देहरादून: शिक्षा महकमे में हड़कंप मचाने वाले ऑडियो प्रकरण के बाद शिक्षा मंत्री और महकमे से जुड़े अधिकारी चिर निंद्रा से जाग गए हैं. शुक्रवार को सचिवालय में निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर गहन मंथन किया गया. इसके साथ ही जांच से लेकर स्कूलों की मान्यता को लेकर फाइलों के निस्तारण पर फैसला लिया गया.
ऑडियो प्रकरण के बाद टूटी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद. उत्तराखंड शिक्षा विभाग में घूसखोरी से जुड़े ऑडियो पर ऐसा बवाल मचा कि शिक्षा मंत्री भी आरोपों के घेरे में आ गए.ऑडियो में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निजी सचिव का नाम आते ही आनन-फानन में शासन से लेकर शिक्षा निदेशालय तक ऑडियो की खोजबीन में जुट गए. बहरहाल, इस मामले में संयुक्त सचिव को घूसखोरी से जुड़ी बातें करने के आरोप में पद से हटा दिया गया. इसके साथ ही निजी स्कूलों की मान्यता के मामले पर भी अधिकारियों और शिक्षा मंत्री के बीच मंथन हुआ. बैठक में निजी स्कूलों की एनओसी का मामला पूरी तरह से छाया रहा. बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि अगर निजी स्कूलों की मान्यता की फाइलें निस्तारित न हुई तो 2 महीने में स्कूल को स्वत: ही मान्यता मिल जाएगी.पढ़ें-RTO और पुलिस ने नशेड़ी वाहन चालकों पर कसा शिकंजा, 113 चालान काटे गए
ऑडियो प्रकरण के बाद अब शिक्षा मंत्री ने निर्देश देते हुए निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर आए आवेदनों और इन फाइलों के निस्तारण की प्रक्रिया की पूरी रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर तलब की है. शिक्षा मंत्री के इस एक्शन से साफ है कि इस मामले में कार्यालय का नाम आने के बाद वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.