देहरादून: ऋषिकेश में गंगा नदी पर स्थित ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल जर्जर स्थिति में है और यह अधिक भार सहन नहीं कर सकता. लक्ष्मण झूला पुल पर आई रिपोर्ट के बाद शासन-प्रशासन भी जाग गया है. जिसके बाद प्रदेशभर के पुलों का तकनीकी परीक्षण करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं. प्रदेश में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं जोकि जर्जर हालत में हैं और जिन पर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जाना जरुरी है.
ऋषिकेश के विश्वविख्यात लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही बंद करने के बाद स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है. लक्ष्मण झूला पुल से यहां आने वाले पर्यटकों से लेकर स्थानीय लोगों की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं. हर कोई लक्ष्मण झूला पुल पर आई खबर के बाद सन्न है. बता दें कि ऋषिकेश के इस झूला पुल के ध्वस्तीकरण को लेकर पिछले कई महीनों से एक्सरसाइज चल रही थी.
लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि 1923 में बना लक्ष्मण झूला पुल अपने 95 साल पूरे कर चुका है. लक्ष्मण झूला पुल पर खतरे की आशंका को देखते हुए जनवरी 2019 में एक कंसल्टेंसी नियुक्त की गई थी ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये सेतु आवाजाही के लिए सुरक्षित है या नहीं? हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस मामले में कंसलटेंट ने 5 जुलाई को अपनी रिपोर्ट दी. जिसमें इस सेतु पर तत्काल प्रभाव से आवाजाही बंद करने की एडवाइजरी दी गयी थी. इस रिपोर्ट में पुल पर किसी भी वक्त बड़े हादसे की बात कही गयी थी. जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने तुरन्त इस पुल पर आवाजाही को रोक दिया है.
इसके अलावा बात अगर प्रदेश में मौजूद इसी प्रकार के जर्जर पुलों की करें तो इस वक्त पूरे राज्य में तकरीबन 66 ऐसे पुल हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से बदला जाना है. प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार प्रदेश में मौजूद ये सभी 66 पुल काफी पुराने समय के हैं. जोकि आज काफी जर्जर हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी पुलों पर आज काफी दबाव है, जिसके कारण इन्हें बदला जाना बहुत जरुरी है.