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टिकट को लेकर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस में हैं बगावती सुर, कैसे मनाएगी पार्टी ?

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जब बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 59 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए तो टिकट नहीं मिलने वालों के बगावती सुर सुनाई दिए. जब कांग्रेस ने अपने 53 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की तो बीजेपी की बगावत कांग्रेस के असंतुष्टों के शोर के आगे दब गई. अब बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस इस बगावत को कैसे शांत करेगी.

Congress voices of rebellion
कांग्रेस में हैं बगावती सुर
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Published : Jan 24, 2022, 1:50 PM IST

देहरादून: चुनाव के लिए जब प्रत्याशियों की घोषणा की जाती है तो टिकट नहीं मिलने से निराश दावेदार हर बार बगावत करते ही हैं. लेकिन इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस ने जिस तरह रात को अपनी लिस्ट जारी की और अनेक मजबूत दावेदारों को टिकट नहीं मिला उससे पार्टी में बगावत की बू कुछ ज्यादा ही आ रही है. इसे बू क्या कहें अब तो बगावत का झंडा ही बुलंद हो गया है.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार देर रात कांग्रेस ने 53 नामों की घोषणा कर दी. पहले तो पार्टी के कार्यकर्ता और दावेदार इस बार पर हैरान थे कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को रात में प्रत्याशियों की सूची जारी करने की कौन सी मजबूरी आन पड़ी थी. टिकट के दावेदारों ने जब अपने नाम लिस्ट में नहीं देखे तो फिर नाराजगी सातवें आसमान पर पहुंच गई.

ये भी पढ़ें: काशीपुर कांग्रेस में बगावतः टिकट नहीं मिलने से नाराज सुनीता टम्टा, पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप

प्रत्याशियों की यह सूची बाहर आते ही तमाम सीटों पर बगावत के सुर भी उठने लगे हैं. बगावत की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए पहले ही दिल्ली से पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेज दिया था. मोहन प्रकाश रविवार को महामंत्री पार्टी संगठन मथुरादत्त जोशी के साथ मिलकर नाराज नेताओं को मनाने में लगे रहे. इस दौरान कांग्रेस की डिजास्टर मैनेजमेंट टीम ने सभी 26 जिलाध्यक्षों के साथ तमाम उन लोगों से फोन पर बात की जो बगावत का झुंडा बुलंद कर रहे हैं. इसके अलावा उन लोगों से भी बात की गई, जिनका नाम पहली सूची में चुनाव लड़ने के लिए घोषित हुआ है.

कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से सुरेश कुमार बिष्ट हैं नाराज: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार बिष्ट इस बार कर्णप्रयाग सीट से टिकट की उम्मीद लगाए हुए थे. 35 साल से कांग्रेस की सेवा कर रहे इस दावेदार को जब टिकट नहीं मिला तो वो बहुत निराश हुए. अब वो अपने समर्थकों और स्थानीय वोटरों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं. सुरेश कुमार बिष्ट का कहना है कि पिछले 35 साल उन्होंने अपने घर-परिवार और बच्चों से ज्यादा कांग्रेस का ख्याल रखा. लेकिन जब टिकट देकर उन्हें उनकी सेवा का फल मिलना था तब कांग्रेस ने उनके साथ सौतेला व्यवहार कर दिया. अगर सुरेश कुमार बिष्ट कांग्रेस छोड़ते हैं तो कर्णप्रयाग सीट पर कांग्रेस की जीत के आसार भी धुंधले हो सकते हैं.

