देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनिया के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं. सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है. चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
हक-हकूक प्रभावित नहीं होने देंगे: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा. देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा. कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा.
हाई पावर कमेटी में चारधाम के 8 सदस्य: बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री जी ने हमें आमंत्रित किया था. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पावर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा. जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा. चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना-प्रदर्शन एवं आन्दोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं. 30 अक्टूबर 2021 तक हम इसे स्थगित रखेंगे. सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया.
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30 अक्टूबर तक आंदोलन स्थगित: चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है. हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेंगे. मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है. हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आन्दोलन स्थगित रखेंगे. उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आयेगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे.
हर धाम से बोर्ड में 2-2 सदस्य: देवस्थानम बोर्ड के तहत नियुक्त उच्च स्तरीय समिति में चारोंधामों से जुड़े दो-दो पुजारियों को शामिल किया जाएगा. साथ ही चारधाम यात्रा को लेकर समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार कोई निर्णय लेगी. वहीं, राज्य सरकार ने बीते दिनों चारधाम यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी. जिसे सरकार ने वापस लेने का फैसला लिया है. ऐसे में अब चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ही अंतिम फैसला लेगा.
वहीं, बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि हाई पावर कमेटी में समिति की तरफ से आठ लोगों को मेंबर बनाया जाएगा. कमेटी की जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जाएगा. चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन हैं, उसे 30 अक्टूबर 2021 तक इसे स्थगित रखेंगे. सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया.
स्थगित चल रही है चारधाम यात्रा: बता दें कि चारधाम के कपाट खुलने के बाद से ही प्रदेश में चारधाम की यात्रा स्थगित चल रही है. बीते 28 जून को हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके चलते चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, देवस्थानम बोर्ड भंग किये जाने की मांग को लेकर भी तीर्थपुरोहित आंदोलित थेै.
वहीं, पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद तीर्थपुरोहितों को देवस्थानम बोर्ड को लेकर थोड़ी आस जगी है. जिसके बाद राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. जिसमें चारधाम से जुड़े दो पुजारियों को भी शामिल किया जाएगा. उच्च समिति की रिपोर्ट के आधार पर चारधाम यात्रा और देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार कोई ठोस निर्णय लेगी.
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गौरतलब है कि सात जुलाई को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर सुनवाई होनी थी. लेकिन, उससे पहले 6 जुलाई को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट में भी मामला विचाराधीन था. वहीं, प्रदेश में चारधाम यात्रा का समय बीतता जा रहा है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में अभी तक एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा को संचालित करने की अनुमति देने का अनुरोध भी करेगी.