नई दिल्ली: बजट हर किसी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. व्यक्तिगत से लेकर व्यावसायिक आवश्यकताओं तक सब कुछ बजट पर निर्भर करता है. पर क्या आप जानते हैं वास्तव में बजट शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई? इसे फ्रांसीसी शब्द 'बुगेट' से गढ़ा गया था जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला. इसी से बजट शब्द बना है.
आज हम आपको बताएंगे बजट को लेकर कुछ रोचक तथ्य और थोड़ा सा इतिहास जो आपको जानना चाहिए.
आखिर बजट पेश करने के सूटकेस ही क्यों ?
ब्रिटेन के तत्कालीन चांसलर ऑफ एक्सचेकर के प्रमुख विलियम इवर्ट ग्लैडस्टोन ने उनके साथ एक लाल सूटकेस रखा था. जिसे लाल बॉक्स या बजट बॉक्स के रूप में जाना जाता था. सूटकेस में वित्तीय कागजात के बंडल थे. इसके बाद यह परंपरा आजतक कायम है.
भारतीय संविधान में नहीं हैं बजट का जिक्र
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि भारतीय संविधान में बजट शब्द नहीं है. लेकिन संविधान के अनुच्छेद 112 में इसे वार्षिक वित्तीय विवरण नाम दिया गया है. इस विवरण में सरकार पूरे साल के अपने अनुमानित खर्चों और होने वाली आय का ब्यौरा देती है.
भारत का पहला बजट
सबसे पहले सबसे पहली बात कि पहला बजट कब पेश किया गया था. भारत का पहला बजट ब्रिटिश वायसराय की काउंसिल के मेंबर जेम्स विल्सन ने पेश किया था. यह प्रक्रिया 18 फरवरी 1860 को शुरू हुई थी. ब्रिटिश सरकार के बजट के तहत शाम को 5 बजे बजट पेश किया जाता था. शाम की प्रस्तुति ने कर संग्रह एजेंसियों को बजट में किए गए परिवर्तनों पर काम करने में सक्षम बनाया.
आजादी से ठीक पहले का बजट
भारत को अपनी स्वतंत्रता मिलने से पहले अंतिम बजट लियाकत अली खान ने 9 अक्टूबर 1946 को पेश किया था. जो कि 14 अगस्त 1947 तक के लिए था.
स्वतंत्र भारत का पहला बजट
स्वतंत्रता के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आर के शनमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था.
रिपब्लिक भारत का पहला बजट
रिपब्लिक ऑफ इंडिया का पहला बजट वित्तमंत्री के तौर पर जॉन मथाई ने पेश किया था. शनमुखम के बाद जॉन मथाई 1949-50 के लिए बजट पेश करने वाले दूसरे वित्त मंत्री बने. इस बजट के रोडमैप ने योजना आयोग के बनाए जाने का स्वरूप तय किया था.
निर्वाचित सरकार का पहला बजट
भारत के पहले निर्वाचित सरकार का बजट पेश सीडी देशमुख ने किया था. सीडी देशमुख ने 7 बार बजट पेश किया है.
पहले प्रधानमंत्री जिसने पेश किया बजट
वित्त मंत्री टी टी कृष्णमचारी के इस्तीफे के बाद साल 1958 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश किया था. प्रधानमंत्री ने इस बजट में डायरेक्ट टैक्स के तहत पहली बार गिफ्ट पर टैक्स का प्रावधान पेश किया था.
बजट की छपाई हिंदी में शुरु
पहली बार वित्त वर्ष 1955-56 में बजट दस्तावेज हिंदी भाषा में लिखे गए थे. इसके बार यह परंपरा हर साल की जाने लगी.
अपने जन्मदिन पर पेश किया बजट
मोरारजी देसाई ने 1964 और 1968 में अपने जन्मदिन के दिन बजट पेश किया था. वह अपने जन्मदिन पर बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे.
जब इंदिरा गांधी ने पेश किया आम बजट
वर्ष 1970 में मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद इंदिरा गांधी पहली महिला और पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं जिसने बजट पेश किया.
जब शाम पांच बजे की बजाय सुबह 11 बजे पेश हुआ बजट
वर्ष 2000 तक, केंद्रीय बजट को फरवरी महीने के अंतिम कार्य-दिवस को शाम 5 बजे घोषित किया जाता था. यह अभ्यास औपनिवेशिक काल से विरासत में मिला था जब ब्रिटिश संसद दोपहर में बजट पारित करती थी जिसके बाद भारत ने इसे शाम को करना आरम्भ किया. अटल बिहारी बाजपेयी की एनडीए सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा थे, जिन्होंने परम्परा को तोड़ते हुए 2001 के केंद्रीय बजट के समय को बदलते हुए 11 बजे घोषित किया. यशवंत सिन्हा सुबह के समय में बजट पेश करने वाले पहले वित्त मंत्री बने थे.
मोदी सरकार ने बदल दी बजट पेश करने की तारीख
साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा बजट में एक बड़ा बदलाव किया गया था. बजट की स्वीकृति में आगे की देरी को प्रबंधित करने और 1 अप्रैल को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए बजट पेश करने की तारीख 28 फरवरी से 1 फरवरी स्थानांतरित कर दी गई.
....और इस तरह से आम हो गया रेल बजट
आम बजट और रेलवे बजट संसद में अलग-अलग दिन पेश होता था. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सालों पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया और 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं भी आम बजट में ही वित्त मंत्री करने लगे.
देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री होंगी जो बजट पेश करेंगी. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास वित्त मंत्रालय रह चुका है और वह बजट भी पेश कर चुकी है लेकिन वह पूर्णकालिक वित्त मंत्री नहीं थीं.