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पड़ताल: उत्तराखंड में 66 पुलों की स्थिति बेहद खराब, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

प्रदेश में मौजूद इसी प्रकार के जर्जर पुलों की करें तो इस वक्त पूरे राज्य में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से बदला जाना है. प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार प्रदेश में मौजूद ये सभी 66 पुल काफी पुराने समय के हैं.

प्रदेश में 66 झूला पुल जर्जर स्थिति में
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Published : Jul 13, 2019, 7:11 PM IST

देहरादून: ऋषिकेश में गंगा नदी पर स्थित ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल जर्जर स्थिति में है और यह अधिक भार सहन नहीं कर सकता. लक्ष्मण झूला पुल पर आई रिपोर्ट के बाद शासन-प्रशासन भी जाग गया है. जिसके बाद प्रदेशभर के पुलों का तकनीकी परीक्षण करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं. प्रदेश में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं जोकि जर्जर हालत में हैं और जिन पर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जाना जरुरी है.

प्रदेश में 66 झूला पुल जर्जर स्थिति में

ऋषिकेश के विश्वविख्यात लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही बंद करने के बाद स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है. लक्ष्मण झूला पुल से यहां आने वाले पर्यटकों से लेकर स्थानीय लोगों की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं. हर कोई लक्ष्मण झूला पुल पर आई खबर के बाद सन्न है. बता दें कि ऋषिकेश के इस झूला पुल के ध्वस्तीकरण को लेकर पिछले कई महीनों से एक्सरसाइज चल रही थी.

लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि 1923 में बना लक्ष्मण झूला पुल अपने 95 साल पूरे कर चुका है. लक्ष्मण झूला पुल पर खतरे की आशंका को देखते हुए जनवरी 2019 में एक कंसल्टेंसी नियुक्त की गई थी ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये सेतु आवाजाही के लिए सुरक्षित है या नहीं? हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस मामले में कंसलटेंट ने 5 जुलाई को अपनी रिपोर्ट दी. जिसमें इस सेतु पर तत्काल प्रभाव से आवाजाही बंद करने की एडवाइजरी दी गयी थी. इस रिपोर्ट में पुल पर किसी भी वक्त बड़े हादसे की बात कही गयी थी. जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने तुरन्त इस पुल पर आवाजाही को रोक दिया है.

इसके अलावा बात अगर प्रदेश में मौजूद इसी प्रकार के जर्जर पुलों की करें तो इस वक्त पूरे राज्य में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से बदला जाना है. प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार प्रदेश में मौजूद ये सभी 66 पुल काफी पुराने समय के हैं. जोकि आज काफी जर्जर हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी पुलों पर आज काफी दबाव है, जिसके कारण इन्हें बदला जाना बहुत जरुरी है.

देहरादून: ऋषिकेश में गंगा नदी पर स्थित ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल जर्जर स्थिति में है और यह अधिक भार सहन नहीं कर सकता. लक्ष्मण झूला पुल पर आई रिपोर्ट के बाद शासन-प्रशासन भी जाग गया है. जिसके बाद प्रदेशभर के पुलों का तकनीकी परीक्षण करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं. प्रदेश में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं जोकि जर्जर हालत में हैं और जिन पर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जाना जरुरी है.

प्रदेश में 66 झूला पुल जर्जर स्थिति में

ऋषिकेश के विश्वविख्यात लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही बंद करने के बाद स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है. लक्ष्मण झूला पुल से यहां आने वाले पर्यटकों से लेकर स्थानीय लोगों की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं. हर कोई लक्ष्मण झूला पुल पर आई खबर के बाद सन्न है. बता दें कि ऋषिकेश के इस झूला पुल के ध्वस्तीकरण को लेकर पिछले कई महीनों से एक्सरसाइज चल रही थी.

लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि 1923 में बना लक्ष्मण झूला पुल अपने 95 साल पूरे कर चुका है. लक्ष्मण झूला पुल पर खतरे की आशंका को देखते हुए जनवरी 2019 में एक कंसल्टेंसी नियुक्त की गई थी ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये सेतु आवाजाही के लिए सुरक्षित है या नहीं? हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस मामले में कंसलटेंट ने 5 जुलाई को अपनी रिपोर्ट दी. जिसमें इस सेतु पर तत्काल प्रभाव से आवाजाही बंद करने की एडवाइजरी दी गयी थी. इस रिपोर्ट में पुल पर किसी भी वक्त बड़े हादसे की बात कही गयी थी. जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने तुरन्त इस पुल पर आवाजाही को रोक दिया है.

इसके अलावा बात अगर प्रदेश में मौजूद इसी प्रकार के जर्जर पुलों की करें तो इस वक्त पूरे राज्य में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से बदला जाना है. प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार प्रदेश में मौजूद ये सभी 66 पुल काफी पुराने समय के हैं. जोकि आज काफी जर्जर हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी पुलों पर आज काफी दबाव है, जिसके कारण इन्हें बदला जाना बहुत जरुरी है.

Intro:summary- लोक निर्माण विभाग ने बताया कि पिछले कई महीनों से लक्ष्मण झूला को लेकर शाशन द्वारा जांच चल रही थी साथ ही राज्य में और ऐसे कितने पुल है उनकी भी जानकारी विभाग द्वारा दी गयी।

Note- ये ख़बर Exclusive है।

एंकर- तीर्थ नगरी ऋषिकेश की शान रामझूला-लक्ष्मण झूला पुल में से लक्ष्मण झूला पुल अपने अंतिम दौर में है। शासन द्वारा इस पर आवाजाही रोकने के बाद सभी लोग स्तब्ध है। आम लोगों के लिए भले ही ये फैसला चौकाने वाला हो लेकिन लक्ष्मण झूला को लेकर सरकारी मशीनरी पिछले कई महीनों से जांच कर रही थी जिसके बाद ये फैसला सरकार द्वारा लिया गया तो वहीं इस से ज्यादा बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में लक्ष्मण झूला जैसे 66 और ऐसे सेतु है जिन्हें तत्काल प्रभाव से बदला नही गया तो कभी भी उन पर बड़ा हादसा हो सकता है।


Body:वीओ- विष्वविख्यात ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पुल के ध्वस्तीकरण के बात अचानक से सामने आने पर लोगों में काफी आक्रोश है। जिस किसी की भी यादें भी लक्ष्मण झूला पुल से जुड़ी हैं इसके ध्वस्तीकरण की खबर सुन वो सन्न है। लेकिन आपको बता दें कि ऋषिकेष के इस झूला पुल के ध्वस्तीकरण को लेकर पिछले कई महीनों से एक्सरसाइज चल रही थी।

लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि 1923 में बना लक्ष्मण झूला पुल अपने 95 साल पूरे कर चुका है और अब उस पर खतरे की आशंका को देखते हुए जनवरी 2019 में एक कंसल्टेंसी नियुक्त की गई थी ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये सेतु आवाजाही के लिए सुरक्षित है या नही। हरि ओम शर्मा ने बताया कि कंलटेन्ट द्वारा 5 जुलाई को अपनी रिपोर्ट दी गयी थी जिसमे इस सेतु पर तत्काल प्रभाव से आवाजाही की एडवाइजरी दी गयी और पुल पर किसी भी वक्त बड़े हादसे की बात रिपोर्ट में कही गयी थी जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार द्वारा तुरन्त इस पुल पर आवाजाही रोक दी गयी है।
इसके अलावा अगर बात करें पूरे प्रदेश में मौजूद इसी प्रकार के जर्जर पुलों की तो पूरे राज्य में इस तरह से तकरीबन 66 ऐसे सेतू है जिनको तत्काल प्रभाव से बदला जाना है। प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार प्रदेश में मोजूद ये सभी 66 पुल काफी पुराने समय मे बने हैं जो कि आज के परिपेक्ष की तुलना में काफी कमजोर है। इन सभी पुलों पर आज काफी दबाव है जिन्हें जल्द बदला जाना है। जल्द ही Etv भारत ऐसे सभी पुलों के नाम और लोकेशन भी आपके सामने रखेगा और दिखायेगा की इनकी क्या स्थिति है।

बाइट- हरिओम शर्मा, प्रमुख अभियंता, लोकनिर्माण विभाग


Conclusion:
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