देहरादून: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR और उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों का लेखा-जोखा जारी किया है. इसमें माननीयों का आपराधिक बैकग्राउंड, आर्थिक, शैक्षिक विवरण दिया गया है. राज्य की 70 विधानसभा सीटों के 65 विधायक का लेखा जोखा दिया गया है. पांच सीटें किन्हीं कारणों से खाली हैं.
उत्तराखंड के 20 विधायकों पर आपराधिक केस: उत्तराखंड के सीटिंग 65 विधायकों में से 20 ने उन पर आपराधिक केस चलने की पुष्टि की है. यानी उत्तराखंड के 31 फीसदी विधायकों पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं. इनमें से 14 विधायकों पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं. यानी 22 फीसदी विधायक गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.
उत्तराखंड के दो विधायकों पर मर्डर के केस: चौंकाने वाली बात ये है कि 2 विधायकों पर तो मर्डर के केस चल रहे हैं. यानी इन दोनों विधायकों पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज हैं. एक विधायक पर हत्या के प्रयास का केस चल रहा है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तराखंड के MLA आगे: महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी उत्तराखंड के विधायक पीछे नहीं हैं. तीन विधायकों ने माना है कि उन पर महिला के साथ अपराध का केस चल रहा है.
BJP के 16 तो कांग्रेस के 3 विधायकों पर आपराधिक केस: पार्टी वाइज विधायकों पर दर्ज आपराधिक केसों की बात करें तो सबसे ज्यादा केस सत्तानसीन बीजेपी के 16 विधायकों पर केस चल रहे हैं. यानी बीजेपी के 54 में से 16 विधायकों मतलब 30 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं. कांग्रेस तो और आगे है. कांग्रेस के 9 में से 3 विधायकों यानी 33 फीसदी विधायकों पर आपराधिक केस चल रहे हैं. दो निर्दलियों में से एक पर आपराधिक केस दर्ज है. यानी निर्दलियों का मामला 50-50 है.
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14 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले: गंभीर आपराधिक केसों की बात की जाए तो बीजेपी के 54 में से 10 यानी 19 फीसदी विधायकों पर ऐसे केस दर्ज हैं. कांग्रेस के 9 में से 3 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. यानी कांग्रेस के विधायकों का प्रतिशत 33 है. एक निर्दलीय विधायक पर भी गंभीर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं.