देहरादून: शहर में 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले आरोपी को न्यायालय ने दोषी करार दिया है. ये मुकदमा 13 महीनों बाद निर्णायक स्थिति में पहुंचा है. बुधवार को स्पेशल पोक्सो जज रमा पांडेय की अदालत में दोषी को सजा सुनाई जाएगी. वहीं, अभियोजन की ओर से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की गई है.
जानकारी के मुताबिक मामला 28 जुलाई 2018 का है. जब थाना सहसपुर क्षेत्र के शिवालिक इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माणाधीन भवन में काम करने वाला एक मजदूर जयप्रकाश, वहीं काम करने वाले एक परिवार की 10 साल की मासूम को 10 रुपए देने के बहाने निर्माणाधीन भवन के कोने में चुपचाप ले गया. जहां शराब के नशे में जयप्रकाश ने बच्ची के साथ प्राकृतिक और अप्राकृतिक रूप से दुष्कर्म कर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद जयप्रकाश ने शव को ठिकाने लगाने के लिए कमरे के नीचे गड्ढा खोदकर पत्थरों और सीमेंट के बोरों से ढक दिया.
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घटना के बाद देर शाम तक मासूम बच्ची घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने भवन में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की. जिसमें पता चला कि आरोपी जयप्रकाश ने तीन बच्चों को टॉफी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया. जहां से दो बच्चे को उसने वापस कर दिया और दस साल की बच्ची को अपने साथ ले गया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूल किया.
वहीं, पोक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि सोमवार को न्यायालय ने आरोपी जयप्रकाश को आईपीसी 376, 377, 201, 302 और 5/6 पोक्सो के तहत दोषी करार दे दिया. अब अदालत बुधवार को सजा का ऐलान करेगी. साथ ही सबूतों के बारे में जानकारी देते हुए भरत सिंह नेगी ने कहा कि बच्ची की मुठ्ठी से आरोपी के बाल मिले, जिनका डीएनए आरोपी से मिला. कमरे से मिले 10 रुपये के नोट से आरोपी और पीड़िता दोनों के फिंगर प्रिंट्स मिले. साथ ही मृतका के वैजाइनल स्वैब से आरोपी का डीएनए मिलान भी हुआ.