पिथौरागढ़ की गंगोलीहाट सीट पर भी बगावती सुर: गंगोलीहाट से नारायण राम आर्य अपना टिकट कटने से बेहद आहत और दुखी हैं. आर्य का कहना है कि वह हर अच्छे-बुरे वक्त में अपनी पार्टी कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे. हर आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया. पार्टी ने अब एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया है, जिसने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार में टिकट नहीं मिलने से कांग्रेसी दावेदार नाराज, ब्रह्मचारी ने घर जाकर मनाया

हरिद्वार में भी बगावत: हरिद्वार में भी यही हालात हैं. हरिद्वार में भेल रानीपुर सीट पर महेश प्रताप राणा, वरुण बालियान, संजीव चौधरी जैसे बड़े नेताओं ने बगावत का झंडा बुलंद किया है. वहीं उत्तरकाशी की घनसाली सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने तो खुली बगावत कर दी है. भीमलाल आर्य ने कांग्रेस के प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है.

गढ़वाल में भी असंतोष: उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री सीट पर भी कांग्रेस के टिकट वितरण के बाद असंतोष है. टिकट के दावेदार कांग्रेस नेता संजय डोभाल ने अपने पद त्याग कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. विधानसभा सीट पौड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में विरोध का झंडा बुलंद हो गया है. टिकट के दावेदार कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. वहीं पूर्व जिला उपाध्यक्ष विनोद दसौनी ने टिकट बंटवारे पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस महिला प्रदेश महामंत्री और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने भी रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.

कमलेश रमन भी नाराज: देहरादून महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कमलेश रमन ने पार्टी के धरना-प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया था. वो भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. अब उन्होंने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया है.

बाजपुर में भी नाराजगी: बाजपुर से टिकट की दावेदारी कर रहीं पीसीसी सदस्य सुनीता टम्टा को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस पर महिलाओं और किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. सुनीता ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा भले ही सबका साथ सबका विकास करने की बात करते हों, लेकिन दोनों ही पार्टियों ने महिलाओं का उत्पीड़न किया है. वहीं, किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने बाजपुर की जनता के साथ छल करने का काम किया है.

ये भी पढ़ें: क्या हरक सिंह रावत के लिए 'वाटरलू' साबित होगा चौबट्टाखाल, सतपाल महाराज के खिलाफ लड़ने की उम्मीद

अभी विरोध और विवाद वाली 17 सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार घोषित करने हैं. मुख्य लड़ाई हरीश रावत और रणजीत रावत की फंसी हुई है. अपने खास संजय नेगी को टिकट नहीं मिलते देख हरीश रावत रामनगर सीट से दावा कर रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान हरीश रावत की इस मांग पर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है. उधर रणजीत रावत ने रामनगर की सीट को अपने सम्मान से जोड़ लिया है. कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने के बाद बगावत बड़ा रूप ले सकती है.

देहरादून: चुनाव के लिए जब प्रत्याशियों की घोषणा की जाती है तो टिकट नहीं मिलने से निराश दावेदार हर बार बगावत करते ही हैं. लेकिन इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस ने जिस तरह रात को अपनी लिस्ट जारी की और अनेक मजबूत दावेदारों को टिकट नहीं मिला उससे पार्टी में बगावत की बू कुछ ज्यादा ही आ रही है. इसे बू क्या कहें अब तो बगावत का झंडा ही बुलंद हो गया है.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार देर रात कांग्रेस ने 53 नामों की घोषणा कर दी. पहले तो पार्टी के कार्यकर्ता और दावेदार इस बार पर हैरान थे कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को रात में प्रत्याशियों की सूची जारी करने की कौन सी मजबूरी आन पड़ी थी. टिकट के दावेदारों ने जब अपने नाम लिस्ट में नहीं देखे तो फिर नाराजगी सातवें आसमान पर पहुंच गई.

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प्रत्याशियों की यह सूची बाहर आते ही तमाम सीटों पर बगावत के सुर भी उठने लगे हैं. बगावत की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए पहले ही दिल्ली से पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेज दिया था. मोहन प्रकाश रविवार को महामंत्री पार्टी संगठन मथुरादत्त जोशी के साथ मिलकर नाराज नेताओं को मनाने में लगे रहे. इस दौरान कांग्रेस की डिजास्टर मैनेजमेंट टीम ने सभी 26 जिलाध्यक्षों के साथ तमाम उन लोगों से फोन पर बात की जो बगावत का झुंडा बुलंद कर रहे हैं. इसके अलावा उन लोगों से भी बात की गई, जिनका नाम पहली सूची में चुनाव लड़ने के लिए घोषित हुआ है.

कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से सुरेश कुमार बिष्ट हैं नाराज: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार बिष्ट इस बार कर्णप्रयाग सीट से टिकट की उम्मीद लगाए हुए थे. 35 साल से कांग्रेस की सेवा कर रहे इस दावेदार को जब टिकट नहीं मिला तो वो बहुत निराश हुए. अब वो अपने समर्थकों और स्थानीय वोटरों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं. सुरेश कुमार बिष्ट का कहना है कि पिछले 35 साल उन्होंने अपने घर-परिवार और बच्चों से ज्यादा कांग्रेस का ख्याल रखा. लेकिन जब टिकट देकर उन्हें उनकी सेवा का फल मिलना था तब कांग्रेस ने उनके साथ सौतेला व्यवहार कर दिया. अगर सुरेश कुमार बिष्ट कांग्रेस छोड़ते हैं तो कर्णप्रयाग सीट पर कांग्रेस की जीत के आसार भी धुंधले हो सकते हैं.

पिथौरागढ़ की गंगोलीहाट सीट पर भी बगावती सुर: गंगोलीहाट से नारायण राम आर्य अपना टिकट कटने से बेहद आहत और दुखी हैं. आर्य का कहना है कि वह हर अच्छे-बुरे वक्त में अपनी पार्टी कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे. हर आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया. पार्टी ने अब एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया है, जिसने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार में टिकट नहीं मिलने से कांग्रेसी दावेदार नाराज, ब्रह्मचारी ने घर जाकर मनाया

हरिद्वार में भी बगावत: हरिद्वार में भी यही हालात हैं. हरिद्वार में भेल रानीपुर सीट पर महेश प्रताप राणा, वरुण बालियान, संजीव चौधरी जैसे बड़े नेताओं ने बगावत का झंडा बुलंद किया है. वहीं उत्तरकाशी की घनसाली सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने तो खुली बगावत कर दी है. भीमलाल आर्य ने कांग्रेस के प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है.

गढ़वाल में भी असंतोष: उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री सीट पर भी कांग्रेस के टिकट वितरण के बाद असंतोष है. टिकट के दावेदार कांग्रेस नेता संजय डोभाल ने अपने पद त्याग कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. विधानसभा सीट पौड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में विरोध का झंडा बुलंद हो गया है. टिकट के दावेदार कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. वहीं पूर्व जिला उपाध्यक्ष विनोद दसौनी ने टिकट बंटवारे पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस महिला प्रदेश महामंत्री और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने भी रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.

कमलेश रमन भी नाराज: देहरादून महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कमलेश रमन ने पार्टी के धरना-प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया था. वो भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. अब उन्होंने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया है.

बाजपुर में भी नाराजगी: बाजपुर से टिकट की दावेदारी कर रहीं पीसीसी सदस्य सुनीता टम्टा को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस पर महिलाओं और किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. सुनीता ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा भले ही सबका साथ सबका विकास करने की बात करते हों, लेकिन दोनों ही पार्टियों ने महिलाओं का उत्पीड़न किया है. वहीं, किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने बाजपुर की जनता के साथ छल करने का काम किया है.

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अभी विरोध और विवाद वाली 17 सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार घोषित करने हैं. मुख्य लड़ाई हरीश रावत और रणजीत रावत की फंसी हुई है. अपने खास संजय नेगी को टिकट नहीं मिलते देख हरीश रावत रामनगर सीट से दावा कर रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान हरीश रावत की इस मांग पर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है. उधर रणजीत रावत ने रामनगर की सीट को अपने सम्मान से जोड़ लिया है. कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने के बाद बगावत बड़ा रूप ले सकती है.

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