रमुख चार मांगें

  • वकीलों के सुरक्षा के अधिकारों को लेकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
  • रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं को चेम्बर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराई जाए
  • 9 नवंबर 2000 राज्य स्थापना दिवस से पहले कार्यरत वकीलों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए.
  • राज्य सरकार अधिवक्ताओं के लिए कल्याण कोष का तत्काल गठन करे.
Intro:summary-एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जैसी मांगों को लागू करने को लेकर उत्तराखंड के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने किया सचिवालय कूच,मांगे ना पूरी होने तक राजनीतिक नेताओं के मुकदमे ना लड़ने की चेतावनी, भारी पुलिस बल द्वारा वकीलों को सचिवालय से पहले ही बेरिकेटिंग लगाकर रोका गया।


उत्तराखंड राज्य में अन्य प्रदेशों की तर्ज पर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, रजिस्टर्ड वकीलों को चेंबर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने और देश के अन्य प्रदेशों की तरह अधिवक्ता कल्याण कोष बनाने सहित प्रमुख मांगों को लेकर देहरादून बार एसोसिएशन सहित उत्तराखंड के कई एसोसिएशन के सैकड़ों वकीलों ने शुक्रवार प्रदर्शन करते हुए सचिवालय का कूच किया। हालांकि इस दौरान भारी पुलिस बल द्वारा वकीलों के रैली को सचिवालय से पहले बेरिकेटिंग लगाकर आगे जाने से रोक दिया गया।

मांगे ना पूरी होने तक राजनीतिक दलों के नेताओं का मुकदमा कोर्ट पर नहीं लड़ा जाएगा: बार एसोसिएशन अध्यक्ष देहरादून

उत्तराखंड राज्य बनने के 19 साल से आंदोलनरत अलग अलग बात एसोसिएशन के वकीलों की मांग है कि 9 नवंबर वर्ष 2000 से पहले के सभी वकीलों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए। अपनी जान माल की सुरक्षा और तमाम अपने अधिकारों को लेकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग को लेकर आंदोलित अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक उनकी राज्य सरकार इस तरह की प्रमुख मांगों पर विचार नहीं करती तब तक बार एसोसिएशन के कोई भी अधिवक्ता उत्तराखंड के राजनीतिक दलों के नेताओं का मुकदमा कोर्ट में न लड़ने की चेतावनी दी।


Body:आज वकीलों में असुरक्षा का भाव हैं: बार एसोसिएशन अध्यक्ष

वही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जैसी मांगो उत्तराखंड में लागू करने की सरकार से मांग करते हुए देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि, आज वकील की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने का समय आ गया हैं। क्योंकि अकारण आज वकीलों के साथ कई तरह के हमले हो रहे हैं। ऐसे में कानून की लड़ाई वाले अधिवक्ताओं कि सुरक्षा अधिकारों को लेकर एडवोकेट प्रोटक्शन एक्ट उत्तराखंड में लागू करना आवश्यक हो गया हैं।

बाइट-

अधिवक्ताओं की प्रमुख चार मांगे

1-वकीलों के सुरक्षा को अधिकारों को लेकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
2-रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं को चेम्बर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराई
3- 9 नवंबर वर्ष 2000 राज्य स्थापना दिवस से पहले कार्यरत वकीलों को राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाए
4- राज्य सरकार अधिवक्ताओं की कल्याण कोष का तत्काल गठन करें



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