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खुशखबरी: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में लगातार बढ़ रही देशी-विदेशी सैलानियों की संख्या - joshimath news

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला है कि राज्य गठन से अबतक करीब 1,05,687 पर्यटक विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी का दीदार कर चुके हैं. जिसमें 8 हजार 299 से ज्यादा विदेशी सैलानी थे.

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी
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Published : May 22, 2019, 5:19 PM IST

हल्द्वानी: जोशीमठ में फूलों की घाटी के नाम से मशहूर राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी अभ्यारण में हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. जिससे राज्य सरकार को अच्छी-खासी आमदनी हुई है. साथ ही हर साल फूलों की घाटी का दीदार करने वाले सैलानियों की तादाद लगातार बढ़ रही है.

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला है कि राज्य गठन से अबतक करीब 1,05,687 पर्यटक विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी का दीदार कर चुके हैं. जिसमें 8 हजार 299 से ज्यादा विदेशी सैलानी थे. वहीं, वैली ऑफ फ्लावर्स में इन पर्यटकों की आमद से सरकार को करीब एक करोड़ 44 लाख 888 रुपए की आमदनी भी हुई है.

पढ़ें- नैनीताल लोकसभा: दो दिग्गजों की साख दांव पर, विधानसभा चुनाव में दोनों को मिली थी करारी शिकस्त

बता दें कि उत्तराखंड के सीमांत चमोली जनपद के उच्च हिमालयी छेत्र में समुद्रतल से 3962 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 87.5 वर्ग किलोमीटर छेत्र में फैली यह घाटी कुदरत का बेजोड़ नमूना है. ये वही घाटी है, जिसका ज़िक्र रामायण और महाभारत में नंदकानन के नाम से हुआ है, लेकिन वर्तमान में इस घाटी का पता सबसे पहले वर्ष 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस. स्मिथ और उनके साथी आरएल होल्डस्वर्थ ने लगाया. इसकी बेइंतहा खूबसूरती से प्रभावित होकर स्मिथ 1937 में दोबारा घाटी में आये और 1938 में वैली ऑफ फ्लावर्स के नाम से एक किताब प्रकाशित करवाई. साल 1982 में फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया. हिमाच्छादित पर्वत से घिरी ये घाटी हर साल बर्फ पिघलने के बाद खुद-बखुद बेशुमार फूलों से भर जाती है.

हल्द्वानी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया का कहना है कि देश-विदेश से हजारों पर्यटक जोशीमठ स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पहुंचते हैं. ऐसे में राज्य सरकार को इस फूलों की घाटी के उत्थान और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए. जिससे यहां आने वाले पर्यटकों की की संख्या में इजाफा बना रहा है और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके.

हल्द्वानी: जोशीमठ में फूलों की घाटी के नाम से मशहूर राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी अभ्यारण में हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. जिससे राज्य सरकार को अच्छी-खासी आमदनी हुई है. साथ ही हर साल फूलों की घाटी का दीदार करने वाले सैलानियों की तादाद लगातार बढ़ रही है.

विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला है कि राज्य गठन से अबतक करीब 1,05,687 पर्यटक विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी का दीदार कर चुके हैं. जिसमें 8 हजार 299 से ज्यादा विदेशी सैलानी थे. वहीं, वैली ऑफ फ्लावर्स में इन पर्यटकों की आमद से सरकार को करीब एक करोड़ 44 लाख 888 रुपए की आमदनी भी हुई है.

पढ़ें- नैनीताल लोकसभा: दो दिग्गजों की साख दांव पर, विधानसभा चुनाव में दोनों को मिली थी करारी शिकस्त

बता दें कि उत्तराखंड के सीमांत चमोली जनपद के उच्च हिमालयी छेत्र में समुद्रतल से 3962 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 87.5 वर्ग किलोमीटर छेत्र में फैली यह घाटी कुदरत का बेजोड़ नमूना है. ये वही घाटी है, जिसका ज़िक्र रामायण और महाभारत में नंदकानन के नाम से हुआ है, लेकिन वर्तमान में इस घाटी का पता सबसे पहले वर्ष 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस. स्मिथ और उनके साथी आरएल होल्डस्वर्थ ने लगाया. इसकी बेइंतहा खूबसूरती से प्रभावित होकर स्मिथ 1937 में दोबारा घाटी में आये और 1938 में वैली ऑफ फ्लावर्स के नाम से एक किताब प्रकाशित करवाई. साल 1982 में फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया. हिमाच्छादित पर्वत से घिरी ये घाटी हर साल बर्फ पिघलने के बाद खुद-बखुद बेशुमार फूलों से भर जाती है.

हल्द्वानी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया का कहना है कि देश-विदेश से हजारों पर्यटक जोशीमठ स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पहुंचते हैं. ऐसे में राज्य सरकार को इस फूलों की घाटी के उत्थान और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए. जिससे यहां आने वाले पर्यटकों की की संख्या में इजाफा बना रहा है और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके.

Intro:स्लग-आरटीआई से खुलासा।
रिपोर्टर भावनाथ पंडित हल्द्वानी

एंकर -उत्तराखंड के जोशीमठ की फूलों घाटी से मशहूर राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी अभ्यारण के नाम से मशहूर फूलों की घाटी में राज्य बनने से अब तक हजारों देशी-विदेशी सैलानी दर्शन कर चुके हैं। जिससे राज्य को काफी आमदनी भी हुई है ।सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ की फूलों की घाटी में हर साल पर्यटकों की तादाद बढ़ रही है


Body:राज्य बनने से अब तक विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में 105687 पर्यटक फूलों की घाटी का आनंद ले चुके हैं। जिसमें 8229 पर्यटक अन्य गल्फ कंट्रीओं से फूलों की घाटी के दर्शन के लिए आए हैं ।और राज्य सरकार को एक करोड़ 44 लाख 38 हजार 888 का आमदनी भी हुई है।
हल्द्वानी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी जोशीमठ की पहचान पूरे विश्व में है ऐसे में उत्तराखंड सरकार को इस फूलों की घाटी के उत्थान और पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए जिससे कि उत्तराखंड के इस फूलों की घाटी का देश-विदेश में पहचान हो सके और पर्यटक ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे जिससे कि वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ साथ पर्यटक को भी बढ़ावा मिल सके।
बाइट हेमंत गोनिया सामाजिक कार्यकर्ता


Conclusion:उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के उच्च हिमालई क्षेत्र के समुद्र तल से 3962 मीटर ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी की पहचान पूरे विश्व में है।87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह फूलों की घाटी गुजरात की सुंदरता अपने में समेटे हुई है।
फूलों की घाटी का जिगर रामायण और महाभारत मैं नंदकानंन के नाम से हुआ है। इस फूलों की घाटी का पता वर्ष 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोहियों में लगाया था। 1982 में फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उत्थान घोषित किया गया। इस घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं खास बात यह है कि हर 15 दिन में फूलों का रंग बदलने से घाटी का रंग ही बदल जाता है।

इस खबर में फूलों की घाटी का विजुअल चमोली के रिपोर्टर से मनाकर लगाने का कष्ट करें
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