देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम ने हाल ही में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में संचालन के लिए टाटा मोटर्स से 125 बसें खरीदी थी. जिनमें कई खामियां सामने आई हैं. शनिवार को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) की टीम ने इन बसों की जांच की. जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है.
बता दें सीआईआरटी के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में टाटा मोटर्स की बसों में गियर शिफ्ट लीवर का डिजाइन में दोष पाया है. इसके साथ ही CIRT की ओर से इमरजेंसी क्लीयरेंस बटन को चालक के पास लगाने तथा चालक के दरवाजे की स्टेप की लंबाई बढ़ाने का सुझाव भी दिया गया है.
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सीआईआरटी की जांच रिपोर्ट के विषय में फोन पर जानकारी देते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि जिस तरह टाटा मोटर्स से खरीदी गई सभी 125 बसों के गियर शिफ्ट लीवर के डिजाइन में खामियां उभर कर सामने आई हैं.
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ऐसे में अब उत्तराखंड परिवहन निगम ने इन सभी 125 बसों को टाटा मोटर्स को वापस लौटाने का फैसला लिया है. भविष्य में इन बसों को दोबारा तभी लिया जाएगा, जब कंपनी सीआईआरटी की रिपोर्ट में सामने आई सभी खामियों को दूर करेगी.
बता दें कि राज्य परिवहन निगम में टाटा से खरीदी गई नई बसों में गियर लीवर के टूटने व अन्य तकनीकी खराबी की शिकायतों के बाद 27 नवंबर को बसों के संचालन पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद बसों की थर्ड पार्टी तकनीकी जांच सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट से कराने के आदेश भी दिए थे.