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लगातार खरीदारी के बाद FPI ने भारत में शेयर बेचना शुरू किया, मुनाफावसूली करना है टारगेट!

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक- FPI निरंतर खरीदारी के बाद भारत में शेयर बेचना शुरू कर दिया है. जिस तरह से पिछले तीन महीनों में बाजार में तेजी आई है, FPI मुनाफावसूली करना चाहते हैं.

FPI Investment
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक
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Published : Aug 12, 2023, 1:52 PM IST

नई दिल्ली : अगस्त में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक- FPI ने 7543 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने ये जानकारी दी है. तीन महीने की निरंतर खरीदारी के बाद FPI ने भारत में शेयर बेचना शुरू कर दिया है. तीन महीने में FPI ने 137603 करोड़ रुपये का निवेश किया था. विजयकुमार ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड का 4 फीसदी से ऊपर रहना भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए एफपीआई प्रवाह अल्पकालिक नकारात्मक है.

हालांकि FPI वित्तीय, पूंजीगत वस्तुओं और वित्तीय तथा आईटी में खरीदार बने हुए हैं. उन्होंने कहा, बाजार में एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति यह है कि एफपीआई की बिक्री का मुकाबला मजबूत डीआईआई खरीदारी से होता है. उन्होंने कहा कि मजबूत डॉलर और उच्च अमेरिकी बांड यील्ड को देखते हुए एफपीआई भारत में बिकवाली जारी रख सकते हैं. इसके अलावा, जिस तरह से पिछले तीन महीनों में बाजार में तेजी आई है, FPI मुनाफावसूली करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें-

फिडेलफोलियो इन्वेस्टमेंट्स के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक किसलय उपाध्याय ने कहा कि जुलाई में एफपीआई की बिकवाली के बावजूद, शेयर बाजार की स्थिरता घरेलू निवेशकों की ताकत और उनकी परिपक्वता को भी इंगित करती है. एएमएफआई के म्यूचुअल फंड डेटा पर उन्होंने कहा कि पूरे वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध इक्विटी प्रवाह ने अपना सकारात्मक रुख बनाए रखा है. फिर भी, शुद्ध इक्विटी प्रवाह में महीने-दर-महीने कमी आई है, जो 8,637 करोड़ रुपये से घटकर 7,626 करोड़ रुपये हो गया है, जो 12 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : अगस्त में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक- FPI ने 7543 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने ये जानकारी दी है. तीन महीने की निरंतर खरीदारी के बाद FPI ने भारत में शेयर बेचना शुरू कर दिया है. तीन महीने में FPI ने 137603 करोड़ रुपये का निवेश किया था. विजयकुमार ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड का 4 फीसदी से ऊपर रहना भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए एफपीआई प्रवाह अल्पकालिक नकारात्मक है.

हालांकि FPI वित्तीय, पूंजीगत वस्तुओं और वित्तीय तथा आईटी में खरीदार बने हुए हैं. उन्होंने कहा, बाजार में एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति यह है कि एफपीआई की बिक्री का मुकाबला मजबूत डीआईआई खरीदारी से होता है. उन्होंने कहा कि मजबूत डॉलर और उच्च अमेरिकी बांड यील्ड को देखते हुए एफपीआई भारत में बिकवाली जारी रख सकते हैं. इसके अलावा, जिस तरह से पिछले तीन महीनों में बाजार में तेजी आई है, FPI मुनाफावसूली करना चाहते हैं.

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फिडेलफोलियो इन्वेस्टमेंट्स के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक किसलय उपाध्याय ने कहा कि जुलाई में एफपीआई की बिकवाली के बावजूद, शेयर बाजार की स्थिरता घरेलू निवेशकों की ताकत और उनकी परिपक्वता को भी इंगित करती है. एएमएफआई के म्यूचुअल फंड डेटा पर उन्होंने कहा कि पूरे वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध इक्विटी प्रवाह ने अपना सकारात्मक रुख बनाए रखा है. फिर भी, शुद्ध इक्विटी प्रवाह में महीने-दर-महीने कमी आई है, जो 8,637 करोड़ रुपये से घटकर 7,626 करोड़ रुपये हो गया है, जो 12 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.

(आईएएनएस)

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