नई दिल्ली : चीन में बढ़ते इन्फ्लूएंजा के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए घरेलू निर्यातकों ने रविवार को कहा कि वे स्थिति पर सावधानी से नजर रख रहे हैं, क्योंकि बीमारी का प्रकोप बढ़ने से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और विश्व व्यापार फिर से प्रभावित हो सकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन अगर यह बीमारी दुनिया के अन्य हिस्सों में फैलती है तो इसका विश्व व्यापार पर असर पड़ेगा क्योंकि चीन वैश्विक विनिर्माण तथा निर्यात का केंद्र है. सरकार ने 24 नवंबर को कहा था कि देश चीन में इन्फ्लूएंजा की स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि चीन में एवियन इन्फ्लूएंजा, एच9एन2, के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारी के मामले सामने आने से भारत को खतरा कम है. मीडिया की कुछ खबरों में उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों बढ़ने का संकेत दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया है.अग्रणी चमड़ा निर्यातक एवं फ़रीदा समूह के चेयरमैन रफीक अहमद ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. अगर बीमारियां फैलीं तो इसका व्यापार पर असर पड़ेगा. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईईओ) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि हम निश्चित रूप से चिंतित हैं और ज्यादातर चीजें इसके प्रसार पर निर्भर करती हैं. अगले पांच-छह दिन काफी महत्वपूर्ण होंगे.
मुंबई के निर्यातक खालिद खान ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई थी. अगर चीन में मौजूदा बीमारियां फैलती हैं, तो यह फिर से श्रृंखला को प्रभावित कर सकती है. खान ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है. लुधियाना के इंजीनियरिंग निर्यातक एस सी रल्हान ने कहा कि अब तक वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई है और पड़ोसी देश से उनका आयात सुचारू रूप से जारी है. चीन, भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। अप्रैल-अक्टूबर 2023 में चीन से आयात 60 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2022 में समान अवधि में यह 60.26 अरब अमेरिकी डॉलर था. चालू वित्त वर्ष के सात महीनों में चीन को भारत का निर्यात बढ़कर 8.92 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान 8.85 अरब अमेरिकी डॉलर था.